सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई बन रहा है फसल उत्पादन में बदलाव का वाहक

झारखण्ड के विभिन्न जिलों में 6000 से अधिक कृषक परिवार सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई से हो रहे हैं लाभान्वित

राँची : किसानों की आर्थिक समृद्धि के मद्देनजर बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाएं, झारखण्ड में बदलाव का वाहक बन कर उभरी है. हेमन्त सरकार राज्य के कृषकों को पूरे साल सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करने के लिए इस सौर ऊर्जा पर आधारित योजनाओं को राज्य में लागू करने की दिशा में बढ़ चली है. इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा रही हैं. खास कर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है, जहां सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं होती. जिससे किसानों को मजबूरन मानसून पर ही निर्भर रह एकफसलीय खेती करनी पड़ती हैं.

500 एकड़ भूमि को सिंचित करने की योजना

हेमन्त सरकार में पूरे राज्य में सौर ऊर्जा आधारित योजना के तहत कार्य हो रहा है. बोकारो – सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 500 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत लाया जा रहा है. अबतक जिले के लगभग 480 किसान परिवार योजना से लाभान्वित हुए हैं. प्रत्येक पंप इकाई में 5एचपी की क्षमता है, जिसमें एक पंप हाउस में स्थापित 5 किलोवट सौर पैनल है, जो 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल के 300 मीटर को कवर करता है. बोकारो में कुल ऐसी 48 इकाइयां स्थापित की जानी हैं, जो लगभग 500 एकड़ भूमि को सिंचित करेगी.

लातेहार और सिमडेगा में 600 से अधिक सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयां स्थापित

लातेहार और सिमडेगा जिलों में भी किसानों को लाभ पहुंचाने और बहुफसलीय खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तकनीक को अपनाया गया है. लातेहार में लगभग 100 इकाइयों को स्थापित करते हुए 1000 एकड़ से अधिक भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत कवर किया गया है. जबकि, सिमडेगा में 105 से अधिक सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे जिले भर के लगभग 5000 परिवारों को लाभ हुआ है.

किसानों को लाभान्वित करने के लिए युद्ध स्तर पर पंप इकाइयां स्थापित करने की दिशा में कार्य हो रहा है. विभिन्न प्रखंडों से सिंचाई सुविधा से संबधित रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि सिंचाई सुविधा से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जा सके. इसके अलावा, जिले के विभिन्न हिस्सों में सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों के कार्यान्वयन पर काम हो रहा हैं. इससे छोटे समूहों या पहाड़ी इलाकों में काम करनेवाले किसानों को मदद मिलेगी. साथ ही बंद पड़े खदानों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करने पर भी काम किया जा रहा है.

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