झूठे रघुवर से परेशान अनुबंध-संविदा कर्मी के लिए हेमंत की बनी समिति लाएगी उनके सेवा में एकरूपता

रांची। डबल इंजन सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अनगिनत झूठे वायदे किए। उनके झूठे वादों के जद में न केवल झारखंडी जनता, बल्कि सरकारी विभाग के तमाम कर्मी भी आये। रघुवर दास के झूठे वादें के खिलाफ आज करीब 2,350 सहायक पुलिसकर्मी रोड पर आंदोलनरत है। ठीक उसी प्रकार जैसे मनरेगाकर्मियों अभी चंद दिनों पहले सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर थे। 

वर्तमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन लाखों अनुबंधकर्मियों के दर्द को समझ रहे हैं। इसलिए, उनकी समस्या के निदान के हर पहलूओं पर अपनी पैनी नजर शुरुआत से ही बनाए रखी है। बीते अगस्त माह में उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक समिति बनाकर आंदोलनरत मनरेगाकर्मी, सहायक पुलिसकर्मी तथा अनुबंधकर्मियों की परेशानियों का समाधान किया जाए। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार सौपेगी। 

सेवा में एकरूपता लायेंगी हेमंत की यहसमिति

बीते 18 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि उनकी सरकार कई विभागों में अनुबंध और संविदा पर कार्य कर रहे कर्मियों की सेवा में एकरूपता लाने का प्रयास कर रही है। बाक़ायदा इसके लिए उन्होंने एक उच्च स्तरीय समिति गठन के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी है। जिसमें राज्य के कई आला अधिकारी शामिल हैं। 

इस समिति के अध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। साथ ही योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रधान सचिव सह विधि परामर्शी भी इसके सदस्य होंगे। 

समिति के लिए निर्धारित कार्य 

  • सीएम के निर्देश पर बनी यह उच्चस्तरीय समिति सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों में अनुबंध-संविदा पर कार्यरत कर्मियों और उनके कार्यों से संबंधित सेवा शर्तों, अवधि और मानदेय की राशि आदि में समानता लाने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी।
  • यह समिति अनुबंध-संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार तथा नियमितीकरण के संबंध में उठाई जा रही मांग की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। 
  • इसके अलावा यह समिति विभिन्न विभागों, कार्यालयों में कार्यरत अनुबंध-संविदा कर्मियों की संख्या, इनके नियुक्तियों में अपनाई गई प्रक्रिया, सुप्रीम और हाईकोर्ट के आदेशों और अन्य आदेशों के आलोक में इनके सेवा नियमितीकरण की संभावनायें सहित वर्तमान सेवा शर्तों के सुधार के संबंध में अपना महत्वपूर्ण परामर्श देगी। 

रघुवर के कांटे वाली बीज का दंश झेलते हुए भी वर्तमान झारखंडी सरकार अपने भाई-बहनों की समस्याओं को खत्म करने के लिए बढ़ा चुकी है कदम

राज्य सरकार के विभागों में कार्यरत अनुबंध और संविदाकर्मी के परेशानियों का कारण केवल बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास हैं। लेकिन, विडंबना है कि उस सरकार में शामिल होने के बावजूद चुप्पी साधे रखने वाले आजसू सुप्ररीमों सुदेश महतो राजनीति रोटी सेंकने के लिए मगरमच्घुछ के आंसू बहाते देखे जा रहे हैं।

मसलन, रघुवर सत्ता द्वारा बोये गए कांटे वाले बीज का दंश वर्तमान की झारखंडी सरकार झेलने को मजबूर है। फिर भी यह सरकार कमोवेश हर मोर्चे पर झारखंड समस्याओं का निदान करने के लिए डटी है। अब देखना यह है कि हेमन्त सरकार कोरोना के विकट संक्रमण से जूझते हुए राज्य के तमाम समस्याओं के निबटारा करने में किस हद तक सफल होती है।

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