बंधु तिर्की के ST ज़मीन के सवालों पर बाबुलाल की चुप्पी क्यों

झारखण्ड : क्या हेमन्त सोरेन ईडी द्वारा गिरफ्तारी करवा क्या भूमाफियाओं और भाजपा नेताओं के आदिवासी जमीन लूट के मध्य खड़े रुकावट को हटाने का भी प्रयास है. बंधू तिर्की के बयान और बाबूलाल की चुप्पी से तो यही स्पष्ट हो चला है. 

रांची : झारखण्ड में पूर्व की हेमन्त सरकार में सामन्ती मकड़जाल कट रहे थे. सिलसिलेवार, राज्य की समस्याएं सुलझ चली थी. सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो चले थे. बेटियों की भविष्य को आधार और आदिवासी-मूलवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित हो चले थे. आदिवासी सीएम के नेतृत्व में गरीब राज्य आत्मनिर्भरता की दिशा में अपने पैरों पर खड़ा हो चला था. तभी सामन्ती मानसिकता के अक्स में राज्य में ईडी का पग धरता है और जेल के आसरे राज्य के बढ़ते क़दमों को रोकने का प्रयास होता है.

बंधु तिर्की के ST ज़मीन के सवालों पर बाबुलाल की चुप्पी क्यों

ज्ञात हो, पूर्व के सरकारी नीतियों के अक्स में झारखण्ड, रांची के अधिकाँश क्षेत्रों की एसटी ज़मीनों पर बाहरियों का कब्जा है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बाहरियों की नुमाइंदगी मौजूदा बीजेपी करती रही है. जिसके नीतियों के साथ वर्तमान में आजसू भी जा जुड़ी हैं. तमाम परिस्थितियों बीच, पूर्व एसटी सीएम इडी के समक्ष गुहार लगाते रहे कि जिस जामीन के मद्देनजर उनपर आरोप मढ़ा जा रहा वह बिक ही नहीं सकती, फिर भी बिना न्यायालय की मध्यस्थता के उनकी गिरफ्तार हुई.

रांची की भुइहारी जमीन को लेकर बंधु तिर्की का भाजपा पर हमला

झारखण्ड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने स्पष्ट कहा कि राजधानी रांची व उसके आसपास ग़ैरहस्तान्तरित प्रकृति की भुइहारी जमीन भाजपा के लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर कब्जाया जा रहा है. जिस बड़गाई मौजा की 8.4 एकड़ भुइहारी जमीन की खरीद-बिक्री के आरोप में पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन ईडी द्वारा गिरफ्तारी हुई है, लेकिन, भूमाफियाओं और भाजपा नेताओं के कब्जे में आदिवासियों की परंपरागत जमीन है तो इडी समेत बाबुलाल मरांडी चुप हैं.

बंधु तिर्की ने स्पष्ट कहा कि बाबूलाल मरांडी को बताना चाहिए कि भाजपा के किन-किन नेताओं द्वारा आदिवासियों की परंपरागत जमीन लूती गयी. वह मामले में वर्तमान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को पत्र लिख जांच की मांग करने की बात कही. ऐसे में मान जा सकता है कि पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी बीजेपी के केन्द्रीय और लूट मंशा की पूर्ति के मद्देनजर हेमन्त रूपी रास्ते के अडिग पत्थर को हटाने के तौर पर भी देखा जाना चाहिए. वर्तमान सीएम को चाहिए मामले में जल्द कार्रवाही हो.

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