झारखण्ड : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का महिला सशक्तिकरण में एक ओर सराहनीय पहल. राज्य की महिलाओं को मिलेगा 90% अनुदान पर पशुधन. अनुसूचित जाति-जनजाति व दुग्ध उत्पादक को भी मिलेगा अनुदान.
रांची : झारखण्ड की महिलाओं में पशुओं के प्रति ममत्व की भावना प्रबल पायी जाती है. महिलायें पतियों के मना करने के बावजूद पैसे बचाकर दो-चार मुर्गी, तीतर, बतक, बकरी, गाय जैसे पशु खरीद ही लेती है. और घर के ही खुराक से इन जानवारों को अपने बच्चों के समान पालती है. इसके सहारे बुरे समय में वह अपने परिवार को आर्थिक संकट से लड़ने में भी मदद करती है.
ऐसे में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का 90% अनुदान पर महिलाओं को पशुधन देने का ऐलान इन्हें खुशी दे सकती है. और मुख्यमंत्री का यह कदम इनकी सशक्तिकरण में मिल का पत्थर साबित हो सकती है. ज्ञात हो, आदेश के बाद मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत राज्य की गरीब ग्रामीण आबादी की आर्थिक मजबूती देने की यह प्रक्रिया एक सप्ताह में शुरू हो गया है.
राज्य के अधिकांश जनता तक योजना को पहुँचने हेतु सब्सिडी में हुआ संशोधन
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में संशोधन की प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर ही शुरू हो चुका है. गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित उपयोजना के तहत लाभुकों को मिलने वाले अनुदान में संशोधन किया जा रहा है. योजना के तहत आपदा, आगलगी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को 90% अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिया जाएगा. पहले यह 50% अनुदान पर दिया जाता था.
सभी पशु पालन योजना के अनुदान में हुआ है यह संशोधन
यह संशोधन केवल गव्य पालन के तहत मिलने वाले अनुदान के लिए नहीं बल्कि पशुपालन निदेशालय द्वारा संचालित बकरा पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट पालन, बायलर कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन में यह संशोधन हुआ है. अब असहाय विधवा महिला, दिव्यांग, निःसंतान दंपत्ति को 90 % पर और अन्य सभी वर्गों को 75% अनुदान पर योजना का लाभ मिलेगा.
अनुसूचित जाति-जनजाति के लाभुकों के लिए 75% अनुदान
कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत मिनी डेयरी के जरिए पांच दुधारू गाय/भैंस वितरण और मिडी डेयरी के जरिए मिलने वाले दस गाय और भैंस वितरण योजना में पहले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को जहां पूर्व में 33.33% अनुदान प्राप्त होता था. लेकिन अब हेमन्त सरकार में इन वर्गों को 75% अनुदान मिलेगा. साथ ही अन्य वर्गों के लाभुकों को 50% अनुदान प्राप्त होगा.
चैफ कटर वितरण एवं प्रगतिशील डेयरी कृषकों को भी मिलेगी सहायता
राज्य के चैफ कटर वितरण एवं प्रगतिशील डेयरी कृषकों की सहायता के दिशा में भी सरकार ने कदम बढ़ाया है. संचालित उपयोजना के तहत हस्त चलित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत सभी लाभुकों को 50% अनुदान दिया जाता था. लेकिन संशोधन के बाद अब अनुसूचित जाति-जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति के लिए अनुदान 90% कर दिया गया है. साथ ही अन्य वर्गों के लिए 75% अनुदान निर्धारित किया गया है.
यही नहीं प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले मिल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट के लिए भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति को 90% एवं अन्य सभी जातियों के लिए 75% अनुदान का उपबंध किया गया है. निश्चित रूप से हेमन्त सरकार का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ीकरण में कारगर उपाय साबित होगा.