झारखण्ड : हेमन्त की कल्पना के चौसर पर BJP के सभी पासे बेअसर

झारखण्ड : बिसात तो केन्द्रीय तानाशाही शक्तियों ने बिछाने की भरपूर प्रयास की, लेकिन, हेमन्त की कल्पना के चौसर पर उसके सभी सामंती पासे साबित हो रहे बेअसर.

रांची : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केन्द्रीय तानाशाह ने झारखण्ड के पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन को साजिशन जेल में डाल अपनी जीत की राह आसान मान ली थी. लेकिन, राज्य के मूलवासियों के हक में पूर्व सीएम की खिंची लकीरें पहले ही इतनी गाढ़ी थी उसे मिटा पाना या ढक पाना विपक्ष के लिए नामुमकिन था. ऐसे में जेल में बैठ कर अपनी अर्धांगिनी कल्पना सोरेन को राजनितिक मैदान में उतार बीजेपी और उसके सहयोगियों के सभी सामन्ती पासे को बेअसर कर दिया.

हेमन्त की चौसर पर BJP बेअसर

झारखण्ड के आदिवासी जननेता हेमन्त सोरेन ने एक बार फिर अपनी मानवीय राजनीति-रणनीति का लोहा मनवाया है. जिसके अक्स में विपक्ष के धुरंधर मौकापरस्त नेता बेबस दिख चले हैं. ज्ञात हो, पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के नीतियों के अक्स में राज्यवासियों के बीच विश्वास घर कर गया था कि उनकी मूल समस्याओं का हल केवल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विचारधारा में ही संभव है. लेकिन उनके जेल वास होने के बाद सामंतवाद जनता को संस्थानिक जांच एजेंसियों के डर जनता के मंशा को डिगा रही थी.

लेकिन हेमन्त सोरेन ने जेल में बैठकर विपक्ष के इस असंवैधानिक रणनीति का भी तोड़ निकाल लिए. उन्होंने कल्पना सोरेन को अपनी अमर आवाज बना कर राजनितिक मैदान में उतार दिया. भारतीय महिलायें जैसे संतुलन और शान्ति के साथ घर संभालती है ठीक उसी प्रकार कल्पना सोरेन ने भी राज्य के मूलवासियों की बदहवास आस को संतुलन के साथ संभाल लिया. नतीजतन, विपक्ष की सभी रणनीति और सामंती हथियार 13 मई 2024, मतदान के दिन ओंधे मुंह गिरने को विवश दिखा.

बतौर स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ने बदली झारखण्ड की आबोहवा 

इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि कल्पना सोरेन के औरा ने राज्यवासियों को सामन्ती डर की जगह नई सुबह और भविष्य दिखाई है. जिसके अक्स न केवल राज्यवासियों को उनकी मांगों की पूर्ति होती दिख चली है. झामुमो के नेता-कार्यकर्ताओं समेत आधिआबादी के आत्मविश्वास को भी मजबूती दी है. विपक्ष के आगे उनका झारखंडी मसलों के साथ अडिग खड़ा होना राज्यवासियों को दिशोम गुरु, बिनोद बिहारी महतो, निर्मल दा, हेमन्त सोरेन जैसे नेताओं का आभास करा रहा है. 

विकट परिस्थितियों के बीच कल्पना सोरेन की राजनीति मौजूदगी से राज्य की जनता भी देश की जनता की भांति समझ रही है कि क्यों उनके अधिकारों की पूर्ति में विलंब हो रहा है. वह समझ रही है कैसे केंद्र ने उनके पहरुआ को जेल में डाल उनके विकास को बाधित करने प्रयास किया है. मसलन, राज्य की जनता 2019 की भांति झारखण्ड राज्य के लूटेरों के विरुद्ध मजबूती से उठ खड़ी हुई है. और अपनी गुस्से के आंधी में केन्द्रीय सामन्ती सरकार को उखाड़ फैंकने पर आमादा दिख चली है.

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