आदिवासियत प्रहरी श्री सोरेन को “राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव” में मुख्यमंत्री बघेल का निमंत्रण 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की आदिवासियों-दमितों के पक्ष में ईमानदार प्रयासों की गूँज पहुँच रही है राज्य से बाहर. “राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021” में श्री सोरेन को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया आमंत्रित…

रांची : झारखण्ड समेत देश भर में भाजपा सरकारों की “पॉलिसी में आदिवासियों-दमितों का जिक्र तो हो, लेकिन ज़मीनी हकीक़त ठीक विपरीत हो”. झारखण्ड जैसे राज्य में ग्रामसभा को दरकिनार कर वनवासी कल्याण केंद्र जैसे आडम्बर का कोरा सच के अक्स में राज्य की हकीकत भूख से मौत के रूप में उभरे, पलायन जैसी त्रासदी को जनता अपना भाग्य मान ले. और तमाम परिस्थितियों में खनन लूट के मद्देनजर आदिवासी-दलित ज़मीन लूट झटके में राज्य का आखिरी सच बन जाए, तो लोकतंत्र की मुखौटे के पीछे खड़ी उस उस भजपा सत्ता के उस मनुवादी मानसिकता को समझना आसान हो सकता है. 

ऐसे में झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कवायद आन्दोलनों के अग्रणी समाज को अलग झारखंड के 20 बरस बाद, देश के संविधान में अक्षरों के रूप में जगह दिलाने को आतुर दिखे. जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृति योजना से लेकर फूलो-झानो जैसी तमाम कल्याणकारी योजनाओं में राज्य को पलायन व गरीबी जैसी त्रासदी से बाहर निकालने की अथक प्रयास दिखे. और उस व्यक्तित्व में इन वर्गों की समस्याओं की समझ होने की छवि नज़दीकी तौर पर साफ़ दिखे. तो ऐसे ईमानदार प्रयास की गूँज दिलों को छू अवश्य सकती है. 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की ईमानदार प्रयासों की गूँज पहुँच रही है राज्य से बाहर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस ईमानदार प्रयास की गूँज राज्य के बाहर तक पहुँचने लगी है. अंतरराष्ट्रीय संस्थान “हार्वर्ड” द्वारा आयोजित ऑनलाइन कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री की अभिव्यक्ति इसका एक प्रारूप भर हो सकता है. जिसके अक्स में दुनिया लुप्त होती आदिवासियत के पहलुओं के त्रासदी दायक सच से रू-ब-रु हुई. इस फेहरिस्त की अगली कड़ी छत्तीसगढ़ राज्य हो सकता है.  

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आगामी 28 अक्टूबर से 1 नवंबर 2021 तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021” में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से विधायक एवं संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन विनोद चंद्राकर ने मुलाकात कर उक्त कार्यक्रम में उपस्थित होने को, आमंत्रण पत्र दिया है. और उनके द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि छत्तीसगढ़ में देश और विश्व की सबसे प्राचीन आदिम सभ्यताएं आज भी जीवित हैं. इन सभ्यताओं के संरक्षण तथा उनके मूल स्वरूप को अक्षुण्ण बनाए रखने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार कार्य कर रही हैं. 

आदिवासी संस्कृति, लोक नृत्य, और लोक संगीत तथा लोक कलाओं को छत्तीसगढ़ में बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में आगामी 28 अक्टूबर से 1 नवंबर 2021 तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा “राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021” का आयोजन किया जा रहा है. इस महोत्सव में झारखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे आदिवासी लोक गीत-संगीत तथा नृत्य क्षेत्र के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी.

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