शिक्षा व्यवस्था में सुधार के मद्देनज़र बेहतर काम करती दिखती है हेमंत सरकार

पिछली बजट के मुकाबले शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में 2 प्रतिशत बढ़ोतरी सरकार का एक स्वस्थ पहल 

ओपन यूनिवर्सिटी से दूरस्थ शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा, ट्राइबल यूनिवर्सिटी से जनजातीय संस्कृति को जान सकेंगे लोग

राँची। भाजपा के डबल इंजन सरकार में झारखंड के शिक्षा व्यवस्था व शिक्षण संस्थानों के हाल किसी से छिपी नहीं है। स्कूलों व विश्वविद्यालों में खाली पड़े पदों को भी भरा नहीं जा सका। राज्य के बेहतर शिक्षण संस्थान कमोबेस हर स्तर पर पिछड़ती रही। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को दिल्ली सरीखे या उससे बेहतर बनाने का उनका प्रयास रहेगा। 

पिछले सत्ता के बजट के मुकाबले इस सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। इस दौर में जहाँ केंद्र द्वारा लगातार शिक्षा के बजट में कटौती हो रही है वहां इस बढ़ौतरी के मायने सुकून देने वाले हो सकते हैं। साथ ही राज्य के बुद्धिजीवी वर्ग हेमंत के इस कदम को बेहतर शिक्षा के लक्ष्य की ओर उठाया गया पहला लेकिन ठोस मान रहे हैं। 

चुनावी दौर में भी झामुमो के घोषणापत्र में बेहतर शिक्षा व्यवस्था का जिक्र था। वैश्विक महामारी से बचाव में उलझी हेमंत सत्ता की गति शिक्षा क्षेत्र थोड़ी कम जरूर रही, लेकिन अब जब जीवन पटरी पर धीमे-धीमे लौट रही है, तो राज्य के शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के मद्देनज़र सरकार की गति भी फिर से वेग पकड़ती दिखती है। 

ओपन यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चुनावी वादे के तहत राज्य में झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी बनाने की मंजूरी दे दी है। इस सम्बन्ध में सरकार अगले मानसून सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार द्वारा 5 करोड़ रूपये स्वीकृत भी किए गए हैं। सूत्रों की माने तो विधेयक के पास नहीं हो पाने के स्थिति में सरकार अध्यादेश लाकर यूनिवर्सिटी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। 

निस्संदेह, ओपन यूनिवर्सिटी के स्तीत्व में आने से पूरे राज्य में ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा को बल मेलगा। इसकी शाखाएं राज्य के तमाम जिलों में होगी। जिसके जरिए घर बैठे विद्यार्थी अपने पढ़ाई को जारी रख सकेंगे। जाहिर है इस पहल से वैस विद्यार्थियों को निस्संदेह फ़ायदा होगा जो आर्थिक अभाव में अपनी पढाई छोड़ देते हैं।  

इसके अलावा भी झारखण्ड की मौजूदा हेमंत सरकार जल्द ही राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी का नीव रखने जा रही है। कार्य अपने गति पर है, केवल स्थान का चयन होना शेष रह गया है। ट्राइबल यूनिवर्सिटी के स्तीत्व आने से जहाँ एक तरफ जनजातीय समुदाय में शिक्षा की पहुँच बढ़ेगी, वहीं उनके जीवनशैली व संस्कृति से देश समेत पूरी दुनिया को रूबरू होने का सरल मौका मिलेगा।

यूनिवर्सिटी में खाली पड़े 2030 पदों को भऱने की हेमंत सरकार की कवायद 

राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में खाली पड़े पदों को भरने की दिशा की ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बढ़ चुके हैं। इस सम्बन्ध में, उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने निर्देश दिया था कि यूनिवर्सिटियों में खाली पड़े पद जल्द भरे जाए। राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में कुल 3732 पद स्वीकृत हैं। जिसमे करीब 2030 पद रिक्त हैं। साथ ही 4181 अतिरिक्त पद भी हैं।

सीएम हेमंत ने अधिकारियों को इन रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश दिया है। ताकि राज्य के शिक्षण संस्थान बेहतर रूप काम कर सके। बैठक में सीएम ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम निर्देश दिये है।

  • बीआईटी सिंदरी को उच्च कोटि के सुविधाओं से लैस राष्ट्रस्तरीय तकनीकि संस्थान के रूप में विकसित करना।
  • कोरोना संकट के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के बीएड महाविद्यालयों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित न हो पाने के स्थिति में क्वालिफाईंग मार्क्स को आधार मान कर नामांकन प्रक्रिया निष्पादित करने का निर्देश।
  • संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों/प्रोफेसरों  की समस्याएं व नियमित नियुक्तियां निकाले जैसे मुद्दों पर अहम निर्णय़ लिया गया। 

टेट सर्टिफ़िकेट की मान्यता को दो साल बढ़ाने से छात्र-छात्राओं को मिली राहत

राज्य के हजारों बेरोजगार छात्र-छात्राओं को हेमंत सरकार ने बड़ी राहत दी है। कोरोना महामारी से उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के सर्टिफ़िकेट की मान्यता को अतिरिक्त दो साल के लिए बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में विभागीय सचिव को मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है। सरकार के इस फैसले से राज्य के कुल 48,916 टेट पास अभ्यर्थियों को एक और मौका भविष्य में मिल सकेगा।

ज्ञात हो, 2013 में आयोजित टेट परीक्षा में कुल 66,364 छात्र-छात्रायें उतीर्ण हुए। जिसमे केवल 15,698 छात्र-छात्रा ही शिक्षक बन पाये थे। और टेट सर्टिफ़िकेट की मान्यता केवल पांच साल की होती है। और पिछली रघुवर सरकार में परीक्षाएं नियमित नहीं होने के कारण सर्टिफ़िकेट की मान्यता खत्म हो गयी थी। लेकिन, हेमंत सरकार के आदेश से वह तमाम अभ्यर्थी अब 2022 तक उस सर्टिफ़िकेट के आधार पर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

भाजपा ने 5000 स्कूलों को बंद किया, हेमंत का 5000 स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने का एलान 

राज्य के शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही 5000 स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने स्वयं इसकी घोषणा की थी। जिसमे 4500 आदर्श स्कूल पंचायत स्तर पर और 500 स्कूलों को जिला स्तर पर बनाने की बात कही गयी थी। जिससे आदिवासी-दलित-मूलवासी व गरीब जनता के बच्चों (छात्र-छात्राओं) को बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो पायेगी।

घोषणा के दौरान सीएम श्री सोरेन ने ख़ास तौर पर कहा था कि हमें यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कई विद्यालय भवन बनाए गए। लेकिन, अब तक उन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। बता दें कि पिछली भाजपा सरकार में राज्य में करीब 5000 संचालित प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय को विलय के नाम पर बंद कर दिया गया था। और इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री को उनके ही 12 सांसदों का विरोध झेलना पड़ा था।

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