Skip to content
Jharkhand Khabar
  • News
  • Jharkhand
  • National
  • Viral Reports
  • Editorial
  • World Politics
  • Biography
    • Dishoom Guru Shibu Soren
    • Nirmal Mahto
  • News
  • Jharkhand
  • National
  • Viral Reports
  • Editorial
  • World Politics
  • Biography
    • Dishoom Guru Shibu Soren
    • Nirmal Mahto

सरकारी खज़ाने का बंटाधार करने वाली योजनाओं को झारखंड हित में सरकार ने किया बंद

  TRENDING
मधुपुर उप चुनाव में भाड़े की भीड़ से सज रही है भाजपा की रैलियाँ ! April 10, 2021
मधुपुर उपचुनाव: भाजपा की नफरत की राजनीति का जवाब झामुमो विकास की राजनीति से देती April 9, 2021
मधुपुर उपचुनाव : दलबदलू जमात के बीच दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान April 9, 2021
सहयोगी और गठबंधन धर्म…इसे कहते हैं , महागठबंधन से सीखे भाजपा-आजसू! April 7, 2021
बंगाल में बीजेपी सत्ता नहीं आयी तो देश की नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह April 7, 2021
Next
Prev
Search
प्रवासी मुख्यमंत्री

सरकारी खज़ाने का बंटाधार करने वाली योजनाओं को झारखंड हित में सरकार ने किया बंद

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on telegram
Share on whatsapp

जब -जब झारखंडी जनता की हित की बात आएगी, तो कोई भी झारखंडी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी योजनाओं को बंद करने से नहीं करेगी परहेज  

चहेते एजेंटों प् गिरती गाज के बौखलाहट में पूर्व प्रवासी मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि उनकी योजनाओं को बंद कर रही हेमंत सरकार

श्वेत पत्र में जिक्र हो चुका है कि रघुवर सरकार की योजनाओं से सरकारी खज़ाने का हुआ है बंटाधार

राँची। हेमंत सरकार झारखंड के हित में जनता के सोच के अनुरूप विकास को गति दे रही है। जो कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी धीमा जरुर हुआ लेकिन रुका नहीं। सरकार में विकास व रोज़गार से जुड़ी कई योजनाओं की शुरूआत हुई। साथ ही सरकार राज्य के खज़ाने को नुकसान पहुँचा वाली योजनाओं को बंद करने से भी नहीं चुकी। पूर्ववर्ती प्रवासी मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई “मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना”, “एक रूपये में ज़मीन रजिस्ट्री की योजना” सहित कई  योजनाएं इसके स्पष्ट उदाहरण हो सकते हैं। 

इसी वर्ष के फरवरी माह हेमंत सरकार  द्वारा जारी श्वेत पत्र में इन तमाम योजनाओं की सच्चाई व काम करने के तरीकों पर वाजिब सवाल उठाये गये थे। कई तथ्यों के आधार पर श्वेत पत्र में या साबित किया गया था कि रघुवर सरकार की योजनाओं ने सरकारी खज़ाने का बंटाधार किया था। अब जब योजनाओं की सच्चाई सामने आ चुकी है, तो रघुवर दास चिर परचित अंदाज ने जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि हेमंत सोरेन सरकार जन विरोधी है। और भाजपा शासन में लिये गये निर्णयों को वह बंद कर रही है। 

सीएम कृषि आशीर्वाद योजना: 35 लाख किसानों को भाजपा ने बनाना चाहा वोट बैंक

2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जून माह में भाजपा ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की। योजना के तहत हर एकड़ पर 5,000 रुपये सरकार की तरफ से किसानों को दिये जाने का वादा हुआ। करीब 35 लाख किसानों के बीच करीब 3,000 करोड़ रुपये बांटा जाना था। लेकिन चुनाव के ठीक पहले किसानों को वोट बैंक के समझ यह योजना लायी गयी थी।

पहले चरण में योजना को मिले 1300 करोड़ रूपये में करीब 500 करोड़ रुपये बचे रह गये। यानी केवल 800 करोड़ रूपये ही खर्च हुए। बाकी का कोई हिसाब नहीं। स्पष्ट है कि 35 लाख किसानों को फायदा पहुंचाने की बात केवल धोखा था। हेमंत सरकार ने इस योजना को बंद कर किसानों के लिए ऋणमाफी वाली नई योजना लाने की जा रही है। इससे किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचेगा। 

“एक रूपये में जमीन रजिस्ट्री”: 400 करोड़ नुकसान और गरीब महिलाओं के साथ धोखा

महिला सशक्तिकरण की बात कर भाजपा ने जून 2017 में “एक रूपये में जमीन रजिस्ट्री” की योजना की शुरूआत की। चूंकि उस समय केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार थी, इस कारण योजना में चल रहे भ्रष्टाचार पर कोई जाँच नहीं हुआ। लेकिन हेमंत सरकार ने सत्ता संभालते ही जब योजना के तह तक पहुंची, तो पता चला कि योजना की वजह से सरकार को प्रतिवर्ष  न केवल 300 से 400 करोड़ रुपये तक के राजस्व का नुकसान हो रहा है। जमीन की लूट भी हो रही थी। योजना का लाभ गरीब महिलाओं की जगह केवल अमीर परिवारों को मिला। जाहिर है कि हेमंत सरकार ऐसी योजनाओं को कभी शह नहीं देगी, जो गरीब झारखंडी जनता और सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाता हो। 

