हेमन्त की परछाई बन जनता स्वयं कल्पना संग खड़ी – विपक्ष बेबस

झारखण्ड : हेमन्त के जेल भेजे जाने के बाद झारखण्ड के मूल आवाज को ज़िंदा रखने वाली कल्पना सोरेन का बतौर गांडेय विधानसभा प्रत्यासी के रूप में नामांकन, सामंतवाद के लिए खतरे की घंटी.

रांची : खनिज-संपदा संपन्न राज्य झारखण्ड की राजनीति में बीजेपी विचारधारा जहाँ बाहरी और पूंजीपति समर्थित मानी जाती है तो वहीँ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की विचारधारा आदिवासी, दलित और झारखंडी मूल विचारों को समर्थन करने वाली मानी जाती है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन से लेकर पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन का पूरा संघर्षकाल तथ्य की पुष्टि कर सकती है. ज्ञात हो, हेमन्त सोरेन को जेल भेज विपक्ष के द्वारा राज्य के मूलवासी वर्ग की राजनीति आवाज को शून्य करने का प्रयास हुआ. 

हेमन्त की परछाई बन जनता स्वयं कल्पना संग खड़ी

इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि उस दौर में जहाँ एक तरफ गठबंधन विधायक राज्यपाल को स्वयं की गिनती कर अपनी उपस्थिति बताना पड़ रहा था तो वहीं दूसरी तरफ झामुमो कार्यकर्ता-नेता अपने नेता के साथ हुए अन्याय से, गुस्सा, अवाक, हताश सभी अवस्था में सड़कों पर बिलखते नजर आये. निश्चित रूप से यह दौर जहाँ गठबंधन के लिए दुखद रहा तो वहीं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की विचारधारा के समक्ष एक शुन्यता सी परिस्थिति उत्पन्न की. 

ऐसे दौर से कल्पना सोरेन ने अपनी पीड़ा को परे रख न केवल झामुमो को संभाला, कार्यकर्ता, जनता व राज्य की आधी आबादी में विश्वास का संचार की. उस वक़्त तो उपचुनाव की भी संभावना नहीं थी. भला हो जांच एजेंसी का, उसने हरियाण की सत्ता अस्त-व्यस्त की. और बीजेपी ने गैर विधायक को सीएम बनाया. नतीजतन चुनाव आयोग को देश भर में उपचुनाव घोषित करना पड़ा. और झामुमो जैसे दल को अपने मजबूत सिपाही कल्पना सोरेन को चुनावी मैदान में उतारने का मौक़ा मिला.

कल्पना सोरेन का नामांकन विपक्ष के लिए खतरे की घंटी

कल्पना सोरेन ने न केवल अपने पति पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की सोच और निर्णयों को आगे बढ़ाई, जख्मी शेरनी की भांति विपक्ष की तरफ आँखें भी तानी. नतीजतन, झामुमो की राजनीती को शिथिल मान चुकी विपक्ष के न केवल होश उड़े, वह पूरी तरह से बेकफूट पर नजर आने आई. ऐसे में कल्पना सोरेन का गांडेय विधानसभा के प्रत्याशी के रूप में नामांकन और जनता का हेमन्त सोरेन की परछाई बन उनके साथ खड़ा होना, स्पष्ट रूप से विपक्षी की पूरी राजनीतिक ज़मीन के लिए खतरे की घंटी है.

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