कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद भी हरियाणा के भाजपा मंत्री हुए पॉजिटिव, चुनाओं में मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादे पर अब टीका पर ही उठने लगे हैं सवाल
रांची। बीते माह बिहार चुनाव में कमोवेश सभी दलों ने अपना घोषणापत्र जारी किया था। इसमें सबसे आश्चर्य चुनावी घोषणापत्र भाजपा द्वारा जारी किया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकल्प पत्र जारी करते हुए घोषणा की थी कि चुनाव में अगर एनडीए की सत्ता दोबारा आती है, तो बिहारवासियों को कोरोना का टीका नि:शुल्क मिलेगा। इसके बाद तो कोरोना वैक्सीन राजनीतिक जगत में विवादित शब्द बनकर उभरा। कमोवेश सभी राजनीतिक दलों ने भाजपा की इस नीति का विरोध किया। दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम कोविड-19 वैक्सीन पाने की दहलीज में खड़े है। वैक्सीन को आते ही पहले इस ट्रायल लिया जाएगा, उसके बाद इसे आम लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन मोदी सरकार के इस जुमाले वाले बयान को उनके ही हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने गलत साबित कर दिया है।
वैक्सीन लेने वाले भाजपा नेता हुए पॉजिटिव, उठने लगे है सवाल
दरअसल 15 दिन पहले Covaxin का टीका लगवाने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाये गये है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी है। बड़ी बात यह है कि 15 दिन पहले अनिल विज ने कोवैक्सीन परीक्षण में वालंटियर के तौर पर खुद को टीका लगवाया था। बावजूद इसके वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि पहला टीका लगने के बाद अनिल विज को 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाने वाली थी। डॉक्टर उनके शरीर में एंटी बॉडीज बनने का अध्ययन करने वाले थे, लेकिन अब उनके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद टीके पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
तीसरे चरण में है वैक्सीन का परीक्षण
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की दवा कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में करीब एक हजार वॉलंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई थी। इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण भारत में 25 केंद्रों में 26,000 लोगों के साथ किया जा रहा है. ये भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आयोजित होने वाला सबसे बड़ा ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल है।
हेमंत ने भी उठाया था सवाल
कोरोना वैक्सीन को लेकर हो रहे राजनीति पर बीते दिनो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अभी इस चीज की परिकल्पना हो रही है, जिसका अभी तक फल देश-दुनिया में नहीं आ पाया है, उस पर बैठक हो रही है। वैक्सीन कब आयेगा, यह तो वैज्ञानिकों का काम है। ऐसा नहीं है कि केवल हेमंत सोरेन ही इस बात को लेकर वाकिफ है। स्वंय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना वायरस को लेकर बीते दिनों आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में वैक्सीन को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वैक्सीन कब आएगी, इसका वक्त हम तय नहीं कर सकते हैं बल्कि ये वैज्ञानिकों के हाथ में है।