माता की चौकी : महिला सशक्तिकरण के कसौटी पर हेमन्त सरकार व विपक्ष झारखण्ड बीजेपी 

देश में मौसम दशहरे का है. लूट व राजनीति के अक्स में ब्राह्मणवाद चाहे इस पर्व को जो भी मायने दे, लेकिन जन मानस के लिए एक ही बात मायने रखती है. बच्चों पर जब भी मुसीबत आती है हर माँ सबकुछ दांव पर लगा अपने बच्चों की रक्षा करती है. ऐसे में जरुर देखा जाना चाहिए कि झारखंड सरकार कैसे माताओं/ महिलाओं की भावनाओं का मान रखती है. यह दुर्गा पूजन के मद्देनजर मानवता व संवेदनशीलता की कसौटी भी हो सकती है. दशहरे के अवसर पर महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर वर्तमान सत्ता के 10 महवपूर्ण कार्य. 

हेमन्त सरकार में महिलाओं के अधिकारों की बात हो. और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एक वृद्ध महिला की खराब स्थिति पर त्वरित संज्ञान लेते हैं और जिला प्रशासन को निर्देश देते हैं कि असहाय वृद्ध को तत्काल राहत पहुंचाए जाए. एक बहन मुख्यमंत्री से पिता के शव के अंतिम संस्कार की गुहार लाये और प्रशासन त्वरित एक्शन में आ जाए जाए तो राज्य की बेटियों-माताओं के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है. देश के दूर-दराज इलाकों से बेटियां मुख्यमंत्री को पुकारे और यह झारखंडी बेटा उस पुकार पर उन्हें तस्करी से मुक्ति दे, तो यह मातृत्व के दूध का आभार भर का प्रयास हो सकता है.  

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1. देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी महिलाओं के साथ खड़े दिखी सरकार 

लॉकडाउन के संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन  राज्यवासियों के साथ खड़े दिखे हैं. जब संक्रमण चरम पर था, लोगों को रोज़गार मिलना तो दूर नौकरियाँ गवांनी पड़ रही थी. झारखण्ड की महिलाएं बेरोज़गार नहीं रही. सीएम ने न केवल स्वयं सहायता समूहों के द्वारा महिलाओं को काम उपलब्ध कराया, बल्कि कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के संचालन का जिम्मा भी महिलाओं को दिया. स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मास्क और सैनिटाइजर का निर्माण किया. दाल-भात योजना, दीदी किचन योजना का काम महिलाओं को दिया गया. दोनों ही योजनाओं की काफी प्रशंसा भी हुई. 

2. जुझारू महिला सिपाहियों को महिला दिवस के अवसर पर सम्मान के मायने 

मंत्री जोबा मांझी। विधायक सीता सोरेन। विधायक अंबा प्रसाद। विधायक दीपिका पांडेय। विधायक पूर्णिमा सिंह। विधायक पुष्पा देवी। विधायक सविता महतो। जैसी महिला जुझारू सिपाहियों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर सम्मान देना, मुख्यमंत्री का महिलाओं के आदर देना पितृसत्तात्मक बेड़ियों के इतर उस बराबरी की मानसिकता को दर्शाता है, जिसके अक्स में न केवल झारखंड बल्कि देश का विकास निहित है. 

3. महिला हॉकी टीम की झारखंडी नायिकाओं का सम्मान 

महिला हॉकी टीम की झारखंडी खिलाड़ी, सलीमा टेटे और निक्की प्रधान को मुख्यमन्त्री हेमन्त द्वारा सम्मानित किया गया. मुख्यमन्त्री द्वारा दोनों महिला नायिकाओं को 50-50 लाख रूपये के चेक, स्कूटी की चाबी, लैपटॉप व स्मार्टफोन सम्मान स्वरूप प्रदान किया गया. साथ ही 3000 स्कायरफीट का पक्का मकान भी देने की घोषणा की. महिलाओं की पिंक ऑटो से पिंक सिटी बस तक का सफ़र, विस्तारीकरण के रूप का सच हेमन्त कार्यकाल में ही दिखा. मुख्यमंत्री के सकारात्मक प्रयास से राज्य की महिलायें हड़िया-दारू बेचने के कलंक को धोते हुए आत्‍मसम्‍मान के साथ अपनी दुकानें चलाकर परिवार का पोषण कर पा रही हैं.

4. महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का हुआ मार्ग प्रशस्त

  • 30 सितंबर को मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की 111 महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर नियुक्ति पत्र सौंपा गया.
  • महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर मुख्यमंत्री द्वारा 29 सितंबर को तीन प्रमुखता योजनाओं की शुरूआत हुई. आजीविका संवर्धन हुनर अभियान, फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान व पलाश ब्रांड शामिल हैं. जिसके सकारात्मक परिणाम दिखे.
  • महिला खिलाड़ियों के विकास के लिए भी हेमन्त सोरेन  द्वारा कई नीतियां ज़मीन पर उतारी गयी. 8 अक्टूबर को हेमन्त सोरेन ने पहली बार जिला खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति में महिलाओं को शामिल किया गया. 
  • हेमन्त सरकार में महिलाए़ बनी कपड़ा उद्योग का आधार – रोज़गार लक्ष्य था 8000 लेकिन 12000 को देने की दिशा में बढ़ी सरकार. 
  • 18 अक्टूबर को कराटे में गोल्ड मेडलिस्ट विमला मुंडा की खराब स्थिति को गंभीरता से लिया. खेल नीति जैसे कई माध्यमों से महिला खिलाड़ियो की उत्थान सुनिश्चित किया गया है.

5. तस्करी की शिकार महिलाओं की घऱ वापसी हुआ आसान

पूर्व की सरकारों की नीतियों के अक्स में पलायन या तस्करी के शिकार बेटियों की घर वापसी हेमन्त सरकार में आसान बनाया गया. 20 अक्टूबर को तमिलनाडु से न केवल राज्य की 22 लड़कियों को मुक्त कराया गया, राजधानी में ही रोजगार भी मुहैया कराया गया. ज्ञात हो 8 मार्च को महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण देने का संकेत दिए गए हैं.

22 अक्टूबर, मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त करायी झारखंड की 60 लड़कियों सहित दो लड़कों को दिल्ली से एयरलिफ्ट कराया. और यह सिलसिला मौजूदा दौर तक कायम है. महज एक वर्ष के कार्यकाल में, सैकड़ों बेटियों को लुटेरों के चंगुल से रेस्क्यू कर वापस लाने वापस लाने में हेमंत सरकार सफल रही है.

6. महिला विकास में हेमंत सरकार के 5 छोटी लेकिन कारगर कदम

  • मिड-डे मील रसोइयों व सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपये का इज़ाफा.
  • तीन लाख छात्राओं को साइकिल मुहैया कराने की घोषणा.
  • सखी मंडल से जुडी 32 लाख परिवारों की महिलाओं को क्रेडिट लिंकेज से जोड़ कर बनाया जा रहा है सशक्त. 
  • मातृ स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने की दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एएनएम को डिजिटल एएनसी (ANC) किट से लैस करने की प्रक्रिया शुरू.
  • बच्चों को प्रत्येक सप्ताह के लिए आठ-आठ अंडा देने के दिए गए हैं निर्देश.

7. 4 अगस्त, 2020 को हेमन्त सरकार ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को दिया था मंजूरी 

मानव तस्करी से झारखण्ड को निजात दिलाने के लिए सख्त कदम उठाते हुए, 24 अगस्त, 2020 को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को मंजूरी दिया गया. ज्ञात हो, केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत राज्य के सभी जिलों में एएचटीयू का गठन किया जाना था, लेकिन उस डबल इंजन की सत्ता को इससे कहाँ मतलब था. हेमंत सरकार में उसे जिन्दा किया गया, अन्य 12 जिलों में भी इसे खोलने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है. 

