हेमन्त सोरेन के नेतृत्व पर युवाओं का बढ़ा है भरोसा -आंदोलनकारी पार्टी JMM से जुड़ रहे हैं युवा

झारखण्ड : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड के आन्दोलनकारी विचारधारा से लबरेज युवा राजनीति में हो रहे हैं दक्ष और अपने अधिकारों का राजनीतिक हल निकालने हेतु भी अडिग खड़ा होते दिखने लगे हैं…

रांची : दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने जिस संकल्प से झारखण्ड के आंदोलनकारी विचारधारा को पार्टी का रूप में मथा और ‘झारखण्ड मुक्ति मोर्चा’ (JMM) को गढ़ा, मौजूदा दौर में वह संकल्प हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में फलित होता दिखता है. ज्ञात हो 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले बतौर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन उसी संकल्प को दोहराते हुए चुनावी मैदान में उतरे थे. मौजूदा दौर में उस संकल्प को हेमन्त सोरेन झारखण्ड के धरती पर बखूबी उतारने में सफल होते दिख रहे हैं. नतीजतन, झारखण्ड के आन्दोलनकारी विचारधारा से लबरेज युवा राजनीति में भी दक्ष हो रहे हैं और अपने अधिकारों का राजनीतिक हल निकालने हेतु अडिग खड़ा होते भी दिखते हैं.

इस महान उद्देश्य की पूर्ति का श्रेय झारखण्ड के युवा सीएम हेमन्त सोरेन की झारखण्डी मानसिकता पर आधारित कुशल नेतृत्व को निश्चित रूप से दिया जाना चाहिए. आज राज्य के कई राजनीतिक दल, मानवीय मूल्यों की लड़ाई लड़ रहे संस्थान, बुद्धिजीवी वर्ग व युवाओं का भरोसा जेएमएम पर बढ़ा है. यही नहीं युवा जेएमएम से जुड़कर सरकार की विचारधारा व कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. और प्रथम पंक्ति में खड़ा हो झारखण्ड के विकास में भागिदार बन रहे है. और यह सब तब हो रहा है जब विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ‘बीजेपी’ व ‘आजसू’ द्वारा युवाओं को बरगलाने की कवायद चरम पर है. फिर भी ऐसे पार्टियों से युवा नेताओं का पलायन जारी है. 

चुनाव के पहले से ही हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में दिखने लगा था युवाओं का भरोसा

ज्ञात हो, हेमन्त सोरेन के नेतृत्व पर भरोसा तो विधानसभा चुनाव के पहले ही युवाओं में दिखने लगा था. नवंबर 2019, जब पाकुड़ के भाजपा जिला अध्‍यक्ष सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जेएमएम का दामन थामा था. पार्टी में शामिल होते ही युवा कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जेएमएम रूपी संगठन को मजबूत बनाना है. जेएमएम के प्रति लोगों का भरोसा और विश्वास को बढ़ा करा ही हम झारखण्ड को आगे ले जा सकते हैं. 

झामुमों गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पार्टी में युवा सदस्यों का लगातार बढ़ा है ग्राफ

इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि सत्ता में आते ही हेमन्त सरकार द्वारा एक तरफ झारखण्ड के मूल समस्याओं के निदान में तेजी से कार्य हुए हैं. तो दूसरी तरफ राज्य के युवा शक्ति को राजनीतिक दृष्टिकोण से जागरूक करने का प्रयास हुआ. ज्ञात हो, झारखण्ड में पहली बार हेमन्त सरकार में इन उदेश्यों की पूर्ति हेतु ‘आपके अधिकार आपका सरकार आपके द्वार’ व ‘युवा सांसद’ जैसे कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ. जो हेमन्त सरकार के ईमानदार प्रयास को परिभाषित करता है. जिससे दूसरे संगठनों के लोग प्रभावित हुए और राज्य के विकास हेतु स्वत: जेएमएम की ओर झुकाव महसूस किया. नतीजतन, जेएमएम की सदस्यता का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. 

