शिक्षा क्षेत्र में हेमन्त सरकार की बड़ी पहल, 325 स्कूल आदर्श विद्यालय में होंगे अपग्रेड 

पिछली रघुवर सरकार में जहाँ शिक्षा सुधर के नाम पर हज़ारों स्कूलों को किया गया बंद वहीं हेमन्त सरकार में 325 स्कूल आदर्श विद्यालय में होंगे अपग्रेड – दोनों सरकार के मंशे में बड़ा फर्क

  • 325 हाई स्कूल व और प्लस टू स्कूलों को आदर्श विद्यालय में होंगे अपग्रेड 
  • इन स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी होगी दूर
  • आईसीटी लैब, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी सहित ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई के होंगे तमाम संभव जरूरी इंतजाम

रांची : झारखण्ड में सरकारी स्कूलों की दयनीय शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मद्देनजर, हेमन्त सरकार में बड़ी पहल हुई है. इस पहल के तहत राज्य के 325 हाई स्कूल व और प्लस टू स्कूलों को आदर्श विद्यालय में अपग्रेड करने कि तैयारी की जा रही है. इन स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी दूर की जायेगी. आईसीटी लैब, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी सहित ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई के तमाम संभव जरूरी इंतजाम किये जायेंगे. ये स्कूल 80 उत्कृष्ट विद्यालयों (लीडर स्कूलों) से अलग होंगे. राज्य सरकार की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं. 

भाजपा की मंशा आदिवासी-मूलवासियों की पीढ़ी को शिक्षा से महरूम रखना था 

गौरतलब है कि झारखण्ड के इतिहास में पहली बार हेमन्त सरकार द्वारा ही सरकारी स्कूलों की दशा व शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में बड़े पैमाने पर मुहिम शुरू हुई है. इससे पूर्व की भाजपा सरकारों के काल में शिक्षा व्यवस्था के नाम केवल खानापूर्ति हुई. और राज्य विडंबना रही कि पिछली भाजपा सरकार में स्कूलों को सुधारने के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर दिए गए. फिर भी स्थिति जस की तस बनी रही. दरअसल, यह मनुवादी विचारधारा से ग्रसित भाजपा की मंशा आदिवासी-मूलवासियों की पीढ़ी को शिक्षा से महरूम रखने का प्रयास भर था. मसलन, सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार उस सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं रही.

नतीजतन, झारखण्ड में सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चे निजी स्कूलों के बच्चों की तुलना पिछड़ते चले गए. लेकिन, हेमन्त सोरेन के सत्ता संभालते ही शिक्षा को अपने प्रमुख एजेंडे में शामिल किया है. चूँकि कोरोना काल में  बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है. इसलिए हेमन्त सरकार के लिए जरूरी था कि बच्चों की शिक्षा पर गंभीरता पूर्वक ध्यान दिया जाए. ताकि सरकारी स्कूल के बच्चें पीछे न छूटे. 

मसलन, हेमन्त सरकार की इस पहल का परिणाम आने वाले वर्षों में दिखेगा. शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने से जहां सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी वहीं राज्य के गरीब तबके के बच्चे भी प्रतिस्पर्धी की दुनिया के लिए तैयार होंगे. शिक्षा में गुणवत्ता आने से राज्य को दक्ष और शिक्षित मानव संसाधन मिलेगा.

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