झारखण्ड : हेमन्त सरकार में ‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी कईं योजनाएं चल रही है. सभी योजनाएं राज्य के तमाम झारखण्डियों की शिक्षा, रोज़गार और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित…
राँची : झारखण्ड की मौजूदा हेमन्त सरकार में जन हित में कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन हो रहा है. जिसका धरातल पर सीधा फायदा झारखण्ड की मूल जनता को होता दिखता है. इसके अलावे भी हेमन्त सरकार में ‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी कई योजनायें धरातल पर उतारी गई है. जो मुख्यमंत्री पद की सार्थकता साबित करती है. ज्ञात हो, ‘मुख्यमंत्री’ के पद/नाम से शुरू सभी योजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार मुहैया काराने जैसे प्रयास पर केंद्रित है. इसका फायदा धरातल पर दिख भी रहा है.
‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी योजनाओं की फेहरिस्त में ‘मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा सामर्थ्य योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा उड़ान योजना’, ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’, ‘मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना’ प्रमुखता से शामिल हैं.
झारखण्ड के मुख्यमंत्री से जुडी स्वास्थ्य क्षेत्र की योजना – मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना (‘मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना’) : यह योजना राज्य के गरीब वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने में मदगार साबित हुआ है. इसके अंतर्गत राज्य के वैसे मरीज, जिनकी सकल वार्षिक आय लगातार तीन वर्षों तक 8 लाख रुपये से कम है, को इलाज हेतु मदद प्रदान किया जाता है. इसमें सभी प्रकार के असाध्य बिमारी – कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, गंभीर लीवर रोग, एसिड अटैक शामिल हैं. इन बिमारियों से प्रभावितों को चिकित्सा सहायता अनुदान की स्वीकृति का भी प्रावधान है.
मुख्यमंत्री पद को सार्थक बनाती शिक्षा और रोज़गार क्षेत्र की योजनाएं
शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में हेमन्त सरकार द्वारा शुरू की गयी चार योजनाएं झारखण्ड जैसे गरीब राज्य में युवा समेत जनहित के लिए महत्वपूर्ण है. इन योजनाओं के माध्यम से राज्य के युवाओं को शिक्षित होने में मदद किया जा रहा है, बेहतर रोजगार पाने हेतु सामार्थ्य प्रदान किया जा रहा है. इसमें श्रेणी में निम्लिखित योजनायें शामिल हैं –
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना-झारखण्ड
हेमन्त सरकार झारखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु अभ्यर्थियों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना की शुरुआता इसी उदेश्य की पूर्ति पर आधारित है. यह योजना श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा शुरू होगी. योजना के तहत प्रारंभिक (पीटी) परीक्षा पास करने वाले झारखण्डी अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा.
चयनित अभ्यर्थी 50,000 रुपये की राशि से कोचिंग के अलावा किताबें जैसे कई जरुरी संसाधन खरीद सकते हैं. बता दें कि अब तक राज्य सरकार कल्याण विभाग के माध्यम से अनुसूचित जाति तथा जनजाति के अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होनेवाली सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराती रही है.
मुख्यमंत्री युवा सामर्थ्य योजना
राज्य के अनुसूचित जनजाति, जाति और ओबीसी वर्ग के वैसे बच्चे जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें हेमन्त सोरेन सरकार अब निःशुल्क किताबें उपलब्ध कराने जा रही है. सरकार प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकों का पैकेज उपलब्ध करायेगी. इसके लिए हेमन्त सरकार में मुख्यमंत्री युवा सामर्थ्य योजना शुरुआत हुई है. इस योजना का संचालन श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा किया जायेगा.
मुख्यमंत्री युवा उड़ान योजना
इस युवा उड़ान योजना के तहत हेमन्त सरकार अब राज्य सरकार के सभी इम्प्लीमेंट एक्सचेंज (नियोजनालयों) के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायेगी. इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के युवाओं को मिलेगा. इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग को दी गयी है.
मुख्यमंत्री सारथी योजना
हेमन्त सरकार अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 से राज्य में मुख्यमंत्री सारथी योजना को लाने पर विचार कर रही है. इस योजना के माध्यम से राज्य के डिग्री प्राप्त कर चुके युवाओं को रोजगार के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायी जाएगी.
रोज़गार पर केन्द्रित मुख्यमंत्री नाम से शुरू योजना – झारखण्ड मुख्यमंत्री श्रमिक रोज़गार योजना
झारखण्ड के शहरी इलाकों में मनरेगा की तर्ज पर रोजगार देने के लिए हेमन्त सरकार में ‘झारखण्ड मुख्यमंत्री श्रमिक रोजगार योजना’ चलाई जा रही है. नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा संचालित यह योजना, राज्य शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित है. योजना के तहत सरकार ऐसे अकुशल मजदूर, जो शहरी क्षेत्र के है, उन्हें 100 दिन की रोजगार की गारंटी देती है. यह योजना मनरेगा योजना की तरह लोगों को एक साल में 100 दिन का काम देगी. इस योजना के तहत अगर किसी मजदूर को रोजगार नहीं मिल पाता तो उन्हें राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है. योजना के तहत मजदूरों को जॉब कार्ड प्रदान किया जा रहा है.