विकास का मतलब जिस प्रदेश में न्यूनतम का जुगाड़ हो जाए। जहाँ सामाजिक-सांस्कृतिक अवस्था को सहेजना बेमानी लगने लगे। भाषा, संबंध, सरोकार, परंपरायें व इतिहास को मुनाफ़ा बनाने का हुनर माना जाना लगे। गरीबी के अक्स में महिलायें हासिये पर हो और अधिकार के एवज में पीठ पर सरकारी पुलिसिया लाठी की जलन सच बनजाये। उस व्यवस्था से इतर महिला त्रासदी के मद्देनज़र मौजूदा हेमन्त सत्ता की छोटी – छोटी कवादें आत्मनिर्भरता की रौशनी जालाये। तो कुपोषण-मुक्ति झारखंड का नया सच हो सकता है। तो यह भी माना जा सकता है कि मुखिया का जोर टहनी नहीं जड़ को मजबूत करने पर है।
- मिड-डे मील रसोइयों व सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपए का इज़ाफा।
- तीन लाख छात्राओं को मिलेगी साइकिल।
- सखी मंडल से जुडी 32 लाख परिवारों की महिलाओं को क्रेडिट लिंकेज से जोड़ कर बनाया जा रहा है सशक्त।
- मातृ स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने की दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एएनएम को डिजिटल एएनसी (ANC) किट से लैस करने की प्रक्रिया शुरू।
- बच्चों को प्रत्येक सप्ताह के लिए आठ-आठ अंडा देने के दिए गए हैं निर्देश।
मिड-डे मील रसोइयों व सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपए का इज़ाफा
हेमन्त सरकार ने मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों का खाना बनाने वाली रसोइयों व सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपए का इजाफा किया है। सरकार के निर्णय से राज्य के 79 हजार 551 रसोइयों को, 1 अप्रैल 2020 से 2 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा। ज्ञात हो इस योजना में केंद्र 600 रुपए और राज्य सरकार 1400 रुपए देगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रसोइया सह सहायिकाओं के मानदेय में हर महीने 500 रुपए को बढ़ाकर 1000 रुपए करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। योजना में केंद्र का 60 और राज्य का 40 प्रतिशत अंशदान होता है। और मानदेय वर्ष में 10 महीनों के लिए देय होता है।
तीन लाख छात्राओं को मिलेगी साइकिल।
राज्य के भगौलिक स्थिति के मद्देनज़र शिक्षा के क्षेत्र विशेष कर बेटी-शिक्षा को लेकर सरकार का विशेष जोर है। सरकारी स्कूलों की 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले तीन लाख से अधिक छात्रों को सरकार साइकिल खरीद कर देगी। अब तक साइकिल खरीदने के लिए छात्रों के बैंक खाते में राशि दी जाती थी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्रा कल्याण विभाग की इस योजना के तहत साइकिल के लिए पात्र होंगे। सूत्रों के अनुसार कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव को राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने मंजूरी दे दी है। अब इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
सखी मंडल की महिलाओं को क्रेडिट लिंकेज से जोड़ कर बना रही है सशक्त
ज्ञात हो अबतक 2.54 लाख सखी मंडल के गठन के माध्यम से करीब 32 लाख परिवारों को सखी मंडल से जोड़ा गया है। सखी मंडल की महिलाएं क्रेडिट लिंकेज से जुड़ कर सशक्त हो रही हैं। उन्हें बैंकों से कम ब्याज दर पर ऋण दिलाया जा रहा है। अब तक उन्हें कुल 1824 करोड़ का ऋण ग्रामीण आजीविका मिशन के क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से बैंकों द्वारा दिलाया गया है। महिलाएं आजीविका के विभिन्न संसाधनों से जुड़ कर खुद को आत्मनिर्भरबना रही हैं।
वह दुकान-होटल सहित अन्य व्यवसायोंहाथ अजमाते हुए सफल भी हो रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग के झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी के माध्यम योजना का संचालन हो रहा है। कई महिलायें क्रेडिट लिंकेज से जुड़ कर अपना व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं और अच्छी आय का जरिया भी ढूंढ़ ली है। सामुदायिक निवेश निधि के तहत सखी मंडलों को 387 करोड़ की राशि मुहैया कराई गयी है। ग्रामीण महिलाएं स्वावलंबन की दिशा में नए आयाम गढ़ रहीं हैं।
मातृ स्वास्थ्य सुलभता के मातहत एएनएम को ANC किट से किया जा रहा है लैस
महिला त्रासदी निराकरण के मातहत राज्य सरकार के छोटे-छोटे मगर कारगर कदम, बेहरत मातृ स्वास्थ्य सुविधाएँ सुलभता की दिशा में बढ़ चले हैं। सरकार इस क्षेत्र को प्राथमिकता में रखते हुए पायलट प्रोजेक्ट के तहत, एएनएम को डिजिटल एएनसी (ANC) किट से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम अब सकारात्मक परिणाम देने लगे हैं। एचएससी कर्मियों के लिए अब चेक-अप करना आसान व सुविधाजनक हो गया है। साथ ही बदलाव के तौर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर वातावरण मुहैया हो पा रही है।
बच्चों को प्रत्येक सप्ताह के लिए आठ-आठ अंडा देने के दिए गए हैं निर्देश
ज्ञात हो,राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड डे मील के बदले चावल तथा अन्य सामग्री मुहैया कराये जा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने दिसंबर माह तक के लिए अंडा व अन्य सामग्री की राशि विभिन्न जिलों को जारी कर दी है। विभिन्न जिलों को अंडा के लिए 85 करोड़ तथा कुकिंग कास्ट के रूप में 72 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। जारी आदेश में बच्चों को प्रत्येक सप्ताह के लिए आठ-आठ अंडा देने के निर्देश दिया गया है। मिड डे मील के बदले दिसंबर माह तक के लिए बच्चों को चावल वितरित किए गए थे, अब उन्हें अंडा व अन्य सामग्री दिए जायेंगे।