झारपुर के चूहे भी सरकार से नाराज़ – बाँध तोड़ कर जताया विरोध -व्यंग्य 

एक बार झारपुर राज्य में धूर्तों का शासन हो गया। बड़े धूर्तों ने मिलकर एक छ्टे धूर्त को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। उस धूर्त मुख्यमंत्री की लोक लुभावन जुमलों की आड़ में बाकी सभी धूर्तों ने अपनी पाँचों उंगलियाँ घी में डूबो लिए। ऐसा प्रतीत होता था की उस धूर्त मुख्यमंत्री को वहां की जनता के भगवान लम्बोदर अर्थात गणेश जी व उनके वाहन से खाफी खुनस थी। उसने ठान लिया था कि गणेश जी (हाथी) को बदनाम करके ही मानेंगे। उस धूर्त ने झारपुर के जनता से कहा कि अब मैं आपके भगवान को अब उनके वाहन मुसक (चूहा) से छुटकार दिलवाऊंगा, उन्हें अब उडाऊंगा, जिससे आपका कल्याण जल्द होगा। जनता खुश, बेसब्री से गणेश जी के उड़ने की प्रतीक्षा करने लगी, लेकिन गणेश जी भी ठाने बैठे थे कि उन्हें उड़ान ही नहीं भरनी … हाथी जमीन पर बैठ गया -धड़ाम और जनता के सपने चकनाचूर हो गए। इसी बीच बाकी धूर्तों ने उस योजना से जनता की जमीने व उनके अधिकार पा धावा बोल दिए थे।        

 अब उस धूर्त मुख्यमंत्री को लगा कि जब गणेश जी (हाथी) को बिठा कर वारे-न्यारे हो सकता है तो फिर उनके वाहन को क्यों बक्सा जाए। उसने फरमान जारी किया कि हमारे राज्य में पानी की किल्लत से किसानों का बड़ा अहित हो रहा है। उनकी भलाई के हम राज्य में कोनार डैम बनाएंगे, फिर से जनता खुश… सरकार के कसीदे गढ़ने लगे। डैम बनाने की ठेकेदादारी मुख्यमंत्री अपने साथी धूर्तों को और देख रेख का जिम्मा अपने भ्रष्ट अफसरों को दे दिया। डैम बनकर तैयार हुआ, गाजे-बाजे व चाटुकार मीडिया के बीच, खुद की सरकार का बखान करते हुए मुख्यमंत्री ने सुबह उस डैम का उदघाटन किया। झारपुर की जनता तो फूले नहीं समा रही थी, उनके राज्य में डैम जो बना था। मीडिया भी ख़ुशी-ख़ुशी दफ्तर गयी और अपने अखबारों के पन्ने सरकार की इस उपलब्धि से काली कर दिए, करते भी क्यों न अगले दिन उन्हें मेहनताना जो मिलना था। लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था – अगली सुबह डैम ढह गया, रुके हुए पानी से एकड़ के एकड़ लहलहाते खेत बर्बाद हो गए।

अब जनता यह मंजर देख कर अपना गाल बजा रही थी। उनके चीख पुकार सुनकर उन चाटुकार पत्रकारों को लगा कि अब तो उन्हें इनाम नहीं मिलेगा -लगे हो हल्ला मचाने। चूँकि जल्द ही चुनाव थे मुख्यमंत्री हड़बड़ाए, अपने चीफ सेक्रेट्री से कहा कुछ उपाय निकालो, आप ने भी मलाई खाई है।

चीफ सेक्रेट्री ने कहा- यस सर… यहाँ की जनता को उल्लू ही तो बनाना है, आसान है।

मुख्य अभियंता ने प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए में चीफ सेक्रेट्री को कहा कि इस डैम की ढहने की वजह चूहे हैं। मुख्य अभियंता ने अपर चीफ सेक्रेट्री को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमे संभावना व्यक्त की गयी थी कि इसकी वजह रैट होल्स हो सकते हैं। जनता मौन …अब उस धूर्त मुख्यमंत्री ने जब अपने भक्त जनता से पूछा कि डैम कैसे टूटा … तो भक्तों ने कहा साहेब बाँध तो चूहों ने गिरा दिया। 

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