झारखण्ड : हेमन्त शासन में कृषि और किसान ही नहीं, कृषि के मुख्य आवश्यक तत्व विशेष कर जल प्रबंधन को प्राथमिकता मिली है. देवघर व दुमका मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना प्रत्यक्ष उदाहरण.
रांची : कृषि को किसी भी सभ्यता या समाज की रीढ़ होती है. भारत देश तो तथ्य का जिवंत उदाहरण है. ज्ञात हो, मोदी सरकार की नीतियों और कोरोना संकट के अक्स में रसातल में जाती अर्थव्यवस्था में देश को किसानों की कृषि ने ही संभाल रखा है. अन्यथा इस विशाल देश की स्थिति की कल्पना तक से रूह काँप जाता है. मसलन, मानव जीवन में खाद्य उत्पादन तथा किसान यानी भारत के प्राचीन-पौराणिक श्रमण परम्परा की आवश्यकता समझे जा सकते हैं.
खेती के लिए जल मुख्य आवश्यकता है. झारखण्ड प्रदेश में बीजेपी की अधिक सत्ता का ऐतिहासिक सच है. लेकिन, अन्य पहलूओं की भांति उस बीजेपी सत्ता में कृषि और किसान को हासिये पर भेजा गया. केन्द्रीय बीजेपी के शासन में हुए विशाल कृषि आन्दोलन प्रकरण से इसकी विभीषिकाओं को समझा जा सकता है. लेकिन, राज्य की मौजूदा हेमन्त शासन में न केवल कृषि और किसान को, कृषि की मुख्य आवश्यक तत्व विशेष कर जल प्रबंधन को प्राथमिकता मिली है.
भारत में कृषि के लिए जल की उपलब्धता बड़ी चुनौती है. देश में जल संसाधनों की कमी है और जलवायु परिवर्तन के अक्स में इसकी संभावनायें और बढ़ चली है. जल संरक्षण और जल संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए उपाय करने की आवश्यकता है. मसलन, सीएम हेमन्त के नेतृत्व में जरूरत के अनुसार सम्बंधित कार्य योजना बन रही है. सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास हुआ है. गंगा के पानी को भी पाइपलाइन से खेतों तक पहुंचाने के प्रबंध हो रहे हैं.
झारखण्ड के हर खेत को पानी मिले -सीएम हेमन्त सोरेन
हर खेत को पानी मिले की प्रतिबद्धता के उद्घोष के साथ सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा देवघर के सारठ प्रखंड में, सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास 9 अक्टूबर 2023 को किया गया. इस सिंचाई परियोजना से भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से क्षेत्र के खेतों में पटवन हेतु जल पहुँचाया जाएगा. जिससे राज्य के किसान टांड़ में भी सालों भर खेती कर सकेंगे. साथ ही गंगा नदी के जल को भी पाइपलाइन के माध्यम से क्षेत्र के खेतों तक पहुचने का प्रबंध हो रहा है.
झारखण्ड में पानी का हो सकेगा बेहतर और कुशल इस्तेमाल
हेमन्त शासन में धरातल पर उतारी जा रही सिंचाई परियोजनाओं में नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जिससे राज्य के खेतों में पानी का बेहतर और कुशल इस्तेमाल हो सकेगा. खेत-खलियान डूब क्षेत्र में ना आए इसके लिए भूमिगत पाइपलाइन की तकनीक का प्रयोग हो रहा है. इस कड़ी में राज्य के पहला मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना की आधारशिला राज्य के उप राजधानी दुमका के मसलिया में रखी गई थी.
सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना कैसे किसानों को पहुचायेगा फायदा
- सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत अजय नदी बराज से भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी.
- इस योजना पर 484 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च होंगे. निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा होगा.
- देवघर जिले के सारठ और करों. जामताड़ा जिला के विद्यासागर और जामताड़ा प्रखंड के 27 पंचायतों के 1 लाख 11 हज़ार 174 किसान योजना से लाभान्वित होंगे.
- 13 हज़ार 164 हेक्टेयर कृषि भूमि में पटवन की सुविधा उपलब्ध होगी.
- धान के अतिरिक्त दलहन और तिलहन के साथ रागी, ज्वार -मक्का जैसे फसलों की खेती की सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.
- भारी वर्षा की स्थिति में खेतों को पानी की जरूरत न रही तो उस पानी को अगल-बगल के जलाशयों में डाइवर्ट किया जा सकेगा. ताकि उस जल का बेहतर इस्तेमाल हो सके.