प्रश्न पत्र लीक जैसे जघन्य अपराध पर उत्तराखंड में गैंगस्टर एक्ट व संपत्ति भी जब्त करने प्रावधान डालने वाली बीजेपी हेमन्त सरकार द्वारा लाये जा रहे क़ानून पर मगरमच्छ के आँसू क्यों बहा रही है?
रांची : झारखण्ड एक शान्तिप्रिय, ईमानदार और भोले लोगों का राज्य है. प्रदेश की जनता प्राकृतिक नियमों के साथ सुर-ताल मिला कर चले में यकीन रखती है. इस राज्य में अधिकाँश सत्ता बीजेपी की रही है. जिसमें राज्य में प्रश्न पत्र लीक जैसे अपराध गहराए हैं. जो मूलवासियों के नौकरी के अधिकार छिनने का सच लिए है. जिसके अक्स में राज्य में बाहरी-भीतरी जैसे राजनीतिक मुद्दा अस्तित्व में आया. लेकिन, मौजूदा हेमन्त सत्ता में इस अपराध और अन्याय के रोकथाम में क़ानून लाया जा रहा है.
झारखण्ड में हेमन्त सरकार द्वारा प्रश्न पत्र लीक जैसे अपराध के रोक-थाम हेतु प्रभावी क़ानून लाया जा रहा है. जिसके अधिकाँश प्रवधान उतराखंड और राजेस्थान से मिलता-जुलता है. कोई परीक्षार्थी जिसे इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए अभियोज किया जाता है तो ऐसे अभियोजन पर परीक्षार्थी को आरोप-पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पाँच वर्ष की कालावधि तथा दोषसिद्ध ठहराये जाने पर दस वर्ष के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से वंचित कर दिया जाएगा.
परन्तु यदि परीक्षार्थी जिसे इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन किसी अपराध के लिए पुनः अभियोजित किया जाता है तो ऐसे अभियोजन पर परीक्षार्थी को आरोप-पत्र दाखिल होने की तिथि से पाँच से दस वर्ष की कालावधि तथा दोषसिद्ध ठहराये जाने पर आजीवन कालावधि के लिए परीक्षा प्राधिकरण द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से वंचितकर दिया जाएगा.
उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने विरुद्ध क़ानून के प्रावधान
भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने के लिए एक कठोर कानून पारित किया गया है. इस कानून के तहत, प्रश्न पत्र लीक करने वालों को आजीवन कारावास या 10 साल की जेल और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है. इस कानून के तहत,साथ ही अभयुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट भी लागू किया जा सकता है. और उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.
राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम, 2022
“राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम, 2022 में लाया गया है. इसके तहत, प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक करने वालों को 10 साल तक की जेल और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना के प्रावधान हैं. प्रतियोगी परीक्षा में नकल करने वालों के लिए 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना के प्रावधान हैं. अन्य प्रकार की धांधली में 3 साल तक की जेल और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना के प्रावधान हैं.
उत्तराखंड में गैंगस्टर एक्ट तक लगाने वाली बीजेपी का झारखण्ड में मगरमच्छ के आँसू
केन्द्रीय पक्षपात, मणिपुर मामले की गूंज से बचने और मुद्दों के अभाव के अक्स में बीजेपी झारखण्ड में ऐसे जघन्य अपराध को रोकने के बजाय, प्रस्तावित क़ानून पर मगरमच्छ के आँसू बहाती दिखी है. ज्ञात हो, उतराखंड में बीजेपी के द्वारा इसपर लाये गए क़ानून में गैंगस्टर एक्ट व संपत्ति जब्त करने तक के प्रावधान हैं. ऐसे में अन्य महत्वपूर्ण बिल की तरह इसमें भी बीजेपी का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है. साथ ही उसका अपराधियों के पक्ष में खड़े होने की मंशा को भी स्पष्ट किया है.