हेमन्त सरकार का प्रयास – महाराष्ट्र रायगढ़ से 23 झारखंडी श्रमिकों को मुक्त कराया गया

इलेक्ट्रिशियन का काम करनेवाले इन 23 झारखंडी श्रमिकों को तीन महीने से एल एंड टी (लार्सन एंड टुर्बो) कंपनी मजदूरी नहीं दे रही थी

  • इलेक्ट्रिशियन का काम करनेवाले इन 23 झारखंडी श्रमिकों को पैसा नहीं दे रही थी कंपनी
  • राज्य सरकार के संज्ञान में आने के बाद कंपनी पर दबाव डाल कराया गया मुक्त
  • मुक्त हुए लोगों ने घर वापसी में सरकार की पहल के लिए मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद

रांची : पश्चिमी सिंहभूम के 23 श्रमिक महाराष्ट्र के रायगढ़ से एसआरसी फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन से मंगलवार को चक्रधरपुर पहुंचे. सभी श्रमिक रायगढ़ जिला में स्थित एल एंड टी (लार्सन एंड टुर्बो) कोंकण रेलवे में इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे. कंपनी ने इन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दिया था. ऐसे मुश्किल हालातों में काम कर रहे मजदूरों ने झारखंड वापस लौटने का फैसला किया. पर उनके पास ट्रेन के टिकट खरीदने तक के पैसे नहीं थे. श्रमिकों ने श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई. 

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने एल एंड टी के मैनेजर से बात कर सभी श्रमिकों के लिये ट्रेन भाड़े के मद में 10 हजार रुपये की व्यवस्था करायी. जल्दी ही श्रमिकों के बकाया वेतन का भी भुगतान कंपनी कर देगी. श्रमिकों ने झारखंड सुरक्षित वापसी के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के प्रति आभार प्रकट किया है.

सनकुचिया गांव के रहनेवाले हैं सभी श्रमिक

ये सभी श्रमिक पश्चिमी सिंहभूम के सनकुचिया गांव के नीमडीह पंचायत के टोंटो प्रखंड के निवासी हैं. कुछ महीने पहले से ये रायगढ़ स्थित कंपनी में इलेक्ट्रिशियन का काम कर रहे थे. वहां इन श्रमिकों का तीन महीने से वेतन नहीं मिला था. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और इसका संचालन कर रही फिया फाउंडेशन की टीम ने कंपनी के मैनेजर से बात कर कंपनी पर दबाव बनाया. अततः उनके प्रयासों से सभी मजदूर को मुक्त हुए और उनके ट्रेन के भाड़े की व्यवस्था हुई. कंपनी ने ही मजदूरों के भाड़े के लिए पैसे दिए और जल्दी ही श्रमिकों के बकाया वेतन का भी भुगतान कंपनी कर देगी.

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