झारखण्ड हेमन्त सत्ता: आंदोलनकारी, जनजाति, पारा शिक्षक के बाद अब राज्य के सचिवालय कर्मियों को राहत. झारखण्ड प्रशासनिक सेवा संशोधित नियमावली 2023 की अधिसूचना जारी.
रांची : झारखण्ड की हेमन्त सरकार में युवाओं के रोजगार की दिशा में जिस तेजी से काम हो रहा है. उसी तेजी से सभी वर्ग के आश्रितों को सरकारी नौकरी में लाभ पहुंचाने का भी प्रयास हो रहा है. इसी कड़ी में सरकार ने झारखण्ड प्रशासनिक सेवा संशोधित नियमावली 2023 की अधिसूचना भी जारी कर दी है. जिसके तहत अब अनुकंपा पर सचिवालय सेवा की नौकरी पाने वाले कर्मी भी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में भाग ले पाएंगे.
हेमन्त सरकार में आश्रितों को नौकरी देने का नीतिगत फैसला कोई पहली बार नहीं लिया गया है. इससे पहले सीएम के द्वारा अपने कई फैसलों में सीएम ने कई वर्गों के आश्रितों को नौकरी देने का सराहनीय प्रयास किया गया है. इस फैसले में झारखण्ड आंदोलनकारी, अनुसूचित जनजाति समाज और मृत पारा शिक्षकों के आश्रित शामिल हैं. तिथिवार जानें, हेमन्त सोरेन सरकार में आश्रितों को कैसे पहुंचाई जा रही है सहायता.
- 31 मई 2021 – झारखण्ड आंदोलनकारियों के आश्रितों को सीधी नौकरी और परिजनों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा.
- 20 फरवरी 2022 – पहाड़िया और बिरहोर जनजाति के कर्मियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को हेमन्त सोरेन ने दी मंजूरी.
- 10 जुलाई 2023 – मृत सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी के प्रावधानों में बदलाव की पहल शुरू.
- 13 सितंबर 2023 – अनुकंपा पर नौकरी पाने वाले अफसर भी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में ले सकेंगे भाग, अधिसूचना जारी.
आंदोलनकारियों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती
सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा 31 मई 2021 को झारखण्ड आंदोलनकारियों के आश्रितों के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया. पुलिस फायरिंग अथवा जेल में मरे या दिव्यांग हुए (40% से ज्यादा) आंदोलनकारियों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को तीसरी व चतुर्थ वर्गीय पदों के लिए सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाएगी. इसके लिए 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिसका लाभ आंदोलनकारी परिवार को जीवन में एक बार ही मिलेगा.
पहाड़िया और बिरहोर जनजाति के दो कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नियुक्ति
सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा 21 फरवरी 2022 को दो आदिम जनजाति वर्ग (पहाड़िया और बिरहोर जनजाति) के दो कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी सेवा में समूह ‘घ’ के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी. इसमें पहाड़िया जनजाति के बलिराम पहाड़िया की आश्रित पत्नी फूलमुनी पहाड़िन और बिरहोर जनजाति के पुना बिरहोर की आश्रित पत्नी जीतो देवी को अनुकंपा पर नियुक्ति दी गयी. बलिराम पहाड़िया पंचायत सचिव और पुना बिरहोर अनुसेवक के पद पर कार्यरत थे.
सहायक अध्यापकों के आश्रितों को अनुकंपा पर मिलने वाली नौकरियों के प्रावधानों में बदलाव
10 जुलाई 2023, सीएम के निर्देश पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने मृत सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) के आश्रितों को अनुकंपा पर मिलने वाली नौकरियों के प्रावधानों में संशोधन करने का फैसला लिया गया है. अब आश्रित पारा शिक्षक के साथ-साथ दूसरी विभागों में भी अनुबंध पर बहाल हो सकेंगे. इस सन्दर्भ में विभाग द्वारा महाधिवक्ता से राय मांगी गई है. पूछा गया है कि पारा शिक्षकों के आश्रितों की बहाली क्या दूसरे विभागों में की जा सकती है? मामला अभी विचाराधीन है.