झारखंड के इतिहास का मुख्यमंत्री जी को तनिक भी बोध नहीं 

खुद शराब बेचने वाली सरकार झामुमो पर लांछन लगा भ्रम फैला रही है, इससे यह साफ़ होता है कि साहेब को झारखंड के इतिहास का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है… 

झारखंड की सरकार शराब को शिक्षा से अधिक तरजीह देती है, जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि इस सरकार ने लोकसभा सभा चुनाव के पहले तक झारखंड में खुद ही शराब बेचा करती थी। एक तरफ यह सरकार शराब सेल्समैन को पाराशिक्षकों से अधिक वेतन देती थी तो दूसरी तरफ और खुद ही 1000 करोड़ का शराब पी गयी थी। जब इनके इस कदम से राजस्व में कुछ ख़ासा बढौतरी न दिखा और सरकार की किरकिरी होते देख, पुराने रूठे शराब ठेकेदारों मनाने के ख्याल से ठीक लोकसभा चुनाव के पहले शराब की फिर से नीलामी करवा दी और इसी की आड़ में अधिकांश ठेका शाहू समाज को दे दिया।

अभी महज चंद दिनों पहले इस बड़बोली सरकार के मुखिया जो अपने लचर जुबान के लिए जगप्रसिद्ध हैं ने अपने चुनावी भाषण में यह कह दिया कि झामुमो ने दारू पिला-पिलाकर झारखंड के आदिवासी बहनों को विधवा बना दिया और युवाओं की नस्ल खराब कर दी। मुख्यमंत्री जी के इस कथन से यह तो जरूर साबित होता है कि इन्हें झारखंड के इतिहास का तनिक मात्र भी ज्ञान नहीं है। यदि ये पढ़ते तो इन्हें पता होता कि झामुमो व शिबू सोरेन झारखंडी अस्मिता और झारखंडी समाज के पर्याय हैं। इन्हें यह भी पता होता कि शिबू सोरेन ने अपनी हड्डियाँ गला दी इसी महाजनीप्रथा और शराब जैसे लाइलाज बीमारी से लड़ने में। ऐसे ही झारखंडी समाज ने इन्हें दिशोम गुरु का उपाधि नहीं दे दिया। जबकि मुख्यमंत्री जी को सोशल मीडिया ने क्या नामकरण किया है यह सभ्य लेख में लिखा तक नहीं जा सकता। 

अलबत्ता, सच्चाई यह है कि झारखंड सरकार का लालच इतना बढ़ गया है कि अब राज्य के किराने की दुकानों में शराब की बिक्री करवाना चाह रही है। इसके लिए इनके आबकारी विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को प्रस्ताव भी भेज दिया है मुख्यमंत्री जी ने भी उस प्रस्ताव कुछ संशोधन हेतु वापिस भेज दिया है। संशोधन होते ही यह क़ानून का रूप ले लेगा। सरकार किराने दुकानों में शराब बेचकर प्रति वर्ष 1,500 करोड़ रुपये कमाना तो चाहती है, लेकिन इससे समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से कोई लेना-देना नहीं है।

मसलन, मुख्यमंत्री जी ऐसा बयान देकर झारखंडी जनता से सीधा चोरी और सीनाजोरी कर रहे हैं अपनी चुनावी भाषणों में इस प्रकार का भ्रम फैला कर साहेब राज्य की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

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