चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड किसी मुख्यमंत्री को मिलना जनता के लिए सुखद एहसास

चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड गाँधीवादी मूल्यों, सामुदायिक सेवा व सामाजिक विकास भारत में एस्पिरेशनल जिले में को बढ़ावा देने के लिए, केजी बालाकृष्णन पूर्व मुख्य न्यायाधीश और भारत के पूर्व अध्यक्ष एनएचआरसी की अध्यक्षता में संवैधानिक जूरी सदस्यों द्वारा चयनित कर दिए जाने वाला भारतीय पुरस्कार है। जो सरदार वल्लभभाई पटेल एक भारत, शेष भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित हैं। यह कार्यक्रम 115 ‘आकांक्षात्मक’ जिलों की प्रगति की पहचान करता है। 

पुरस्कार में एक प्रमाण पत्र और एक स्वर्ण पदक शामिल हैं। इसे चार श्रेणियों में दिया गया है, अर्थात् :

  • भारत में 115 एस्पिरेशनल जिलों में रचनात्मक कार्य।
  • ग्रामीण विकास के लिए शिक्षा, हेल्थकेयर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग।
  • महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिए उत्कृष्ट योगदान (115 आकांक्षात्मक जिले)
  • स्वच्छ भारत अभियान में उत्कृष्ट योगदान
  • भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार।

“चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड ” सांकेतिक ही सही लेकिन राज्य के उस अंधेरे पर जहाँ भूख ने कई लोगों की जान ले ली पर एक उजाले की तरह दिखती है। जहां अशिक्षा है, मुफलिसी है वहां सामाजिक-आर्थिक परिस्थतियों को ठीक करने के एक उम्मीद के किरण की तरह भी जरुरी दिखती है। 

2019 के चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड्स भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को समाज कल्याण के श्रेणी में मिलना न केवल झारखंड को गौरवान्वित करता है बल्कि राज्य में उन जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता को भी दर्शाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अवॉर्ड को राज्य की जनता और गुरूजी को समर्पित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा जिस लक्ष्य के लिए राज्य की जनता ने मुझे चुना है। मैं उस लक्ष्य को साधने के भरपूर प्रयास करूँगा।

यह पुरस्कार उन लोगों को सम्मानित करने के उद्देश्य से है, जो सामाजिक कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। यह इंटरएक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी (IFIE) द्वारा आयोजित किया गया था। पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए गए: सामाजिक कल्याण, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ भारत और आकांक्षात्मक जिलों और राष्ट्रीय एकता में विशेष योगदान।

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