जांच हुई तो दूबे की सत्ता दुरुपयोग कर कपटपूर्ण जमीन खरीद मामले का सच आएगा सामने

देवघर के एलओकेसी धाम की 18.94 करोड़ स्टाम्प वैल्यू की झारखंडी जमीन, नितीश दुबे की पत्नी द्वारा कपटपूर्ण तरीके केवल 3 करोड़ नकद रुपए में खरीदी गयी ,का सच जांच हुई तो सत्ता दुरुपयोग के मामले के रूप में सामने आएगा 

रांची। फर्जी डिग्रीधारी, भाजपा के सदाचारी सांसद-नेता, निशिकांत दूबे का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर झूठे आरोप लगा कर चर्चा में रहना, उनकी राजनीति का एक अनूठा सच हो सकता है। लेकिन, झारखंड सरकार के जांच में दूबे द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर, देवघर के एलओकेसी धाम की 18.94 करोड़ स्टाम्प-वैल्यू  की जमीन, संकट काल में महज 3 करोड़ में, सत्ता का दुरूपयोग कर कपटपूर्ण तरीके से खरीदे जाने का सच जनता के सामने आ सकता है। जिससे ऐसे भाजपाई धर्मात्मा का चरित्र-चित्रण जनता के बीच हो सकेगा। राज्यवासी जानेंगे कि कैसे कोई जन नेता सत्ता की ताक़त से संकट में घिरे झारखंडियों की ज़मीन कौड़ियों के भाव खरीद सकता है।

हालांकि, इस ज़मीन मामले में आदेश के बाद जिला अवर निबंधक ने देवघर नगर थाना में निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम समेत 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। देवघर डीसी ने सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड एलओकेसी धाम की जमीन की रजिस्ट्री रद कर दी है। डीसी ने मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी लिखा है। जांच की दिशा सही रही तो निश्चित रूप से सत्ता का दुरुप्रयोग कर, संकट में घिरे झारखंडी की ज़मीन कपटपूर्ण तरीके से एक जन-नेता का चोला ओढ़ दिखावा करने वाले भाजपा नेता द्वारा हड़पने का सच सामने जरूर आएगा। 

निशिकांत की पत्नी द्वारा खरीदी गयी जमीन मामले में हुई थी शिकायत 

ज्ञात हो कि देवघर जिला में एलओकेसी धाम की जमीन की रजिस्ट्री, 29 अगस्त 2019 को हुई थी। इसकी संख्या 770 है। निशिकांत दुबे की पत्नी पर आरोप है कि सिर्फ 3 करोड़ नकद देकर 18.94 करोड़ रुपये की स्टॉम्प वैल्यू की खरीदी गयी है। जाहिर है कि करोड़ो की ज़मीन बिना राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग के चंद रुपए में खरीदी नहीं जा सकती है। इसलिए मामले में देवघर निवासी शशि सिंह और विष्णुकांत झा द्वारा डीसी देवघर, मुख्यमंत्री झारखंड व मुख्य सचिव को शिकायत की गयी है। प्रशासन की तरफ से मामले की जांच करायी गयी जिसमे सांसद की पत्नी पर लगाए गए आरोप सही पाये गये हैं। 

जमीन खरीद को माना गया है कपटपूर्ण 

जिला प्रशासन द्वारा जांच के उपरान्त प्रथम दृष्टया में इस जमीन खऱीद मामले को पूरी तरह से कपटपूर्ण माना है। इसी कपटपूर्णता के मद्देनजर देवघर के जिला अवर निबंधक ने सांसद की पत्नी सहित पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया गया है। यह एफआईआर IPC धारा 420 , 406 , 467 , 468, 471 और 120 (B) के तहत दर्ज की गयी है। इसमें 420 की धारा पर आरोप गंभीर हैं जो किसी जन नेता के राजनैतिक जीवन शैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्योंकि इस धारा का अर्थ मुख्यतः छल-कपट, बेईमानी से उत्प्रेरित कर आर्थिक, शारीरिक, मानसिक, संपत्ति या ख्याति संबंधी क्षति पहुंचाने से सम्बंधित है।

पहले भी कई फर्जी कामों को लेकर सांसद रहे हैं चर्चा में 

भाजपा के सदाचारी! सांसद निशिकांत दूबे की फर्जीवाड़ा कोई नया है। पहले भी सांसद का नाम कई फर्जीवाड़े में शामिल रहा है। इनका फर्जी एमबीए डिग्री विवाद काफी चर्चा में रहा था। दरअसल, निशिकांत ने अपने चुनावी हलाफनामे में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए डीग्री लेने की घोषणा पत्र  प्रेषित किया था। लेकिन आरटीआई के जवाब में इनकी डिग्री फर्जी पायी गयी। 

दिल्लीि यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज ने झारखंड पुलिस को पत्र लिख कर कहा था कि डीयू से 1993 में निशिकांत दुबे नाम के किसी भी व्यक्ति ने पार्ट टाइम एमबीए की डिग्री हासिल नहीं की है। इस बाबत विश्वविद्यालय ने झारखंड पुलिस को कार्रवाई करने की आग्रह की थी। फर्जी डिग्री के आरोप का सच जानने के लिए सीआईडी की जांच अभी जारी है।

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