Jharkhand news : झारखंड में आज की मुख्य चार ख़बरें
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर नमन किया।
- मुख्यमंत्री ने अपने प्यारे दादा दुर्गा सोरेन जी, झारखंड आंदोलन के वीर सपूत, जो झारखंड के लोगों और हर झामुमो कार्यकर्ता के दिलों में बस गए थे, की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया।
- झारखंड सरकार ने देश के दूरस्थ क्षेत्रों में फंसे झारखंड के प्रवासियों को लाने के लिए फिर से केंद्र सरकार को एनओसी के लिए पत्र लिखा है।
- माननीय हेमंत सोरेन को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीयकल्याण शोध संस्थान द्वारा आदिवासी जीवन दर्शन और प्रकृति पर आधारित पेंटिंग भेंट की गई।
Jharkhand news : मुख्यमंत्री ने अपने प्यारे दादा को किया नमन

दुर्गा सोरेन को सीने में तकलीफ़ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के बड़े बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन ने आज ही की तारीख, 21 मई 2009 को हमेशा के लिए विदाई ली थी।
झामुमो के पूर्व विधायक दुर्गा सोरेन 39 वर्ष के थे। अपने माता-पिता, भाई, पत्नी और तीन बेटियों के अलावा, उन्होंने झारखंड के लोगों का भविष्य भी अधर में छोड़ गए थे। बड़े भाई दुर्गा सोरेन की असामयिक मृत्यु के बाद, परिवार और राज्य के लोगों की देखभाल करने के लिए हेमंत सोरेन ने राजनीति में कदम रखा।
हेमंत सोरेन को अपने दादा से बहुत लगाव था। आज भी श्रद्धांजलि देते समय उनकी आँखें नम थी। ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर राज्य भर के झामुमो कार्यकर्ताओं ने अपने प्रिय नेता दुर्गा सोरेन को भी श्रद्धांजलि दी।
दूरस्थ क्षेत्रों में फंसे प्रवासियों को लाने फिर से केंद्र पत्र लिखा
Jharkhand news : झारखंडियों को देश के दूरदराज के क्षेत्रों से लाने के लिए, झारखंड सरकार ने फिर से एनओसी के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। उम्मीद है कि जल्द ही झारखंड सरकार को अपने प्रवासियों को सुरक्षित घरों में लाने की अनुमति मिल जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र ने यूपी बिहार के लिए ट्रेनों की एक श्रृंखला रखी है। लेकिन, उनके बैग में झारखंड के लिए केवल दो ट्रेनें ही हैं। एक पटना से राँची और दूसरा टाटानगर से दानापुर। जबकि झारखंड के लिए महानगरों से एक भी ट्रेन नहीं दी गई है।



क्यों उपवास नहीं रखा जा रहा है?
Jharkhand news : ऐसे में सवाल यह है कि झारखंड के मज़दूरों के साथ यह पक्षपात पूर्ण रवैया क्यों? और श्री अर्जुन मुंडा और सुदेश महतो इस मुद्दे पर ट्वीट क्यों नहीं करते। झारखंड के भाजपा नेता इसके खिलाफ कोई उपवास क्यों नहीं रखते? क्यों सीपी सिंह जैसे विधायक केवल यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि केंद्र ने मजदूरों को पैदल चलने को मना किया है?
मसलन, झारखंड के साथ हुए पूर्वाग्रह के खिलाफ लोगों में अब गुस्सा देखने को मिल रहा है। विधायक विनोद सिंह ने आपत्ति दर्ज कराते हुए ट्वीट किया कि झारखंड में 200 ट्रेनों में से केवल दो ट्रेनें मिलना आश्चर्यजनक है। नतीजतन, प्रवासी अभी भी पैदल, साइकिल, ओटो, ट्रक, टैक्सी, आदि से महँगा यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। जो न केवल झारखंड के भाजपा नेताओं के चरित्र को दिखाता है, बल्कि गंभीर सवाल भी छोड़ जाता है।
आदिवासी जीवन दर्शन और प्रकृति पर आधारित पेंटिंग भेंट की गई –Jharkhand news



डॉ रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण अनुसंधान संस्थान द्वारा आदिवासी जीवन दर्शन और प्रकृति पर आधारित एक पेंटिंग प्रस्तुत की गई। यह पेंटिंग इस साल 10 से 15 फरवरी तक नेतरहाट में आयोजित पहले राष्ट्रीय जनजातीय और लोक चित्रकला शिविर में बनाई गई थी, जहाँ झारखंड सहित देश भर के आदिवासी कलाकार शामिल हुए थे।
Jharkhand news : हेमंत सोरेन ने कहा कि मध्य प्रदेश के गोंड जनजाति के कलाकारों द्वारा बनाई गई यह खूबसूरत पेंटिंग मुझे, हमेशा अपने कार्यालय में जल, जंगल और ज़मीन के मुद्दों पर लगन से काम करने के लिए प्रेरित करेगी।
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