झारखण्ड : स्व. जगरनाथ महतो जैसी 1932 खतियानी झलक हेमन्त में 

झारखण्ड : जगरनाथ महतो की 1932 खतियानी प्रखर आवाज सीएम हेमन्त सोरेन के व्यक्तित्व में उसी तीक्ष्णता से साथ गूंजता दिखता है. मूलवासियों का अधिकार संरक्षण केवल इसी सीएम में संभव.

रांची : स्व.जगरनाथ महतो, पूर्व शिक्षामंत्री, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर और अपराजेय योद्धा व झारखण्डी मूलवासियों की 1932 खतियानी आवाज. जगरनाथ महतो झारखण्ड के मूलवासियों की खतियानी प्रखर आवाज तब थे जब पूर्व की बीजेपी सरकार राज्य में 1985 स्थानीय नीति लाई थी. तब अटल आवाज थे, जब आजसू पार्टी, सुदेश महतो, लम्बोदर महतो, चंद्र प्रकाश चौधरी जैसे नेता बीजेपी-संघ के बाहरी समर्थित एजेंडों को राज्य के धरातल पर उतारने में मदद कर रहे थे.  

झारखण्ड : स्व. जगरनाथ महतो जैसी 1932 खतियानी झलक हेमन्त में 

मौजूदा दौर में वह प्रखर आवाज झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन के व्यक्तित्व में उसी तीक्ष्णता से साथ गूंजता दिखता है. सीएम हर मंच से स्पष्ट कहते हैं कि झारखण्ड वीर पुरुषों के खून-पसीने और शहादत से सींचा गया राज्य है. राज्य को अलग हुए दो दशक होने के बावजूद मूलवासी-आदिवासियों के ठगने का सच सामने है. आदिवासियों-मूलवासियों की शिक्षा, संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने की आवशयकता है. उनके अधिकारों को संरक्षण देने ने की आवशयकता है.

राज्यवासियों की मूल भावना के साथ अडचनों के बावजूद अड़े रहेंगे – सीएम हेमन्त 

राज्य में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति, सरना धर्म कोड, एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के आरक्षण बढोतरी जैसे विधेयक विधानसभा से पारित कर आगे बढ़ाया गया. लेकिन, तमाम विधेयक कभी महामहिम राज्यपाल तो कभी केंद्र सरकार के दरवाजे पर जा फंस गई. सीएम ने कहा, उनका  प्रयास है कि राज्यवासियों की मूल भावना को ताकत मिले इसलिए हम उनकी भावना के अनुरूप कार्य करने को लेकर अडचनों के बावजूद अड़े हैं. और इन मुद्दों देश के सभी मंचों पर रखेंगे.

ज्ञात हो, डुमरी, स्व. जगरनाथ महतो के विधायिकी सीट पर उपचुनाव है. जिसमें झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के द्वारा जगरनाथ दा की परछाई, बेबी देवी को विपक्ष के प्रत्याशी के विरुद्ध मैदान में उतारा गया है. विपक्ष चिर-परिचित अंदाज में भ्रम, गोदिमिडिया और धनबल के आसरे चुनाव प्रचार में उतर चुका है. ऐसे में, डुमरी की जनता के समक्ष अग्निपरीक्षा है कि वह स्व. जगरनाथ महतो जैसे झारखण्ड की आवाज को संरक्षण देंगे या विपक्ष के पूर्व के झूठे वादे की सच्चाई के बावजूद उसके साथ जायेंगे. 

Leave a Comment