हेमन्त के निर्णयों से अकुशल श्रमिक फिर से बन रहे कुशल किसान

झारखण्ड : कृषि क्षेत्र में सीएम हेमन्त के ठोस निर्णयों से ग्रामीण जन-जीवन में सुखद भविष्य की नई आस जगी है. अकुशल श्रमिकों को कुशल किसान के रूप में आत्मनिर्भर होने की राह दिख चली है.

रांची : झारखण्ड में हेमन्त शासन का वर्तमान नए सिरे से विकास के फासले को सफलता पूर्वक तय करने का सच लिए है. तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है. बजट 2024-25, समीक्षा बैठक में सीएम हेमन्त के द्वारा राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, खेल, उद्योग, स्वास्थ्य, कृषि, बिजली, पानी, सड़क, आवास और सामाजिक सुरक्षा, छात्रवृत्ति सहित सभी जरुरी आयामों पर विशेष जोर देने का निर्देश अधिकारियों को दिया जाए, तो राज्य में सीएम हेमन्त की मौजूदगी का अर्थ समझा जा सकता है.

अकुशल श्रमिक फिर से बन रहे कुशल किसान

सीएम हेमन्त सोरेन का गांव, कृषि, किसान पर विशेष फोकस 

ज्ञात हो झारखण्ड प्रदेश में खनीज सम्पदा के भरा पूरा राज्य होने के बावजूद ग्रामीण परिवेश कृषि, किसानी और वनोत्पाद पर जीवन गुजर-बसर करता है. हालांकि हेमन्त शासन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास की ओर ठोस कदम बढ़ाया है. लेकिन, कृषि क्षेत्र में हेमन्त सरकार के निर्णयों ने ग्रामीण जन-जीवन में सुखद भविष्य की नई आस जगाई है. और राज्य कृषि-किसानी क्षेत्र में सधे क़दमों के साथ पाने लक्ष्यों को पार करते हुए आत्मनिर्भर होने की दिशा बढ़ चला है. 

कृषि क्षेत्र में हेमन्त शासन के 04 वर्षों की महत्वपूर्ण उपलब्धियां

कृषि पशुपालन तथा खान एवं भूतत्व विभाग की 04 वर्षों में प्राप्त उपलब्धियों से तथ्य को समझने का प्रयास किया जा सकता है. 

  • झारखण्ड ब्लॉक चेन सिस्टम से बीज वितरण करने वाला पहला राज्य बना. 
  • केसीसी से 630000 नए किसान जोड़े गए. 
  • दूध का संग्रहण 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन हुआ .
  • प्रदेश के किसानों को ₹3 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दे कर38 हजार किसान लाभान्वित किया गया. 
  • मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना में कुल 13 लाख 94 हजार से अधिक सत्यापित लाभुकों  के बीच ₹478 करोड़ वितरित किया गया.

पशुधन योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा लाभुक लाभान्वित 

  • मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत अब तक राज्य के 10 लाख से ज्यादा लाभुकों को अनुदान राशि दी गई है. 
  • 5454 तालाब का जीर्णोंद्धार और 8081 परकोलेशन टैंक के साथ 3513 डीप बोरिंग की गई हैं. 
  • 17320 पंपसेट का वितरण किया गया है.
  • 1784 किसानों और स्वयं सहायता समूहों को मिनी ट्रैक्टर और पावर ट्रिलर वितरित किया गया. 
  • किसानों के सहयोग के लिए 24 x7 किसान हेल्पलाइन की शुरुआत हुई है. 
  • 3.30 लाख टन के विरुद्ध 2.95 लाख टन मछली उत्पादन हुआ है. 2018-19 में यह उत्पादन 2 लाख टन से कम था.

ज्ञात हो, कोरोना त्रासदी में राज्य को भान हुआ कि पूर्व की सरकारों में हुए खनन लूट के अक्स में झारखण्ड के स्किल्ड किसान अब अकुशल श्रमिक एवं प्रवासी श्रमिक हैं. और इनकी संख्या भी अब काफी बढ़ चुकी है. मसलन, सीएम हेमन्त सोरेन का दूरदर्शी सोच पर आधारित कृषि क्षेत्र में लिए गए निर्णय राज्य की लगभग 80% आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वापस कृषि से जोड़ उन्हें आत्मनिर्भर बना सकता है. और राज्य की अर्थव्यवस्था में नई इबारत लिख सकता है.

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