झारखण्ड : बुद्ध के सिद्धांतों के अक्स में हेमन्त सोरेन बतौर आदिवासी सीएम बेहतरीन प्रशिक्षित शिक्षकों के आसरे राज्य की शिक्षा व समाज के बुनियाद को मजबूती देने के दिशा में बढ़ चले हैं.
रांची : ‘शिक्षा और शिक्षक’ मानव समाज के विकास और प्रगति की प्राथमिक कुंजी होती है. यह समाजिक सुधार और उन्नति में महत्वपूर्ण कड़ियां हैं. और उन्नत शिक्षा के लिए बेहतरीन शिक्षकों की भूमिका आवश्यकता होती है क्योंकि शिक्षक समाज के प्रवर्तक और मार्गदर्शक होते हैं. इस सत्य को सिद्धांत के आसरे बुद्ध ने सर्वप्रथम देश-दुनिया को बताया था. शिक्षक ज्ञान के स्रोत होते हैं, मसलन, वह शिक्षार्थियों के शैक्षणिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभा समाज को पेबेक करते हैं.
हेमन्त सोरेन बतौर आदिवासी सीएम बुद्ध के इस सिद्धांत के आसरे झारखण्ड के बुनियाद और भविष्य को गढ़ने की दिशा में बढ़ चले हैं. उन्होंने अपने दूरदर्शी सोच के आसरे सीबीएसई के तर्ज पर राज्य भर में उत्कृष्ठ विद्यालय की नीव रखी है. पहले चरण में 80 उत्कृष्ठ विद्यालय को धरातल पर उतार भी दिया गया है. और जे.सी.ई.आर.टी. रातू रांची में मान्यता प्राप्त अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन जैसे संस्थान के मदद से शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की कार्ययोजना पर भी बढ़ चले हैं.
राज्य के 800 शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
झारखण्ड के उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों को विभिन्न चरणों में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के आसरे प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रथम चरण में प्रत्येक विद्यालय से 10 शिक्षकों को प्रशिक्षण दी जायेगी. कुल पांच बैच में 800 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. पहला बैच 21-25 अगस्त, दूसरा 11-15 सितम्बर, तीसरा 18-22 सितम्बर, चौथा 03-07 अक्टूबर एवं पांचवां 09-13 अक्टूबर 2023 आयोजित होगा.हर स्कूल के दो शिक्षकों को हर्ष जोहार के जरिए पूर्व में ही प्रशिक्षण मिल चुका है.
प्रशिक्षण प्राप्त हेडमास्टर बदल रहे बच्चों का भविष्य
ज्ञात हो, इससे पूर्व 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण दो चरणों में नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप द्वारा दिया जा चुका है. उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए प्रधानाध्यापकों का प्रशिक्षण अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा पूर्ण कर लिया गया है. जनवरी 2023 में प्रधानाध्यापकों में क्षमता वर्धन हेतु आईआईएम, रांची एवं आईआईएम अहमदाबाद द्वारा प्रशिक्षण दिया गया था. अब राज्य के 800 शिक्षकों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण देने का कार्य हो रहा है.
मसलन, हेमन्त सोरेन बतौर सीएम, राज्य के शिक्षार्थियों के लिए ज्ञान का स्रोत, मार्गदर्शन, व्यक्तिगत संरचना, सांस्कृतिक मूल्यों का संवर्धन, शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति, नैतिक और नैतिक शिक्षा, समृद्धि और सम्पूर्ण सफलता के राह में मजबूत और स्थाई आधार रख रहे हैं. जो राज्य और देश के प्रति सीएम हेमन्त के निष्ठा और जिम्मेदारी को प्रदर्शित करता है. और राज्य में शिक्षा के अधिकार को बेहतरीन रूप से उतारने की वकालत भी करता है.