घोटाला : भाजपा संकट का फायदा उठा घोटाला कर रही है

एक तरफ, भारत में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कोविद -19 संक्रमिततों की कुल संख्या 1.5 लाख पार कर गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोनावायरस रोगियों की कुल संख्या 1,58,333 है और अब तक इस वायरस के कारण 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ भाजपा इस संकट का फायदा उठा बड़ा घोटाला करने से नहीं चुक रही है। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य निदेशक गिरफ्तार।

अंडमान में फंसे लोगों की वापसी

जबकि, राज्य के प्रवासी विमान से लौट रहे थे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा है कि अंडमान में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए जल्द ही दो और विमान राँची उतरेंगे। और हवाई यात्रा का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन कर रही है। उदाहरण के लिए, हेमंत सोरेन के शासनकाल में, झारखंड वह राज्य है जिसने लॉकडाउन में अपने लोगों के लिए पहली बार ट्रेन और विमान चलाया। 

वेंटिलेटर घोटाला 

4 अप्रैल, 2020 को गुजरात के मुख्यमंत्री पहली बार धमन -1 का उद्घाटन करने के लिए गांधी नगर के सिविल अस्पताल अहमदाबाद आए। रूपाणी साहब बार-बार अपने दोस्त पराक्रम सिंह जडेजा और ज्योति सीएनसी की प्रशंसा करते हैं। कहते है कि 10 दिनों के भीतर ज्योति सीएनसी ने एक धमन  नामक वेंटिलेटर बना दिया। दसियों बार धमन को वेंटिलेटर का देते हैं।

5 मई 2020 को, उसी अस्पताल के अधीक्षक ने सरकार को एक पत्र लिख कर सूचित किया कि एनेस्थीसिया विभाग के अनुसार, उक्त वेंटिलेटर रोगियों पर सफल नहीं है। वेंटिलेटर को तत्काल प्रभाव से अस्पताल में दिया जाना चाहिए। जांच के माध्यम से पता चला है कि धमन -1 वेंटिलेटर नाम की कोई मशीन नहीं है। यह एक मशीनीकृत अम्बु बैग है।

मामले में दिलचस्प पहलू – धामन -1 को ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ का लाइसेंस भी नहीं मिला है। इस मशीन को अस्पतालों में लगाने से पहले केवल 1 रोगी का परीक्षण किया गया था। अहमदाबाद में स्थिति भयावह है, लोगों में भय और अविश्वास का माहौल है। साथ ही उसी फार्म को केंद्र सरकार ने 5000 वेंटिलेटर करीदने का आर्डर देती है। 

घोटाला

ऐसे में दो सवाल खड़े होते हैं :

1. क्या भाजपा शासित प्रदेशों में वेंटिलेटर को खपाने का प्रयास था?

2. क्या गुजरात में मौत की संख्या बढ़ने का कारण वही वेंटिलेटर तो नहीं? 

पीपीई किट खरीद घोटाला

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश में पीपीई किट खरीद घोटाले में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। घोटाले से जुड़े अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि भाजपा के लोग ही उंगलियां उठा रहे हैं। बिंदल ने इस्तीफ़े में कहा कि मैं केवल उच्च नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफ़ा दे रहा हूं। 

प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची एक चिट्ठी में जानकारी दी गई है। कोरोना वायरस आम जनता के लिए एक आपदा है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह भ्रष्टाचार की फसल है। पहले सैनिटाइजर खरीद घोटाला आया और अब यह। अधिकारी के लेन-देन का ऑडियो भी सामने आया है।

पत्र में लिखा है, मैंने रिकॉर्डिंग भी सुनी है। इसमें लाखों रुपये के लेन देन की बात कही गयी है। दोनों शब्दों में उत्तेजना है न कि कोरोना में कोई दुःख। निदेशक को सेवा विस्तार देने के लिए भी कहा गया है। पार्टी के अज्ञात पत्र लेखक ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहन जांच की जाए। जिसके मायने हैं कि पार्टी के भीतर की राजनीति और गर्म हो सकता है।

झारखंड की भाजपा इकाई ने इस घोटाले पर पर्दा डालने के ट्वीट कर झारखंड सरकार पर उनकी उपलब्धियों  पर श्रेय लेने का आरोप लगाया है। ताकि वह उपरोक्त घोटाले को लेकर राज्य के लोगों को जागरूक न करे।

“इच्छा रखना, काम करना और काम का श्रेय लेना, अलग-अलग चीजें।दो अखबारों की ये दो खबरें बता रही हैं, किसने क्या किया, किसने श्रेय लिया। बिना कुछ किये श्रेय लेना, करनेवाले का हक छीनने जैसा है। हमारे लोग आये, बड़प्पन इसमें है कि जिन्होंने भेजा उन्हें धन्यवाद दें”।

बहरहाल, भाजपा के झारखंड इकाई के नेता गन घोटाले के प्रति उठने वाले सवालों से बचने के लिए  नयी मुद्दों की तलाश में है। आश्चर्य की बात है घोटाले को लेकर झारखंड भाजपा एक भी ट्वीट न करना इसी संदेह को जन्म दे रहा है।  

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