झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का देश के पटल पर ज़ोरदार दस्तक

राजनीतिक रूप से हेमंत सोरेन झारखंड के आदिवासी और मूल निवासी की आवाज़ हैं। ऐसे समय में जब भारत में आदिवासी मूल निवासी होने का मतलब दर्द और त्रासदी है। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक झारखंडी देश के पटल पर अपनी दस्तक देगा। 

साथ ही झारखंड के आदिवासियों सहित मूलवासियों को उनकी मूक भावनाओं में एक आवाज़ मिलेगी। और उनकी भावनाओं का ज्वार, झारखंडियों को लौटी गरिमा के साथ गर्वित करेगा। यानी आदिवासी और मूलवासी जब अपनी गरीबी की आड़ में दबाए जा रहे थे, तब उनकी चिंताओं को हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में जवाब मिला है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत

देश में संभवत: यह पहला मौका है जब किसी आदिवासी मुख्यमंत्री ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम देश के 50 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया है। फेम इंडिया पत्रिका और एशिया पोस्ट ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह खुलासा किया।

 इस सूची में एक बड़ा आश्चर्यजनक फेरबदल भी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे नामों ने शिकस्त खाई है। इसके अलावा, बाबा रामदेव को भी इस सूची में नीचे जगह मिली है।

चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड -2019 से सम्मानित हुए हैं हेमंत सोरेन 

यह ध्यान दिया जा सकता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बरहेट और दुमका विधानसभा क्षेत्रों में एक जन प्रतिनिधि के रूप में उनके बेहतर और अनुकरणीय कार्य के लिए चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड -2019 से सम्मानित किया गया है। यह भी झारखंड जैसे राज्य के लिए गर्व की बात थी।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत

दरअसल, इस साहस के पीछे दिशोम गुरूशिबू सोरेन के संस्कारों की ताकत है। जिन्होंने अपनी अडिग रणनीति से राज्य के त्रस्त लोगों को अलग झारखंड दिया था।

उदाहरण के लिए, खुलेपन और ईमानदार माहौल के बीच, इस शुरुआत के प्रत्येक पृष्ठ को प्रलेखित किया जाएगा। और झारखंड निस्संदेह एक नया पाठ लिखेगा।

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