झारखण्ड के भविष्य के मद्देनजर हेमन्त सरकार में अपार संभावनाएं -शिक्षा की ओर बढ़ी सरकार    

  • जहाँ शिक्षा की कद्र हो वहां विकास निश्चित है. मुख्यमंत्री की छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभान्वित छात्रों एवं उनके माता-पिता को सम्मानित किये जाने के आईने में उभरा भविष्य के झारखंड का सुनहरा अक्स.  
  • जहाँ महापुरुष पूजे जाते हों वहां विपदा का नाश होता है. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जैसे महापुरुष की सोच को सम्मानित किया जाना झारखण्ड के लिए एक सुखद अनुभव.  

रांची : हेमन्त सरकार की मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के 6 छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा जाना , झारखण्ड के लिए भविष्य गढ़ने का वाहक साबित होगा. ज्ञात हो, 23 सितम्बर को मंत्रालय में इन छात्रों और उनके माता-पिता को सम्मानित करना, शिक्षा को सम्मान देना है. और इस अवसर पर मुख्यमंत्री का कहना कि  झारखंड के छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने मौका मिलना चाहिए, सरकार का लक्ष्य 10 बच्चों का चयन करने का था, लेकिन आनेवाले दिनों में 10 से अधिक बच्चों का चयन कर भेजा जाएगा, पहली बार झारखण्ड के भविष्य को लेकर गंभीर कदम गया है.

झारखंड के 20 वर्षों के ज्वलंत सवालों के जवाब में से एक है यह छात्रवृति योजना 

मुख्यमंत्री का कहना कि विदेश में उच्च शिक्षा हेतु 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. और अगले वित्तीय वर्ष में बजट में बचने वाली राशि का समायोजन योजना में किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिल सके. आज हम भौतिकवादी युग में जी रहें हैं. और आदिवासी-दलित वर्ग शैक्षिक रूप से पीछे रहें हैं. राज्य सरकार इस गंभीर सवाल पर लगातार चिंतन-मंथन कर रही है कि कैसे वंचित, कमजोर, दलित, पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य किया जाए. उन ज्वलंत सवालों का जवाब हो सकता है झारखंड जिसका उत्तर पिछले 20 वर्षों से खोज रहा था.

आनेवाले समय में अन्य वर्गों के बच्चों को भी विदेश जाने का अवसर मिलेगा  

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार राज्य के आंतरिक संसाधनों का उपयोग कर आगे बढ़ेगी. झारखण्ड को अपने पैरों पर खड़ा होना आवश्यक है. ताकि नई पीढ़ी नये नजरों से झारखण्ड को देख सके. राज्यवासी और उनकी भावनाओं के साथ झारखण्ड आगे बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने साफ़ कर दिया है कि फिलहाल यह योजना आदिवासी समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर दे रही है, आनेवाले समय में अन्य वर्गों के बच्चों को भी अवसर देने पर सरकार विचार करेगी. ज्ञात हो, सरकार ने राज्य में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को भी आर्थिक सहायता पहुंचा रही है ताकि उनके आगे की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा ना आये.

जयपाल सिंह मुंडा का नाम धरा पर सदैव रहेगा

मुख्यमंत्री का कहना कि जयपाल सिंह मुंडा का नाम सदैव रहेगा. जयपाल सिंह मुंडा ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण कर झारखंड जैसे क्षेत्र में जिस नयी सोच का विस्तार किया. उस सोच को लेकर झारखंड सरकार आगे बढ़ चली है. जिस प्रकार उस दौर में उनके नवीन सोच ने संविधान निर्माण में भी भूमिका निभाई, अलग झारखंड के कांसेप्ट को जनता के बीच रखा. ठीक उसी प्रकार आज की नयी पीढ़ी भी नए नजरिये से झारखण्ड को देखेगी. और अपने नवीनतम सोच से झारखण्ड को विकास की राह पर अग्रसर करेगी. और सदियों से आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक रूप से कमजोर समाज मजबूत हो सकेगा. 

मसलन, कहा जाता है कि जहाँ चाह वहाँ राह -जिसका अर्थ है कि यदि हमारे पास दृढ़ संकल्प है हम अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. जहाँ बुजुर्गों का, महापुरुषों का, शिक्षा का मान-सम्मान होता है, वहां सुख-शान्ति, समृद्धि, सरस्वती व लक्ष्मी का वास होता है. झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस दिशा में कदम बढ़ा भविष्य के झारखंड को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है. निश्चित ही झारखंड ऐसे मुख्यमंत्री के संरक्षण में नित विकास करेगा, तरक्की करेगा.

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