हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला में झारखण्ड के मजदूरों से मारपीट मामले को बिना राजनीति सुलझाया जाना, लोकतंत्र में राष्ट्रीय भाव के मद्देनजर झारखण्ड सरकार ने पेश की देश में शांति कायम रखने का स्पष्ट उदाहरण …
- राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी से बात कर सुलझाया मामले
- झारखंड की महान संस्कृति शांति कायम रखने पर विश्वास रखती है
- मारपीट की घटना के बाद कई मजदूरों ने वापस आने की इच्छा जताई
- पहले समूह के 16 मजदूरों की झारखंड वापसी के लिए ट्रेन टिकट की व्यवस्था कराई गई
रांची : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला स्थित लंबर नामक स्थान में बीते दिनों हुई झारखंड के मजदूरों से मारपीट की घटना पर हेमन्त सरकार ने आगे बढ़कर संज्ञान लिया. मामले में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के पदाधिकारियों ने किन्नौर के लंबर में स्थित नोरवेन कंपनी के मालिक धर्मेंद्र राठी से बात की. नोरवेन वही कंपनी है जिसमें झारखंड के मजदूर काम करने गए थे. झारखंड के मजदूरों के साथ मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मजदूरों को राहत पहुंचाने की बात कंपनी से कही है.
कंपनी के मालिक धर्मेंद्र राठी ने जानकारी दी है. घटना में घायल हुए मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कंपनी झारखंड के उन मजदूरों को, जो वापस लौटना चाहते हैं, आवेदन देने को कहा है. इसके अलावा पहले समूह के 16 मजदूरों को वापस झारखंड भेजने के लिए, 10 अक्टूबर को ट्रेन टिकट की व्यवस्था कराई है. सभी मंगलवार को कोडरमा पहुंचेंगे. जहां से बस से वापस अपने गृह जिला खूंटी वापस लौटेंगे.
मजदूरों की 1 माह का बकाया व वेतन देगी कंपनी
1 माह का वेतन और बकाया मजदूरों को उनके बैंक खाते में भेजने की मांग कंपनी ने स्वीकार कर ली है. कंपनी ने कहा है कि झारखंड के जो भी मजदूर वापस घर लौटना चाहते हैं वे आवेदन दे. कंपनी समूह उनके लौटने की व्यवस्था करेगी. मारपीट की घटना के बाद मामले में किन्नौर में एफआईआर किया गया है. इस पर भी पहल कर समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि बीते 40 वर्षों से झारखंड के मजदूर हिमाचल प्रदेश आकर काम करते रहे हैं और झारखंड के मजदूरों के साथ उनकी सहानुभूति है. वे झारखंड सरकार से इस मामले में सहयोग करते रहेंगे.
मजदूरों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता व राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के प्रति जताया आभार
बता दें कि झारखंड के खूंटी सहित अन्य जिलों के 150 मजदूर हिमाचल प्रदेश में काम करने गए थे. बीते दिनों किसी बात पर विवाद होने पर वहां के स्थानीय मजदूरों द्वारा झारखंड के मजदूरों से मारपीट की घटना हुई. इसमें झारखंड के दो तीन मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका ईलाज हिमाचल प्रदेश के अस्पताल में चल रहा है. वापस लौट रहे मजदूरों ने राहत की सांस ली है. उन्होंने घर वापसी पर पहल करने के लिए मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री सहित राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के प्रति आभार जताया है.
मसलन, ज्ञात हो, देश के राज्यों में जब ऐसी घटनाएं हुई है. मामले ने हमेशा तुल पकड़ा है और राजनीतिक दलों द्वारा जम कर राजनीति रोटियाँ सेंकी गयी है. लेकिन झारखण्ड की हेमंत सरकार द्वारा देश में पहली उदाहरण पेश किया गया है, जहां लोकतंत्र के आत्मा को तरजीह दी गयी है. और देश में राष्ट्रीयत का अमिट उदाहरण पेश किया गया. जिससे देश में समझ विकसित हो सकती है कि पूरा देश एक है और देशवासियों में भ्रातृत्व का भाव कायम रहना चाहिए. साथ ही यह भी संदेह गया कि झारखंड की महान परंपरा हमेशा शान्ति का पक्षधर है.