कुछ अन्य मजबूत तथ्य 

  • मार्च 2021, जेएमएम के गढ़ मधुपुर में बीजेपी सहित अन्य दलों के नेता व कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन थामा. शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं ने हेमन्त सोरेन के नेतृत्व पर खुलकर भरोसा जताया. सभी ने कहा, शांति और सौहार्द के माहौल को कुछ बाहरी और असामाजिक तत्व अपने राजनीतिक फायदे के लिए खराब कर रहे हैं. केवल जेएमएम है एक ऐसा राजनीतिक दल है जो ऐसे सांप्रदायिक शक्तियों को कभी भी राज्य में पनाह नहीं दे सकता.
  • अक्टूबर 2021, रांची में दर्जनों युवाओं ने जेएमएम पार्टी का दामन थामा. पार्टी के जिला अध्यक्ष ने स्वयं सभी युवाओं का पार्टी में स्वागत किया. पार्टी से जुड़ने वाले सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने जेएमएम का दामन थाम रहे हैं.
  • 19 नवंबर 2021, सीएम हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में गिरिडीह नगर निगम के बीजेपी समर्थित वार्ड सदस्य, जिला कार्यकारिणी सदस्यों सहित भाजपा के 13 कर्मठ पदाधिकारी   जेएमएम के साथ हो लिए. सदस्यता ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री सोरेन ने उनसे कहा कि यह पार्टी की विचारधारा की ही ताक़त है जो हमें फिर से एक कर रही है. यह झारखंड के लिए खुशी की बात है कि आमजन सहित बीजेपी के सदस्य को भी हमारी नीतियों पर भरोसा होने लगा है. जो दर्शाता है कि भाजपा की झूठ की राजनीति से लोग अब तंग आ रहे हैं.
  • नवंबर 2021, गढ़वा के रंका प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के बीजेपी और बीएसपी के तीन दर्जन कार्यकर्ताओं ने जेएमएम का दामन थामा.

गुरूजी के नेतृत्व में ही जेएमएम ने झारखण्ड विकास का किया था काम शुरू, उनके अनुभवों से हेमन्त सोरेन राज्य को दे रहे हैं नई दिशा 

ज्ञात हो, दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने 1970 में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का गठन कर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. जेएमएम गठन के पीछे का एकमात्र उद्देश्‍य अलग राज्य ‘झारखण्ड’ का मांग था. उनके नेतृत्व में पार्टी ने लगातार बिना थके अलग राज्‍य की लड़ाई लड़ी. राज्‍य गठन के बाद भी उन्हीं के नेतृत्व में जेएमएम की सक्रियता राजनीति में रही. लेकिन तब तक केन्द्रीय ताक़त के बल पर संघ-भाजपा के ब्राह्मणवाद ने झारखण्ड को जकड़ लिया था. फिर भी वह शख्स अपनी विचारधारा के साथ अपने साथियों के संग पूरी ताक़त से लोगों में यह एहसास जिन्दा रखे कि जब हम अलग राज्‍य ‘झारखण्ड’ का गठन कर सकते हैं तो अपने मूल उदेश्य, राज्य को खुशहाल भी बना सकते हैं.

समय बिता गुरु जी का शरीर वृद्ध होता चला गया. लेकिन एक आन्दोलानकारी का खून मुसीबत में शांत नहीं बैठ सकता. गुरुजी रूपी विचार ने हेमन्त सोरेन का रूप ले झारखण्ड की धरती पर फिर वही मजबूत दस्तक दी. सिपाहियों में वह वही उर्जा जागाये. और लूट संस्कृति पर आधारित बाहरी मानसिकता को झारखण्ड के मुस्तकबिल से उखाड फेंका. मसलन, जख्मों के अनुभवों से उन्होंने सिखा था कि झारखंडियों की सत्ता कायम करने के लिए जरुरी है कि यहाँ के युवाओं को राजनीतिक रूप दक्ष करना होगा और राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा. और बतौर मुख्यमंत्री वह पूरी ताक़त से इस में ईमानदारी से लगे हुए है. जिसका असर अब युवाओं में देखा जा सकता है.

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