AJSU दल : 50% युवा सदस्य में जाति भागीदारी का उल्लेख नहीं 

झारखण्ड : चुनाव के चौथे पहर में आजसू का अचानक राज्य सरकार को जाति जनगणना का सलाह उसके राजनीतिक मंशा की पोल खोल सकता है. साथ ही 50% युवा सदस्यों में जाति भागीदारी का उल्लेख न होना भी.

रांची : एनडीए के आजसू पार्टी को चुनावी मौसम वैज्ञानिक माना जाता है. हालाँकि वह झारखण्ड विधानसभा 2019 के मौसम का अनुमान नहीं लगा पाई. और पहला मौका है जब वह राज्य की सत्ता से दूर है. उसके मुद्दों में अचानक बदलाव से प्रतीत हो चला है कि उसे आगामी आम चुनाव के नतीजे का भान हो चला है. बिहार जातीय जनगणना के दौर तक बीजेपी से मैत्री निभाने वाले आजसू का आंकड़े आते ही जातीय जनगणना राग अलापना बीजेपी से दूर होने का स्पष्ट संकेत देती दिखती है.

AJSU दल : 50% युवा सदस्य में जाति भागीदारी का उल्लेख नहीं 

हालांकि, परिस्थिति चाहे जो भी हो लेकिन आजसू का झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन के मुद्दों के साथ खड़ा होना झारखण्ड और देश हित में है. अब तक बीजेपी और केंद्र सरकार के मुद्दों के साथ खड़ा रहने वाली आजसू पार्टी ने महत्वपूर्ण बैठक कर जातीय जनगणना के मुद्दे को समर्थन देने के निर्णय लिया है. लेकिन, केंद्र को इस दिशा में उसके द्वारा एक अदद पत्र तक ना लिखा जाना और सीधे सीएम को घेरने का प्रयास उसके राजनितिक मंशा के पेंच को प्रदर्शित कर सकती है.

आजसू ने मित्र बीजेपी से क्यों नहीं कहा कि झारखण्ड गरीब प्रदेश है, केंद्र को जातीय जनगणना करवाना चाहिए

एक तरफ केंद्र सरकार पर झारखण्ड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है. लेकिन आजसू के द्वारा एक बार भी इस राशि के वसूली की दिशा में केन्द्रीय बीजेपी सरकार पर परेशर नहीं बनाया गया. एक बार भी उसके द्वारा केंद्र सरकार को नहीं कहा गया कि झारखण्ड गरीब प्रदेश है और केंद्र सरकार को अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवाना चाहिए. और ना झारखण्ड विधानसभा से पारित एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण बढ़ोतरी विधेयक पर ही उसके द्वारा केंद्र सरकार को घेरा गया.

हालांकि झारखण्ड में स्पष्ट है कि सीएम हेमन्त सोरेन जातीय जनगणना के पक्ष में है. लेकिन चुनाव के चौथे पहर में आजसू पार्टी व उसके सुप्रीमों के द्वारा अचानक कहा जाना कि झारखण्ड सरकार को अपने खर्च पर जाति जनगणना करानी चाहिए. उनके राजनीतिक मंशा की पोल खोल सकता है. और पार्टी के सांगठनिक ढांचे में महिलाओं की संख्या बढ़ाना तो स्वागतयोग्य है लेकिन, 50% युवा सदस्य में जातियों की भागीदारी का उल्लेख न करना ज़रुर संदेह उत्पन्न करता है.

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