झारखण्ड: सीएम हेमन्त सोरेन का घोषणा -8 लाख से ज्यादा लंबित गरीबों को बिरसा आवास योजना लाकर देंगे मकान. अपने मद से देंगे अनाज. सोना-सोबरन योजना के तहत देंगें कपड़ा.
रांची : झारखण्ड राज्य के गरीबों की रोटी, कपड़ा और मकान के लिए क्या सीएम हेमन्त ने केंद्र को पत्र लिखा -हाँ लिखा, राज्य के गरीबों के लिए क्या सीएम हेमन्त सोरेन ने केंद्र से याचना की – हाँ की. क्या केंद्र का दिल झारखण्ड के गरीबों के पक्ष में पसीजा -नहीं पसीजा. क्या केंद्र ने झारखण्ड को सड़क पर बिना छत के भूखा और नंगा छोड़ दिया – हाँ छोड़ दिया. क्या सीएम को केवल अपनी कुशलता से राज्य संभालना पड़ रहा है -हाँ यही सच है. मोदी शासन में झारखण्ड का यह सच और कड़वी हो चली है.
किसी भी देश-राज्य में गरीब, जरूरतमंद एवं मध्यम वर्ग के जीवन लिए रोटी, कपड़ा और मकान अंतिम जरूरत होती है. झारखण्ड के आदिवासी सीएम, हेमन्त सोरेन का कार्यकाल इसी चिंतन के इर्द-गिर्द घूमता दिखा है. उनकी दूरदर्शी सोच राज्य के लोगों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था हो, यही प्राथमिक सच लिए है. जिसके अक्स में हेमन्त सरकार में झारखण्ड में कई योजनाएं धरातल पर सफलता पूर्वक संचालित है. जो गरीबों को राहत पहुचने का सच लिए है.
ऐसी योजनाओं का शुरू होने के पीछे दो प्रमुख कारण
पहला – झारखण्ड की जनता से किए अपने हर वादों को पूरा करना. और दूसरा – केंद्र की भाजपा सरकार में झारखण्डवासियों को अपने कोटे से रोटी और मकान देने में अनदेखी के अक्स में उस कमी को पूरा करना. ज्ञात हो, पिछले दिनों सीएम हेमन्त के द्वारा केंद्र सरकार से झारखण्ड में लंबित आवास योजना और राशन के तहत अनाज और मकान उपलब्ध कराने की मांग की जाती रही है. लेकिन केंद्र ने ऐसे अति गंभीर मसले पर भी कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया.
15 अगस्त : सीएम का 8 लाख झारखण्डियों को तोहफा, सरकार अपने मद से देगी आवास
15 अगस्त 2023, सीएम हेमन्त ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी सरकार अबुआ आवास योजना लाएगी. जिसके तहत हेमन्त सरकार आगामी 2 वर्ष में अपनी निधि से लगभग 15,000 करोड़ खर्च कर राज्य के जरूरतमंद को आवास देगी. ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने पीएम आवास से संबंधित विस्तृत जानकारी ली थी. जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 8 लाख से अधिक परिवारों को पीएम आवास उपलब्ध कराना लाबित था. सीएम ने चिंता जताई थी.
पत्र लिखा, केंद्रीय मंत्री से भी मिले लेकिन जब बात नहीं बनी तो सीएम ने की पहल
फरवरी 2023 को सीएम ने नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास प्लस में निबंधित 8.37 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया था. नवंबर 2022 को हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा था. लेकिन झारखण्ड़ियों के हित में केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया. नतीजतन, सीएम हेमन्त सोरेन ने अबुआ आवास योजना लाने की पहल की.
एफसीआई ने अनाज देने से किया मना, महंगे दामों पर अनाज खरीद सरकार उपलब्ध करा रही राशन
झारखण्ड भूख से मौत का सच लिए है. और झारखण्ड वासियों को अनाज देने से भी केंद्र सरकार ने मना कर दिया है. नीति आयोग की बैठक में सीएम हेमन्त सोरेन ने सपष्ट कहा कि राज्य सरकार एफसीआई से अनाज लेना चाहती है, लेकिन एफसीआई अनाज नहीं दे रहा है. इसे देखते हुए राज्य सरकार अपने मद से खुले बाजार से महंगे दामों पर अनाज खरीद कर झारखण्ड के गरीबों को अनाज उपलब्ध करा रही है, ताकि उनके समक्ष रोटी की समस्या ना उत्पन्न हो.
कोरोना महामारी के समय हेमन्त सरकार पहल से कोई भी भूखा नहीं रहा
कोरोना महामारी के समय हेमन्त सरकार ने हर गरीब को भोजन उपलब्ध कराया था, यह छिपी बात नहीं है. राज्य सरकार द्वारा पूरे झारखण्ड में सीएम किचन एवं कम्युनिटी किचन चलाई गयी थी. जब दिहाड़ी मजदूरों सहित गरीब, असहाय, जरूरतमंद एवं सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों के समक्ष रोजगार नहीं था, तब जिलों में हेमन्त के कम्युनिटी किचन से इन्हें काफी राहत मिली थी. राज्य में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा था.
सोना सोबरन धोती साड़ी लुंगी योजना : सस्ते दामों में गरीबों को कपड़ा
मकान और अनाज उपलब्ध कराने के साथ हेमन्त सरकार झारखण्ड के गरीब, मजदूर और जरूरतमंदों को कपड़ा भी उपलब्ध करा रही है. इसके लिए सरकार के द्वारा सोना सोबरन धोती साड़ी लुंगी योजना चलाई जा रही है. झारखण्ड राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 57.10 लाख परिवारों को इस योजना के माध्यम से पीडीएस दुकानों से सबसे सस्ती कीमत में, मात्र 10 रुपए में धोती साड़ी और लूंगी उपलब्ध कराई जाती है.