जो मौजूदा दौर में झारखंडियों को इस त्रासदी से बाहर निकाल रहा है. मनुवादी सामाजिक ताने-बाने के माया में त्रासदी को भाग्य मान चुकी महिलाओं को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास, उनकी नीतियां वापस परिवारों से मिलाया है. मुख्यमंत्री की सोच समाज में व्याप्त कुरीतियों के चक्रव्यूह को तोड़ मानवता और सामाजिक अधिकार की नयी परिभाषा लिख रही है.  

8. कुपोषण से लड़ाई के लिए मुख्यमंत्री का केंद्र को 6 सितंबर को आग्रह पत्र 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कुपोषण से लड़ाई हेतु प्रधानमंत्री मोदी को 6 सितंबर को आग्रह पत्र लिख कर, 15वें वित्त आयोग द्वारा 2020-21 के लिए आवंटित 312 करोड़ रुपये को विमुक्त करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा है कि झारखण्ड में कुपोषण की गंभीर समस्या को देखते हुए पूरक पोषाहार कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लिए सामान्य आवंटन के अतिरिक्त 7,735 करोड़ रुपए अतिरिक्त आवंटन देने की अनुशंसा की गई है. 

9. सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना जानलेवा महंगाई के दौर में ढकेगा गरीबों का तन 

इस योजना के तहत राज्य के गरीबों को राज्य सरकार द्वारा महज दस रुपये में धोती-साड़ी और लुंगी उपलब्ध कराया जायेगा. इससे राज्य में बीपीएल परिवारों को काफी फायदा पहुंचेगा. झारखण्ड के गरीब खास कर गरीब महिला वर्ग वस्त्र जैसी अपनी बुनियादी जरूरत को वैसे दौर में पूरा कर सकेंगे, जब देश भर में लोग महंगाई से त्राहिमाम है. राज्य में करीब 57 लाख परिवारों का इस योजना का फायदा मिलगा. और ये परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित होंगे. मसलन, इस योजना से राज्य की एक बड़ी आबादी आच्छादित किया जा सकेगा.

10. आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना 

हाशिये पर पड़े समुदायों का सहयोग करने के लिए राज्य सरकार की दूरदर्शी पहल की प्रशंसा ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख की. उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा में पहुंच असमानताओं को दूर करने की दिशा में इस दूरदर्शी पहल को आगे बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं. झारखंड और यूनाइटेड किंगडम के बीच ज्ञान की साझेदारी को चलाने के लिए आपका नेतृत्व और झारखंड राज्य सरकार के प्रयास सबसे अधिक प्रशंसा के पात्र हैं. 

भाजपा की पूर्व सत्ता व वर्तमान में विपक्ष का रूप

जबकि झारखण्ड भाजपा की पूर्व सत्ता व वर्तमान में विपक्ष का रूप महिलाओं को परेशान करने वाली है. भाजपा सत्ता में महिलाओं पर पुलिसिया लाठी बरसाई गयी. न्याय मांगने वाले बेटी के पिता को बेईज्जती नशीब हुई. कार्यकर्ता-पदाधिकारी आसाराम बापू की राह चल निकले हैं. जनमुद्दों से परे उन्होंने खुद को ऐसे कामों में संलिप्त कर लिया है, जिसकी इजाजत न सभ्य समाज देता है और न ही संविधान. 

ज्ञात हो, झारखण्ड में भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों व करीबियों पर महिला यौन शोषण के कई आरोप लगातार लगे. और प्रदेश भाजपा मामलों में न केवल चुप्पी साधी बल्कि आरोपियों को बचाने के लिए पार्टी कार्यालय का उपयोग भी किया. मसलन, आस्था की ढोंगी बुनियाद पर खड़ी मनुवादी बीजेपी में महिलाओं का कल्याण नहीं दिखता.

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