मुख्यमंत्री को लिखे पत्र पर लिये गए संज्ञान से नेतरहाट विद्यालय की बदलेगी किस्मत

नेतरहाट विद्यालय के प्राचार्य द्वारा सीएम को पत्र लिख विद्यालय की समस्याओं से कराया गया अवगत

मामले में सीएम 15 दिनों में दो बार कर चुके है विद्यालय दौरा, व्यवस्था दुरुस्ती के लिए दिए कई निर्देश

राँची। झारखंड के मुख्यमंत्री शिक्षा को लेकर न केवल सजग, प्रतिबद्ध भी दिखते है। नेतरहाट विद्यालय झारखंड का एक प्रतिष्ठित विद्यालय है और विद्यालय की ख्याति पूरे देश-विदेश में है। लेकिन इन दिनों यह विद्यालय कई तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है। बीते 6 अक्टूबर को विद्यालय के प्राचार्य ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस सम्बन्ध में एक पत्र लिखा था। पत्र में बताया गया था कि राज्य का यह प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान इन दिनों कई समस्याओं से जूझ रहा है। 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विद्यालय की समस्याओं पर चिंता जताते हुए मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को आश्वस्त किया कि नेतरहाट स्कूल की खोयी प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करना उनकी सरकार की प्राथमिकता हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पिछले 15 दिनों में दो माह नेतरहाट का दौरा भी चुके है। विभागीय समीक्षा के दौरान उन्होंने आला अधिकारियों को विद्यालय को हर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित भी किया है।  

विद्यालय की ऊर्जा का इस्तेमाल राज्य के अन्य विद्यालयों को विकसित करने में हो : हेमंत सोरेन 

21 नवंबर को मुख्यमंत्री स्वयं नेतरहाट का दौरा कर वहां स्थित प्रतिष्ठित विद्यालय की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने नेतरहाट विद्यालय की उर्जा का इस्तेमाल राज्य के अन्य विद्यालयों की व्यवस्था को बेहतर और उत्तम बनाने में करने की बात कही। इस दिशा में मुख्यमंत्री बहुत जल्द कोई ठोस कदम उठा सकते हैं।

श्री सोरेन ने स्वीकारा है कि वर्ष 1954 में संस्थान की स्थापना के बाद से विद्यालय ने लगातार नए कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि ऐसे विद्यालयों को विश्व के मानचित्र पर पहचान दिलाया जाए। और झारखंडी सरकार इस दिशा में हर संभव पहल व प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के ऑडिटोरियम परिसर, लाइब्रेरी व विभागों का स्वयं निरीक्षण करते हुए विद्यालय को अत्याधुनिक बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होने देने की भी बात कही है।

ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को नज़रअंदाज़ करने की मिली जानकारी, दिया निर्देश  

ऑडिटोरियम परिसर के निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री को यहां की स्थिति की वास्तविक जानकारी मिली। उन्होंने पता चला कि ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से हेमंत राजधानी स्थित प्रोजेक्ट भवन में सभी विभागों की समीक्षा कर रहे है। शुक्रवार को भी उन्होंने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने नेतरहाट विद्यालय को लेकर अधिकारियों को इस सम्बन्ध में कई अहम निर्देश भी दिये। 

सचिव को ऑडिटोरियम के निरीक्षण व कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिव को निर्देश दिया कि यहां पढ़ने वाले बच्चे बेहतर शिक्षा पाकर अपनी सफलता का परचम लहरा सकें, इसके लिए विद्यालय में कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराया जाए। वहीं ऑडिटोरियम की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री ने सचिव को कहा कि वे स्वंय विद्यालय जाकर निर्माण कार्य देखे और जांच करें। विभागीय समीक्षा के अगले दिन यानी शनिवार 5 दिसम्बर को मुख्यमंत्री दूसरी बार नेतरहाट के दौर पर हैं। इस दौरान भी वे विद्यालय की आधारभूत संरचनाओं का निरीक्षण करेंगे।

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