झारखण्ड : असहाय आदिवासी समाज को हेमन्त सोरेन की जरुरत क्यों?

झारखण्ड : भारतीय राजनीति में हेमन्त सोरेन की उपस्थिति अति महत्वपूर्ण. क्योंकि वर्तमान तानाशाही राजनितिक परिवेश में वह आदिवासियत मुद्दों और अधिकारों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील रहे.  

रांची : हेमन्त सोरेन आदिवासी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वह आदिवासियत मुद्दों और हक-अधिकारों की सुरक्षा को लेकर सदैव संवेदनशील और प्रयत्नशील रहे हैं :

आदिवासी को हेमन्त की जरुरत क्यों

1. संरक्षण और विकास :  हेमन्त सोरेन आदिवासी समुदाय के विकास और संरक्षण के मुद्दों पर विशेष तौर पर सक्रीय रहते हैं. वह आदिवासी समुदाय के जल, जंगल, ज़मीन और वन्यजीवों के अधिकारों की रक्षा के प्रति संकल्पित दिखते हैं.

2. शिक्षा और स्वास्थ्य : पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की सरकार में आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है. और आदिवासी छात्रों के उत्थान के लिए विशेष शिक्षा योजनाएं और स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू की गई है.

3. समाजिक सुरक्षा : पूर्व की हेमन्त सोरेन की सरकार में आदिवासी समुदाय के लिए समाजिक सुरक्षा को योजनाओं के माध्यम सेर मजबूत किया गया जिसे वर्हैतमान में चंपाई सरकार आगे बढ़ा रही है. उन्होंने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले आदिवासी-दलित समेत सभी वर्गों के गरीब परिवारों को आर्थिक मजबूती प्रदान की है.

4. लाभदायक योजनायें : हेमन्त सोरेन आदिवासी समुदाय के मुद्दों पर संवेदनशील रहे हैं. वह आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध दिखते रहे हैं. उनकी सरकार की योजनायें आदिवासियों की देनीय स्थिति में हर संभव सुधार लाते दिखते हैं.

मसलन, वर्तमान लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन का जेल में रहना आदिवासी समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्हें अपनी पीड़ा को देश के समक्ष पहुंचाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही हेमन्त के दूरदर्शी सोच, अनुभव और रणनीतिक कौशल से आदिवासी समाज को वंचित होना पड़ रहा है.

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