झारखण्ड : कल्पना सोरेन ने कहा भाजपा भारत के संविधान को बदलने का रच रही षडयंत्र. भाजपा जब भी सत्ता में आई आदिवासी, दलित, पिछड़े, गरीब के शोषण को मिला बढ़ावा.
रांची : पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के लोक्तान्तिक सोच और जनहित नीतियों के अक्स में, झारखण्ड में बीजेपी की राजनितिक ज़मीन डोल गई. बीजेपी को बाबूलाल मरांडी को वनवासी बना पार्टी में शामिल करना पड़ा. लेकिन हेमन्त के जनवादी औरा के समक्ष बीजेपी की रणनीति बेअसर साबित हुई. लोग कहते हैं चूँकि आम चुनाव नजदीक था ऐसे में गरीब आदिवासी वर्ग को बरगलाने के लिए बीजेपी के समक्ष हेमन्त सोरेन को जेल में डालने के सिवा अन्य कोई विकल्प शेष नहीं बचा था. लेकिन, बीजेपी का वह डर अब कल्पना सोरेन के रूप में पुनः उसके सामने आ खडा हुआ है.
पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के और अधिक तीखे तेवर ने बीजेपी राजनीति को बेसुध कर दिया है. बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल यह हो चली है कल्पना सोरेन के नेतृव में देश भर के आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और गरीब के प्रति बीजेपी की सामन्ती एट्रोसिटी मंशा का मैसेज पहुँच गया है. झारखण्ड में बीजेपी के प्रत्याशियों के विरुद्ध जनता का विरोध स्वर इसका एक झलक भर हो सकता है. चूँकि बीजेपी मुद्दारहित है और गुजरात लॉबी के अक्स में असरदार नेताओं को बिसारने का सच लिए है, उसकी डगर और कठिन हो चली है.
बीजेपी सरकार ने CNT/SPT एक्ट को समाप्त करने का किया षड्यंत्र -कल्पना सोरेन
ज्ञात हो, कल्पना सोरेन के सधे ट्विट भी बीजेपी का सरदर्द बढ़ा रही है. वह सीधा बीजेपी के पूर्व के 14 वर्षों के साम्राज्य पर हमला बोल रही है. उन्होंने स्पष्ट लिखा कि भाजपा संविधान बदलने का षडयंत्र रच रही है. राज्य में बीजेपी की डबल इंजन सरकार बनाते ही राज्य के सुरक्षा कवच CNT/SPT एक्ट को कानून बना विधानसभा से पारित कर समाप्त करने की साजिश हुई. हेमन्त सोरेन ने सदन से सड़क तक इसका तीखा विरोध किया था. दिशोम गुरू शिबू सोरेन के नेतृत्व में झामुमो ने तत्कालीन राष्ट्रपति से इस सम्बन्ध में मुलाकात की. पूरे राज्य ने आन्दोलन किया तब उस काले कानून को वापस लिया गया था.
हेमन्त सोरेन को झारखण्ड की कमान मिली तो वह अलग झारखण्ड राज्य निर्माण के उदेश्यों को लेकर न केवल आगे बढे. राज्य में बाहरियों के आसरे फैलाए गए सामंती मकड़ जाल को सुलझाने में सफल हुए. तमाम सामन्ती चुनौतियों के बावजूद रिक्त पदों पर नियुक्तियों का सिलसिला आरम्भ हुआ. ट्राइबल एडवाइजरी कौंसिल का गठन हुआ. गरीबों को शिक्षित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्य हुए. खेल-खिलाड़ियों को दिशा मिली. कर्मचारियों समेत सभी गरीबों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई. राज्य में पहली बार खनन दोहन के इतर कुछ अन्य विकल्प दिखे.
कल्पना सोरेन का हर कदम करा रहा कुशल राजनीतिज्ञ का आभास
झामुमो की विचारधारा के अक्स में कल्पना सोरेन दिशोम गुरु शिबू सोरेन और हेमन्त सोरेन के आदर्शों व जन कार्यों को आगे रख, सशक्त महिला शक्ति के रूप में राजनीती करती देखी जा रही है. जिसके आगे विपक्ष के तमाम सामन्ती हथियार बेबस हो चले हैं. यही नहीं अब उनके द्वारा 21 अप्रैल को INDIA गठबंधन के बैनर तले रांची के प्रभात तारा मैदान में उलगुलान न्याय महारैली का बुला गया है. जाहिर है मौजूदा राजनितिक परिवेश में जन सैलाब उमड़ने की संभावना है. जो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के धन-बल पर आधारित एकत्रित हो रहे भीड़ को चुनौती दे सकता है.