रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के पहले कहा था कि उनके शासन में राज्यवासियों को बेहतर स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था मिलेगी। अपनी इस घोषणा को मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी जतन के साथ निभाते दिख रहे है। मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद हेमंत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जन आकांक्षाओं को पूरा करना था। लेकिन, राज्य का दुर्भाग्य है कि इससे पहले कुछ कर पाती कि कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी ने झारखंड को घेर लिया। इस संकट के दौर में केंद्र ने भी राज्य सरकार को मदद देने में कोताही बरतने के बावजूद हेमंत घबराये नहीं। बल्कि उन्होंने संकट की घड़ी में स्वास्थ्य से लेकर कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई अहम फैसले लेने शुरू किए, जिससे आमजन के मन में भरोसा जागृत हुआ कि यह सरकार प्रदेश के विकास को नई ऊंचाई देने में जरुर सफल होगी।
कानून व्यवस्था में सुधार के मातहत दिए गए कई अहम निर्देश
भाजपा शासन में राज्य की ध्वस्त कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री और उनके अधीन काम कर रही सोशल मीडिया की टीम हमेशा से सक्रिय दिख रही है। राज्य के जिस किसी जिले में भी कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात सामने आयी, तो सीएम ने तत्काल संबंधित पुलिस कप्तान (एसएसपी या एसपी) को मामले में फौरन कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके अलावा अपराध पर लगाम लगाने के लिए सीएम ने कई अहम निर्देश भी दिये, जिसमें प्रमुखता से शामिल हैं..
- एनआईए के तहत आतंकवादी/ उग्रवादी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए राजधानी में एक विशेष न्यायालय बनाने के प्रस्ताव पर सीएम हेमंत ने स्वीकृति दी।
- मुख्यमंत्री ने राज्य के 22 जिलों में ई-एफआईआर (e-FIR) थाना सृजन से संबंधित प्रस्ताव पर भी सहमति दी। ई-एफआईआर से आम नागरिकों को बिना थाना गए पोर्टल/ मोबाइल एप्प के माध्यम से ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध होगी।
- इसी तरह पूरे कोरोना काल में हुए सभी पर्व-त्यौहारों में भी राज्य के डीजीपी एमवी राव ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को काफी मुस्तैदी से काम करने का निर्देश देते रहे हैं।
- अवैध मानव तस्करी के बढ़ते मामले को देखते हुए सीएम ने चार जिलों (लातेहार, साहेबगंज, गोड्डा और गिरिडीह) में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) के गठन करने के प्रस्ताव की भी स्वीकृति दी। इससे गठन होने से अवैध मानव व्यापार की रोकथाम होने के साथ इसमें सक्रिय अपराधियों/ गिरोहों पर लगाम लग सकेगा।
कोरोना काल में मुख्यमंत्री स्वयं देखते रहे कि राज्य वासी को कोई परेशानी न हो
मुख्यमंत्री पूरे कोरोना काल में इस बात को लेकर तो प्रयासरत रहे ही कि झारखंड के लोगों को अपने राज्य में ही बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा मिले। इसके अलावा उन्होंने निजी अस्पतालों से भी सहयोग की अपील की जिसका रिजल्ट भी देखने को मिला। इसके अलावा भी सीएम ने कई अहम फैसले लिये। इसमें शामिल हैं….
- राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मुख्यमंत्री ने प्लाज्मा बैंकिंग प्रणाली का शुभारंभ किया। इसमें कोरोना से स्वस्थ हो चुके लोगों का प्लाज्मा एकत्रित कर उसका इस्तेमाल अन्य संक्रमित मरीजों की सफल इलाज के लिए दूरदर्शी पहल हुई। सीएम ने यह भी कहा कि सरकार राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में भी प्लाज्मा बैंकिंग प्रणाली के लिए योजना बना रही है।
- कोरोना काल में ही मुख्यमंत्री ने पलामू मेडिकल कॉलेज में नवनिर्मित VIROLOGY एवं कोविड-19 प्रयोगशाला का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि संक्रमण के शुरुआती दौर में लगभग 20 से 25 दिन हमें कोविड-19 टेस्ट के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ा था। लेकिन यह समस्या अब खत्म हो गयी। सीएम ने शीघ्र ही संथाल परगना में भी एक अत्याधुनिक कोविड-19 जांच प्रयोगशाला बनाने की बात की।
- सीएम की पहल पर राज्य के एक कोरोना संक्रमित एक मरीज को एबी+ प्लाज्मा की व्यवस्था की गयी। दरअसल हेमंत को ट्विटर पर बताया गया कि पल्स अस्पताल में भर्ती एक मरीज को एबी+ प्लाज्मा की सख्त जरूरत है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उक्त निर्देश प्रोजेक्ट डायरेक्टर को दिया था। जिसके बाद मरीज को तत्काल राहत दी गयी।
- अपने दुमका दौरे के दौरान सीएम सोरेन ने दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन ऑपरेशन थिएटर, व एक अल्ट्रासाउंड मशीन और डी.एम.सी.एच में कोविड 19 टेस्टिंग लैब का विधिवत उद्घाटन किया।