लम्हों की खता बुरे दिनों की तो पुलिसिया दबंगई को जवाब अच्छे दिनों की गवाह

सरयू राय की किताब ‘लम्हों की खता ‘बुरे दिनों की तो पुलिसिया दबंगई के खिलाफ कार्यवाही झारखंड की अच्छे दिनों की गवाह हो सकती है 

विधायक सरयू राय की किताब लम्हों की खता ने रघुवर खेमे में हलचल मचा दी है। यह किताब झारखंड के योजनाओं की भ्रूण हत्या के उस पन्ने को खोलती है, कैसे झारखंडी की त्रासदी की पटकथा रघुवर शासन में लिखी गयी। किस तरह झारखंडी उम्मीदों से खिलवाड़ कर खास को लाभ लाभ पहुंचाया गया। 

पुस्तक लम्हों की खता के लेखक व विधायक सरयू राय ने किताब के विमोचन मंच से कहा कि यह किताब मैनहर्ट घोटाले को लेकर लिखी गई है। राँची शहर के सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के नाम कैसे नियमों की धज्जियाँ उडाई गयी -पुस्तक में उल्लेख है। राय ने कहा कि हाईकोर्ट ने राँची की सिवरेज ड्रेनेज दुरुस्त करने का आदेश वर्ष 2003 में निकाला था। लेकिन क्या हुआ यह कहानी सभी को पता है।

पुस्तक को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का कहना है कि विधायक सरयू राय की मैनहर्ट पर किताब में मेरे नाम का जिक्र है। इससे मेरी छवि खराब होती है। 

युवती के साथ दुर्व्यवहार करने वाला थाना प्रभारी हरीश कुमार पाठक सस्पेंड

वहीँ, दूसरी ओर क़ानून व्यवस्था के दृष्टिकोण से न केवल एक शांति प्रदान करने वाली खबर है, बल्कि जनता तो भूल ही गयी थी कि अखबारों में ऐसी ख़बरें भी छप सकती है। बरहेट क्षेत्र के वायरल हुए वीडियो में युवती को थप्पड़ मारने व दुर्व्यवहार करने वाला थाना प्रभारी हरीश कुमार पाठक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। और एसडीपीओ को संबंधित मामले की जांच की ज़िम्मेदारी दे दी गयी है। दारोगा हरीश पाठक हमेशा से ही विवादों में घिरता रहा हैं और कई गंभीर आरोप भी लगे हैं।

मसलन, जो भी हो, लेकिन झारखंड में अरसे बाद वह दिन दिखा है जिसे क़ानून का राज कहा जा सकता है। अभी चाँद महीने पहले की बात है, जहाँ एक लाचार गरीब बेटी के पिता को न्याय देने की जगह दुत्कार कर भरी सभा से बेईज्जत कर निकाल दिया गया था। उसकी बेबसी की कहानी उसके आसूओं ने वयां किया था। जहाँ लम्हों की खता झारखण्ड के बुरे दिनों की ऐतिहासिक गवाह बनी है वहीँ, एक दरोगे के दबंगई के खिलाफ कार्रवाई, झारखंड के अच्छे दिनों की शुरुआत की ऐतिहासिक गवाह हो सकता है।

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