मास्क को लेकर सरकार की सख्ती के खिलाफ भाजपा का गैरजिम्मेदाराना राजनीति!

झारखंड सरकार कहती है मास्क पहनना जरूरी, लेकिन भाजपा समझती है जनता के लिए मास्क पहनना जरूरी नहीं, तय आप स्वयं करें यह जिम्मेदाराना है या गैरजिम्मेदाराना राजनीति!

कोरोनावायरस ने झारखंड राज्य के तमाम 24 जिलों में और ताक़त के साथ दस्तक दे चुका है। संक्रमण अपने मारक क्षमता के साथ तेजी से फैल रहा है। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 8479 हो चुकी है। 

बोकारो – 151, चतरा – 266, देवघर – 149, धनबाद – 482, दुमका – 58, पूर्वी सिंहभूम – 1444, गढ़वा – 405, गिरिडीह – 282, गोड्डा – 102, गुमला – 239, हज़ारीबाग़ – 526, जामताड़ा – 54, खूंटी – 50, कोडरमा – 469, लातेहार – 229, लोहरदगा – 225, पाकुड़ – 203, पलामू – 251, रामगढ़ – 332, रांची – 1566, साहेबगंज – 164, सरायकेला – 203, सिमडेगा – 407 और पश्चिमी सिंहभूम – 222, पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई हैं।

कोरोना ने केवल जुलाई में 88 झारखंडियों को लीला 

राज्य में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की संख्या बढ़कर 100 पार कर चुकी है। संक्रमण अपने मारक क्षमता बढ़ौतरी करते हुए अब जानलेवा साबित हो रहा है। शुरुआत तीन महीने (अप्रैल – जून) के दौर में जहाँ मरने वालों की संख्या 18 थी, वहीँ वह जुलाई में 100 का आंकड़ा पार चुका है। यानी केवल जुलाई के 26 दिनों में कोरोना वायरस 88 झारखंडियों को लीला है। वहीं राज्य में पॉजिटिव केस की संख्या अब 10000 को छूने वाली है। देश भर में संक्रमितों की कुल संख्या 15 लाख छूने वाली है। और मौतें 652276 हो चुकी है। जो साबित करता है मोदी सत्ता इस आपदा से लड़ने पूरी तरह विफल है।

260 पुलिसकर्मी, 54 डॉक्टर समेत 179 चिकित्साकर्मी संक्रमण का शिकार 

राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोर्ट भी चिंता जाता चुकी है। राज्य में अब तक 260 से अधिक पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। जबकि, 54 डॉक्टर समेत 179 चिकित्साकर्मी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। भाजपा ऐसी परिस्थिति है जहाँ हमारे पास इस जानलेवा दुश्मन से लड़ने के लिए दावा भी मयस्सर नहीं है,  वहां इससे लड़ने के लिए अदना सा मास्क जैसे हथियार की महत्ता समझी जा सकती है। 

ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए हेमंत सरकार ने  कोरोना को नियंत्रित करने के लिए मास्क न पहनने वालों के लिए सख़्ती से निपटने का फैसला किया है। क्योंकि, मास्क न पहनने की स्थिति में लोग खुद तो संक्रमित होते ही हैं, दूसरों को भी करते हैं। मसलन, मास्क का सरोकार सीधा जीवन से हो गया है। लेकिन, आश्चर्य है यह भाजपा को नहीं पच रहा। और गैरजिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सरकार द्वारा रोकथाम के लिए किए गए सख़्ती को हटाने के लिए राज्यपाल को पत्र दे दिया है।  

बहरहाल, भाजपा क्या चाहती है जिस प्रकार केंद्र सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है, झारखंड सरकार भी करे। या फिर यह समझा जाए कि मुद्दा ना मिलने की स्थिति में बिना सोचे समझे किसी भी सही फैसले को गलत साबित किया जाए। और अपनी राजनीति साधा जाए 

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