जहाँ बाबा की नजर हर पहर है, वह शहर देवघर है : बाबा की नजर दुबे जी पर!

जहाँ बाबा की नजर हर पहर है, वह शहर देवघर है : भोले बाबा ने अपनी तीसरी नजर बीजेपी के गोड्डा बाबा पर डाली है! 

कहते है जहाँ बाबा की नजर हर पहर है, शहर मशहूर वह देवघर है। तो क्या बाबनागरी पहली बार उस राजीनिति का परिचायक हो चला है, जहाँ बाबा के बनाए नियम ही डगमगा रही है। झारखंड सरकार को शाप  देने  वाले बाबा की पाप के गठरी पर अपनी पलके खोली है। आप जैसे चाहें वैसे समझ ले। संयोग देखिये वक्त ने किस तरह पलटा खाया जो देवघर – गोड्डा 2014 में हाई प्रोफाइल संघर्ष वाली लोकसभा सीट थी, 2020 में वही सीट से लड़ने वाला फर्जी निकला। 

देवघर की लड़ाई देवघर ही लड़ रहा है, देवघर के शिकायतकर्ता के शिकायत से निशिकांत दुबे की किताब जो खुलनी शुरू हुई वह थमने का नाम नहीं ले रही है। सिलसिलेवार विचित्र खुलासे होने लगे हैं। अभी दुबे की पत्नी पर लगे नियम विरुद्ध ज़मीन खरीदने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उन पर नए आरोप ने हमला बोल दिया है। इस दफा का आरोप वह है जिसका साथ बीजेपी नेताओं का चोली दाम रहा है।

गोड्डा बाबा की डीग्री फर्जी

गोरखपुर के बिजेंद्र कुमार पांडेय को उनके RTI के जवाब में दिल्ली विश्वविद्यालय ने सूचना दी है कि 1993 में निशिकांत दुबे नाम का कोई भी व्यक्ति ने वहां से पार्ट टाइम एमबीए नहीं किया है। मतलब दुबे जी का डॉक्टरेट की डिग्री फ़र्ज़ी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सांसद जी के खिलाफ चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। और जांच की मांग की है। जानकार ऐसा समझ रहे हैं कि वह केंद्र मंत्री के दौड़ से बाहर भी हो सकते हैं।

मसलन, आरोप के जवाब न देकर आरोप लगाने वाले को ही खड़ा करेने वाले फर्जी बाबा ने इस बार भी वही किया है। दिलचस्प यह है कि इस दफा उनहोंने योग्यता पर सवाल उठाने वाले को फर्जी करार कर दिया है, यानी उनका मानना है कि कपड़े कि थैली में रखा सोना, सोना नहीं होता। लेकिन जनता को यह नहीं बताया कि सूचना सही है या गलत।

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