हेमन्त शासन में सामाजिक सुरक्षा पर कार्य देशहित में बड़ी पहल

झारखण्ड : ट्रान्सजेण्डर मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना. हेमन्त सरकार में जच्चा-बच्चा संरक्षण में भी लाई गयी योजनाएं. आंगनबाड़ी सेविका को 9500 सहायिका को 4750 रुपये प्रतिमाह मानदेय, सामाजिक सुरक्षा के दिशा में बड़ी पहल.

रांची : भारत 21वीं सदी में भी जाति-प्रथा जैसे कोढ़ से ग्रसित देश है. इस कोढ़ का घुसपैठ समाज से लेकर सरकार और सरकारी तंत्र तक है. मसलन, यह देश अपनी आजादी के 70 दशकों के बाद भी एक विकासशील ही है. और इस देश के बहुसंख्य आबादी गरीबी में जी रहे हैं, शिक्षा, स्वास्थ्य, आय, आवास, जैसे मौलिक सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसे में सामाजिक सुरक्षा के तहत चलने वाली सरकारी योजनाएं इन वंचित-गरीब के लिए किसी वरदान से कमतर नहीं आँका जा सकता है.

हेमंत का सामाजिक सुरक्षा में कार्य देशहित में

भारत पिछले 10 वर्षों में सामाजिक असमानता के अधिक विस्तारीकरण को जी रहा है. बहुसंख्यक नागरिक सामाजिक न्याय से वंचित है, बेरोजगारी-महंगाई जैसे कष्टकारी सच को जी रहे हैं. मसलन, भारत देश के नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होना नितांत आवश्यक है. क्योंकि सामाजिक सुरक्षा से गरीबों के जीवन को तत्काल सुरक्षा मिल सकती है. ऐसे में झारखण्ड में, हेमन्त शासन में इस दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य होना राज्य ही नहीं देशहित में एक बड़ी पहल है.

गरीब-वंचित, महिला और कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा जरुरी क्यों?

भारत के गरीब-वंचित, महिला व कर्मचारी वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होने से इनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आय, आवास, बुढ़ापा जैसे मौलिक अधिकार संरक्षित होंगे. जिससे इनके जीवन स्तर में सुधार होगा. इन्हें संसाधन प्राप्त होगा और ये अपने परिवारों का सम्मान पूर्वक भरण-पोषण कर पाने में सक्षम होंगे. इनका सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा जिससे इन्हें समान अवसर का लाभ प्राप्त होगा. नतीजतन, देश में सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित होगा. देश बुद्ध के शान्ति को प्राप्त होगा.

हेमन्त शासन में सर्वजन पेंशन योजना के तहत चलने वाली योजनायें 

  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना
  • मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना
  • मुख्यमंत्री राज्य आदिम जनजाति पेंशन योजना
  • मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना
  • मुख्यमंत्री राज्य HIV/AIDS पीड़ित व्यक्तियों के सहायतार्थ पेंशन योजना
  • स्वामी विवेकानन्द निःशक्त स्वाबलम्बन प्रोत्साहन योजना
  • ट्रान्सजेण्डर/तृतीय लिंग के लिए मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना

ज्ञात हो, झारखण्ड देश का पहला राज्य है जहाँ सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर सर्वजन पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना लागू हुआ है. अब सीएम हेमन्त के द्वारा ट्रान्सजेण्डर/तृतीय लिंग के लिए मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के रूप में एक और निर्णायक कदम उठाया गया है. इसके लिये बोर्ड का गठित होगा. जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग एक समेकित योजना तैयार कर रहा है.

महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के विभागीय सचिव के द्वारा बताया गया है कि सीएम हेमन्त सोरेन के दिशा निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा के तहत यह कार्य किये जा रहे हैं. इसके लिये सरकार ने अलग से 100 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है. ज्ञात हो 50 से 60 आयु वर्ग की एससी-एसटी महिलाएं भी वृद्धा पेंशन के लिए पात्र होंगी. नतीजतन, झारखण्ड प्रदेश में चार वर्षों में राज्य के पेंशनधारियों में 82% की वृद्धि दर्ज हुई है.

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना ड्रॉप आउट समस्या में कारगर 

झारखण्ड में राज्य में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत, पारिवारिक आर्थिक बोझ के तहत स्कूलों से ड्रॉप आउट हो रही बच्चियों को समस्या से मुक्ति मिली है. 2023-24 में 6 लाख 21000 बच्चियों को इस योजना से लाभान्वित कर इन्हें शिक्षा से जोड़े रखा गया है. 2022–23 में 7 लाख 28 हजार से ज्यादा बेटियों इस योजना से लाभान्वित किया गया था. बता दें कि सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना अब परिवार के सभी बेटियों के लिए उपलब्ध है.


आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपये सहायिकाओं को 4750 रुपये प्रतिमाह मानदेय

6850 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा. 29000 सेविकाओं को स्मार्ट मोबाइल दिया जायेगा. इन केन्द्रों में एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरीफायर और स्मार्ट टीवी से लैस होगा. आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपये सहायिकाओं को 4750 रुपये प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया गया है. प्रतिवर्ष क्रमशः 500 रुपये और 250 रुपये मानदेय वृद्धि का प्रावधान भी किया गया है. और इनकी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है.

सेविकाओं और सहायिकाओं को सुविधा देने के साथ केन्द्रों में प्रदाय सेवाओं को अधिक प्रभावकारी और प्रसांगिक बनाने का प्रयास भी विभाग की ओर हो रहा है. राज्य में मातृ किट वितरण की योजना शुरू हुई है. सेनेटरी नैपकिन वितरण शुरू किया जा रहा है. राज्य में विधवा पुनर्विवाह पर सरकार की ओर से दो लाख रुपये की आर्थिक राशि उपलब्ध कराई जायेगी. राज्य में 11880 कन्याओं को विवाह पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गयी है.

हेमन्त सरकार में जच्चा-बच्चा के संरक्षण में भी लाई गयी है योजनाएं 

प्रदेश के 6 लाख गर्भवती महिलाओं के लिये भी योजना शीघ्र प्रारंभ होने जा रही है. बच्चों के संरक्षण और देखभाल के लिये बच्चों को 4000 रुपये प्रति बच्चा स्पॉन्सरशिप राशि उपलब्ध कराया जा रहा है. अब तक यह लाभ 4497 बच्चों को दिया जा चुका है. विधि के उल्लंघन में लिप्त बच्चों के मामलों के निपटारा हेतु सृजित किशोर न्याय बोर्ड संख्या को बढ़ाकर 26 किया गया है, ताकि ऐसे सभी मामलों में उचित एवं त्वरित निपटारा हो सके.

चाइल्ड इन कंफ्लिक्ट विद ला के लिए रांची जिले में 1107.23 लाख से 50 शैय्या वाले एक प्लेस आफ सेप्टी के निर्माण की योजना है.राज्य के तीन जिला दुमका, पलामू और लातेहार में ऐसे तीन होम तैयार किये जाने की योजना है, जिसमें एक ही कैंपस में ओल्ड एज होम और चिल्ड्रेन होम होंगे. बाल विकास परियोजना के रिक्त पदों में विरुद्ध 64 पदों पर तथा महिला पर्यवेक्षिकाओं के रिक्त पदों के विरुद्ध 444 पदों पर नियुक्ति संबंधी कार्रवाई भी हो है. इन पदों पर जल्द होगी नियुक्तियां.

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