शहीदों का मान-सम्मान देश की अखंडता के लिए जरुरी -सीएम हेमन्त

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन का शहीदों एवं उनके परिवार का मान-सम्मान को देश की अखंडता से जोड़ कर देखना, उनके लोकतांत्रिक मंशा का दर्पण.

रांची : झारखण्ड में, हेमन्त शासन में शहीद, आन्दोलनकारियों एवं उनके परिवार को मान-सम्मान और हक मिल रहा है. शहीदों और उनके परिवार को मान-सम्मान और हक-अधिकार देने से समाज में इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. देशवासियों में देशभक्ति की भावना और प्रबल होती है. जब शहीदों और उनके परिवारों को सम्मान दिया जाता है, तो देशवासियों में अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा मिलती है. जिसके अक्स में देश की एकता और अखंडता को बल मिलता है. 

शहीदों का मान-सम्मान देश की अखंडता के लिए जरुरी -सीएम हेमन्त

ज्ञात हो, शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आन और संविधानिक मूल्यों रक्षा की होती है. उन्हें सम्मान देना, देश के प्रति उनकी कुर्बानी का सम्मान करना है. इससे देश में शांति, सुरक्षा और लोकतांत्रिक भावना की रक्षा को बल मिलता है. देशवासी देखते हैं कि सरकार देश के लिए शहीद एवं उनके परिवारों का सम्मान, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है, तो वह शांति और कानून के पालन को प्रेरित होते है. जिससे देश का मान बढ़ता है. देश विकास के दिशा में बढ़ता है.

अन्याय-शोषण के विरुद्ध झारखण्ड ने कभी घुटने नहीं टेके -सीएम 

झारखण्ड में मौक़ा शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि देने का हो. और राज्य का सीएम राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान चाकुलिया में कहे कि देश सुरक्षा की बात हो या जल-जंगल-जमीन और पर्यावरण को बचाने बात हो. अन्याय-शोषण के विरुद्ध अपने मान-सम्मान और हक-अधिकार की रक्षा में झारखण्ड के आदिवासी-मूलवासी हमेशा तत्पर रहे हैं. वह अन्याय के विरुद्ध ना कभी झुके और ना कभी रुके. हर मोर्चे पर संघर्ष करते हैं, वह भी अपने उसूलों से समझौता किये बिना.

सीएम कहे कि राज्य के अनेक वीरों ने समाज और देश हित में कुर्बानी दी है. हमें अपने अमर शहीदों पर गर्व है. और 1114756 लाभुकों के बीच 7570499900 रुपए की परिसंपत्ति वितरण करे. जनजातीय शासन व्यवस्था के पदाधिकारी मानकी-मुंडा, माझी, जोग, गोड़ेत, नाई, परगनैत आदि को आवास देने की घोषणा करे. विशेष व्यवस्था के तहत युवाओं को राइस मिल लगाने के लिए प्रेरित करे. शहीदों और उनके परिजनों के मान-सम्मान के प्रति प्रतिबद्धता दिखाए. तो उस आदिवासी सीएम की लोकतांत्रिक मंशा देश के अक्स में समझा जा सकता है.

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