गोस्सनर कॉलेज के 50वां स्वर्ण जयंती समारोह में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम कॉलेज के स्वर्णिम सफर को फिर से करेगा जीवंत...
मिशन का आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक के उत्थान में सहयोग रहा
झारखण्ड पिछड़ापन का दंश सिर्फ शिक्षा के आभाव में झेल रहा है
हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखण्ड
रांची : गोस्सनर कॉलेज ने अपने 50 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण कर लिया हैं. इस मौके पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए और छात्रों-शिक्षकों को शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि संसथान का संक्रमण काल में आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समेत अन्य के लिए सराहनीय सहयोग रहा. झारखण्ड में शिक्षा के स्तर को देखा जाए तो 50% से अधिक योगदान मिशन का रहा है. मिशन स्कूल और कॉलेज में अनुशासन और सम्मान के साथ शिक्षा दी जा रही है. संसथान की अच्छी शिक्षा का परिणाम है कि कॉलेज में 27 विभाग और हजारों छात्र पढ़ाई कर रहें हैं. बच्चों को तराशने में यहाँ के शिक्षक बड़ी भूमिका निभा रहें हैं.
शिक्षा के अभाव का दंश झेल रहा है झारखण्ड
मुख्यमंत्री – झारखण्ड का पिछड़ापन शिक्षा का दंश झेल रहा है. राज्य में बेहतर शिक्षा हेतु सरकार की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. झारखण्ड पिछले डेढ़ वर्ष से संक्रमण में फंसा रहा. अब समय सामान्य हो रहा है. लेकिन सक्रमण काल में शिक्षा प्रभावित रहा. ऑनलाइन क्लास के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के प्रभाव पड़े है. जिससे बच्चों के लिए चुनौती खड़ी हुई है. लेकिन, झारखण्ड जैसे राज्य इस महामारी के खिलाफ जिस प्रकार लड़ा वह सराहनीय है.
गोस्सनर कॉलेज की एक झलक…
एकीकृत बिहार के समय एक नवंबर 1971 से अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से कॉलेज की शुरुआत बेथेसदा स्कूल कैंपस से की गयी थी. यह कॉलेज अब 28 डिपार्टमेंट, 200 से ज्यादा कर्मचारी और 13000 विद्यार्थियों का रूप ले चुका है. इस अवसर पर कोलेबिरा विधायक विक्सल कोनगाडी, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, जीबी चेयरमैन गोस्सनर कॉलेज जोहान डांग, गोस्सनर कॉलेज के सचिव डॉ. सी.पी.एस. लुगुन, गोस्सनर कॉलेज की प्रोफेसर इन चार्ज श्रीमती इलानी पूर्ति, इतिहास विभाग के डॉ. बलबीर केरकेट्टा, रांची यूनिवर्सिटी के पदाधिकारीगण, जीइल चर्च के बिशप एवं छात्र उपस्थित थे.