6500 स्कूलों को विलय की योजना से राज्य की शिक्षण व्यवस्था हो जाती चौपट

रघुवर सरकार में राज्य के 6500 स्कूलों के विलय का फैसले लिया गया था। नीति आयोग के निर्देश पर रघुवर सरकार ने कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को पास के दूसरे स्कूलों में विलय करने की तैयारी की। लेकिन इससे बच्चों की शिक्षा पर क्या असर पड़ेगा, इसका कोई आंकलन नहीं किया। खुद भाजपा के 12 सासंदो ने रघुवर दास को पत्र लिख इस निर्णय पर आपत्ति जतायी थी। 

हेमंत सरकार ने इन स्कूलों के विलय प्रक्रिया को रोक आदर्श स्कूल खोलने का काम शुरू कर दिया है। बीते 15 अगस्त को सरकार ने 5,000 विद्यालयों को शिक्षक-छात्र अनुपात, प्रशिक्षक सहित खेल मैदान, पुस्तकालय आदि सभी सुविधाओं से युक्त करते हुए “सोबरन मांझी आदर्श विद्यालय” के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया।

50 हजार सखी मंडलों के बीच 75 करोड़ रुपये से ज्यादा ऑनलाइन किये ट्रांसफर

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का आरोप है कि उनके शासन में 2 लाख से ज्यादा सखी मंडल बनाकर 20 लाख लोगों को रोज़गार दिया गया। लेकिन हेमंत सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है। रघुवर दास यह भूल गये है कि सखी मंडल को झूठे वादें देने के साथ अपने अधिकारों की मांग कर रही सेविका बहनों पर लाठी भांजी।

जबकि हेमंत सरकार ने तो अपने शुरूआत के 9 महिनों में ही 50,000 सखी मंडलों के बीच 75 करोड़ रूपये ऑनलाइन ट्रांसफर किये। इनमें से हर सखी मंडल को 15-15 हजार रुपये अनुदान दिये गये हैं। इस राशि से सखी मंडलों से जुड़े करीब 6 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ होगा। इससे उन्हें आजीविका को सशक्त बनाने का मौका मिलेगा।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on telegram
Share on whatsapp

This Post Has 7 Comments

  1. Pingback: गिरती अर्थव्यवस्था के बीच झारखंड की राजकोषीय व्यवस्था बिगाड़ने की रची गयी है गहरी साजिश - Jharkhand Khabar

  2. Pingback: दुमका उपचुनाव सर्वे -भाजपा के कद्दावर नेताओं के दौरे के बावजूद जेएमएम आगे

  3. Pingback: बीजेपी की तरह राज्य के किसानों को धोखा नहीं देना चाहते किसान हितैषी हेमंत सोरेन

  4. Pingback: साधारण किस्म के धान पर MSP + बोनस देने के मामले में भाजपा शासित बिहार से आगे हेमंत सरकार

  5. Pingback: रोजगार सृजन के लिए लाये हेमंत सरकार की योजनाओं से राज्यवासियों को मिल रहा है त्वरित लाभ

  6. Pingback: हेमन्त सरकार अगले 30 वर्षों का आकलन कर राज्य के शहरों का करेगी कायाकल्प - Jharkhand Khabar

  7. Pingback: पेयजल की परेशानी राज्य में हो, मुख्यमंत्री का दूरदर्शी सोच मोदी सरकार से आगे

Leave a Reply Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मधुपुर उपचुनाव:

मधुपुर उपचुनाव: भाजपा की नफरत की राजनीति का जवाब झामुमो विकास की राजनीति से देती

दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान

मधुपुर उपचुनाव : दलबदलू जमात के बीच दलबदलू प्रत्याशी की राह नहीं आसान

सहयोगी और गठबंधन धर्म

सहयोगी और गठबंधन धर्म…इसे कहते हैं , महागठबंधन से सीखे भाजपा-आजसू!

नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह

बंगाल में बीजेपी सत्ता नहीं आयी तो देश की नेशनल सिक्योरिटी खतरे में -अमीत शाह

जेपीएससी नियमावली । खनन नहीं पर्यटन । खेल नीति ।

जेपीएससी नियमावली । खनन नहीं पर्यटन । खेल नीति । पहली बार कई काम महज 1 बरस में

पुरुषोत्तम राम

भाजपा रामराज में पुरुषोत्तम राम और सीता मैया की सेवा करते अनुज भारत

Previous Post

सरकारी रोज़गार व प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता लाने की दिशा में बढ़ी हेमंत सरकार

Next Post

यह यूपी नहीं झारखंड है - झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत की चेतावनी

बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

भाजपा के बाबूलाल मरांडी का ट्वीट भी ब्लैकमेल व धमकी का ही एक रूप

खेल और खिलाड़ियों

भाजपा शासन में झारखंड में खेल और खिलाड़ियों को मिली सिर्फ बार्बादी

झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन

झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन की मौजूदगी जरूरी क्यों? भाग-1

बाबूलाल जी का स्वार्थी महत्वाकांक्षा

बाबूलाल का स्वार्थी महत्वाकांक्षा झारखण्डी जनता के लिए घातक

नक्सली सरेंडर अपील के मायने

होली की बधाई के बीच झारखंड में नक्सली सरेंडर अपील के मायने

Copyright 2021 - Jharkhandkhabar