संविधान हमारी ताकत हमारा स्वाभिमान – कल्पना सोरेन

झारखण्ड : केन्द्रीय तानाशाही विचारधारा के विरुद्ध बिना डरे मजबूत लड़ाई लड़ रही कल्पना सोरेन का बाबा साहेब आंबेडकर के जयंती पर एलान संविधान हमारी ताकत हमारा स्वाभिमान…

रांची : केन्द्रीय प्रभावी शक्तियों के अक्स में देश में उत्पन्न कृत्रिम राजनीतिक संकट व जन समस्याओं के विरुद्ध मजबूत राजनितिक नायिका के रूप खड़ी कल्पना सोरेन, संवैधानिक अक्षरों की संरक्षण की दिशा में तेज पगों से बढ़ती देखी जा रही है. एक तरफ वह बड़ी संजीदगी से पारिवारिक दायित्व संभाल रहीं हैं, झामुमो विचारधारा के आसरे पार्टी संगठन को सघन कर रहीं तो दूसरी तरफ केन्द्रीय अनदेखी पुकारों के अक्स में उन्हें जुझारू महिलाओं की आधिकारिक आवाज के रूप में मान्यता भी मिलती दिख चली है.

संविधान हमारी ताकत हमारा स्वाभिमान

कल्पना सोरेन न केवल झारखण्ड की पीड़ाओं को समेट रहीं है, पार्टी पक्ष में कुशलता पूर्वक रणनीति भी बनाती दिख रही है. वह झामुमो सीनियर नेताओं को मान दे उनका अनुभव-आशीर्वाद प्राप्त कर रही है. कार्यकर्ताओं की समस्या सुन पार्टी के जोड़कारी बिदुओं को मजबूती दे रही हैं. नतीजतन झामुमो विपक्ष के लिए अभेद किला बन गया है. इस फेहरिस्त में 21 अप्रैल 2024 को रांची में उलगुलान न्याय महारैली का आह्वान हुआ है. इसकी कमान स्वयं कल्पना सोरेन के द्वारा सम्भालने से रैली में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना विपक्ष को विचलित कर रहा है.


14 अप्रैल 2024, भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती में कल्पना सोरेन का जनपक्ष में, संविधान पक्ष में, लोकतंत्र संरक्षण के पक्ष में किया गया ट्विट उनकी व्यक्तित्व और विचारधारा को परिभाषित कर सकता है. इस महान दिवस पर उनका एलानिया ट्विट – संविधान हमारी ताकत है! संविधान हमारा स्वाभिमान है! यह संविधान और हमारे वीर पुरुखों का संघर्ष हमें तानाशाही ताकतों के सामने कभी न झुकने को प्रेरित करती है. स्पष्ट रूप से कल्पना सोरेन की विचारधारा और झारखंडियत को परिभाषित करता है.

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