हेमंत सोरेन की 25 वर्षों की दूरदर्शी सोच – सिंकिंग फंड। उद्योग। पर्यटन क्षेत्र में आधारभूत संरचना। इथेनॉल को बढ़ावा देने की नीति।

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पहली बार राज्य में गठित हुआ सिंकिंग फंड. भविष्य में संकट आने पर राज्य कर सकेगी इस फण्ड का उपयोग

उद्योग, पर्यटन, इथेनॉल को बढावा देने के लिए सरकार ने बनायी बेहतर नीतियां

Ranchi : झारखंडी के मुख्यमंत्री, युवा नेता हेमन्त सोरेन द्वारा एक बार फिर भविष्य के झारखंड की रूप रेख जनता के सामने स्पष्ट रखा गया. उनकी सोच 25 वर्षों की कार्य योजना से जुड़ी है. उनके नीति के तहत झारखंड में किसी भी पार्टी की सत्ता हो, झारखंडी जनता को अगले 25 वर्षों तक रोजगार, शिक्षा, निवेश, आधारभूत संरचना, भविष्य की जरूरत को लेकर आकस्मिक फंड जैसी समस्याओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा. 

मुख्यमंत्री ने बीते दिनों मीडिया जगत के संपादकों और ब्यूरो प्रमुख के साथ बैठक में अपनी दूरदर्शी सोच स्पष्ट की. मुख्यमंत्री भली-भांति से वाकिफ हैं कि मीडिया की मदद से ही वे अपनी सोच को झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के समक्ष रख सकते हैं. सीएम के 25 वर्षों के काम में सिंकिंग फंड, उद्योग, आधारभूत संरचना और पर्यटन क्षेत्र का विकास प्रमुखता से शामिल हैं. 

राज्य गठन के बाद पहली बार हेमंत के नेतृत्व में हुआ सिंकिंग फंड में निवेश

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य निर्माण के बाद पहली बार सिंकिंग फंड में निवेश हुआ है. सिकिंग फंड में निवेश का उद्देश्य – झारखंड में किसी की भी सरकार हो, आर्थिक संकट में उसे मदद मिल सकेगा. मार्च 2021 में पेश बजट में कंसोलिडेटेड सिंकिंग फंड की बात की गई थी. इस फंड में हेमंत सरकार में चालू वित्त वर्ष में 303 करोड़ और आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 472 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है. 

इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री का कहना था कि साल दर साल इस फंड में निवेश की राशि बढ़ती जाएगी. किसी आपदा या विशेष संकट के कारण खजाना खाली होने और राजस्व वसूली के दूसरे उपाय नहीं होने की स्थिति में, राज्य सरकार इस फंड से पैसा निकाल कर आर्थिक राहत का इंतजाम कर सकेगी. जिससे राज्य के विकास की धीमी नहीं होगी.

नई औद्योगिक नीति के तहत 1 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य, झारखंड को मिलेगी अलग पहचान

25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर हाल ही में सीएम द्वारा राज्य की नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी गयी. इसके जरिये राज्य सरकार सूबे में उद्योग के लिए माकूल वातावरण और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को सुविधाएं और रियायत देने की घोषणा की. नई उद्योग नीति से राज्य में निवेश के द्वार बेहतर ढंग से खुलेंगे. नई उद्योग नीति के जरिये होने वाले 1 लाख करोड़ के निवेश से 5 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है. जिससे झारखंड को वैश्विक धरातल पर एक अलग पहचान मिल सकेगा.

इथेनॉल उद्योगों को बढ़ावा के लिए सरकार देगी कैपिटल सब्सिडी

उद्योग नीति के तहत ही हेमंत सरकार अब राज्य में इथेनॉल उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. स्टेक होल्डर के साथ हुई एक बैठक में राज्य सरकार द्वारा तैयार झारखंड इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2021 के ड्राफ्ट की जानकारी दी गयी. इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए निवेशकों को 25 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. लघु उद्योगों के लिए यह राशि अधिकतम 10 करोड़ तथा बड़े उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये होगी. इसके तहत राज्य सरकार इथेनॉल उत्पादन उद्योगों को स्टांप ड्यूटी तथा निबंधन में 100 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करेगी.

लैंड ऑफ फॉरेस्ट की जगह झारखंड को बनाया जाएगा टूरिज्म हब, बनी पॉलिसी

‘लैंड ऑफ फॉरेस्ट’ के नाम से चर्चा में रहने वाले झारखंड को अब मुख्यमंत्री टूरिज्म हब के रूप में विकसित करेंगे. मुख्यमंत्री की यह सोच भी 25 वर्षों की कार्य योजना से जुड़ी है. इसके लिए झारखंड टूरिज्म पॉलिसी 2020 लायी गयी है. नीति के तहत देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए झारखंड के 230 से अधिक पर्यटन स्थलों का चयन कर विकसित किया जा रहा है. पर्यटन क्षेत्र में 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में, प्रत्येक वर्ष 120 छात्र-छात्राओं को अल्प अवधि का पर्यटन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना है. इसके लिए राज्य सरकार देवघर में फूड क्राफ्ट संस्थान लांच करने की तैयारी में है. 

पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने पर मुख्यमंत्री का जोर

मुख्यमंत्री का मानना है कि धार्मिक टूरिज्म में पहचान बनाने के बाद झारखंड अब माइनिंग के क्षेत्र में भी पर्यटन को बढ़ावा देगी. खनन क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खनन कंपनियों के साथ मिलकर सुविधाएं प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त इको टूरिज्म, सांस्कृतिक टूरिज्म, शिल्प और व्यंजन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वीकेंड गेटवे, फिल्म टूरिज्म, मनोरंजक पार्क, कल्याण पर्यटन की कार्ययोजना पर राज्य सरकार ने कार्य करना आरंभ कर दिया है.

निवेश करने वालों को सरकार देगी लाभ, पंजीकरण व लाइसेंस प्रमुखता से है शामिल

25 वर्षों के टारगेट से जुडे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री राज्य में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर भी जोर दे रहे हैं. दूरगामी क्षेत्रों तक में पक्की सड़को का निर्माण का निर्देश दिया गया है. औद्योगिक लाइसेंस लेने के लिए एकल खिड़की नीति का काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा ‘झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति-2021’ को भी स्वीकृति दी गयी है. उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत आगामी पांच वर्षों में राज्य में निवेश करने वालों को कई प्रकार के  लाभ दिये जायेंगे. जैसे राज्य सरकार के हिस्से का जीएसटी वापस करना, पंजीकरण, लाइसेंस आदि के शुल्क में छूट देना शामिल हैं.

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