झारखण्ड खेल नीति : पदकधारी, भाग लेने वाले खिलाड़ी व प्रशिक्षकों की सम्मान राशि में बढ़ोतरी के निर्णय से राज्य के खिलाड़ियों के मिलेगी आर्थिक सुरक्षा और राज्य में बढ़ेगा खेल क्षेत्र में निवेश .
रांची : झारखण्ड की आत्मा में खेल रचता-बसता है. अलग झारखण्ड की समझ भी एक खिलाड़ी ने ही उभारा था. वर्तमान दौर में खेल व्यवसाय, करियर, जीवन शैली, स्वास्थ्य और सामाजिक सद्भाव का अर्थ लिए है. पूर्व की बीजेपी शासनों में झारखण्ड का दुर्भाग्य रहा कि खेल को मनोरंजक गतिविधि से अधिक नहीं माना गया. जिसके अक्स में राज्य में खिलाड़ियों का भविष्य के अनदेखी हुई. लेकिन, हेमन्त शासन में खेल का सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व समझने का प्रयास हुआ है.
खेल लोगों को साथ लाता है सामाजिक एकता और सद्भाव को सींचता है. समाज में नैतिक मूल्यों का विकास कर राष्ट्र निर्माण में भागिदार बनता है. एक दुसरे के बीच समानता के भाव उतपन्न कर टीम वर्क और नेतृत्व कौशल को विकसित करता है. साथ ही आत्मविश्वास, आत्म-नियंत्रण और अनुशासन के विकास के आसरे व्यक्तिगत विकास में अहम कड़ी साबित होता है. खेल से पर्यटन को बढ़ावा दे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ होता है.
खेल से निर्माण, प्रसारण, विपणन और विज्ञापन और प्रायोजन जैसे अन्य कई क्षेत्रों में रोजगार का सृजन होता है. खेल उत्पादों और सेवाओं की बिक्री से आय में वृद्धि होती है. सरकार को कर राजस्व प्राप्त होता है. उदाहरण -2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से अमेरिका को $10.9 बिलियन की आय हुई और 7.8 मिलियन लोगों को रोजगार मिला. 2010 के FIFA विश्व कप से दक्षिण अफ्रीका को $10 बिलियन का व्यापारिक लाभ हुआ. सांस्कृतिक विनिमय को बढ़ावा मिला.
खेल में सीएम का दूरगामी सोच लिए हुए है सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मायने
सम्मान राशि में बढ़ोतरी से राज्य में खेल निवेश को लेकर निवेशकों को प्रोत्साहित करेगा. इससे खेल के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और खिलाड़ियों बेहतर भविष्य मिलेगा. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार होगा और वह बतौर भारतीय देश का मान बढ़ाएंगे. खिलाड़ी अधिक मेहनत करेंगे और प्रतिस्पर्धा के अक्स में राज्य में खेल का विकास होगा और खिलाड़ी की क्षमता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निखार आयेगा. जिससे वह प्रतियोगियों को कड़ी टक्कर दे सकेंगे.
ज्ञात हो, हेमन्त शासन में झारखण्ड खेल नीति-2022 के तहत ओलम्पिक संघ से मान्यता प्राप्त राज्य के राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय और अन्य खेलों के पदकधारी हों या खेलों में भाग लिए हों, उनके सम्मान राशि में वृद्धि करने का प्रावधान किया गया है. मौजूदा प्रस्ताव में खिलाड़ियों के राशि में 50 हजार से अधिकतम 5 करोड़ और प्रशिक्षकों की राशि को 50 हजार से अधिकतम 25 लाख की का प्रावधान किया गया है. ताकि खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा भावना जागृत हो और वह उत्कृष्ट प्रदर्शन करें.
हरिवंश राय टाना भगत इंडोर स्टेडियम खिलाड़ी सम्मान का बना गवाह
झारखण्ड के हरिवंश राय टाना भगत इंडोर स्टेडियम, मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेलगांव, रांची में “खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को सम्मान राशि से सम्मानित करने के दिशा में समारोह आयोजित किया गया. सीएम हेमन्त सोरेन ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की. और उनके द्वारा 19 खेलों के लिए 222 खिलाड़ियों एवं 52 प्रशिक्षकों से बीच लगभग 5 करोड़ रुपए की सम्मान राशि पुरस्कार स्वरूप वितरण किया गया.
सीएम के द्वारा कहा गया कि राज्य में पंचायत स्तर पर “सिदो-कान्हू युवा खेल क्लब” की शुरुआत होगी. राज्य के खिलाड़ियों के भविष्य की चिंता अब उनकी सरकार करेगी. उनकी सरकार खिलाड़ियों के प्रयास को जाया नहीं होने देंगे. देश के कोई भी खेल का उद्देश्य बिना झारखण्ड के खिलाड़ियों के पूर्ण न हो सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है. अब राज्य में बने हर स्टेडियम का उदेश्य पूरा होगा. उन्होंने कहा कि उनकी परिकल्पना है कि यहां लगातार प्रतियोगिताएं होता रहे.
“एशियन महिला हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी-2023” और जोहार पोर्टल जैसे कदम
ज्ञात हो, हेमन्त सरकार शुरूआती दौर से ही राज्य के खिलाड़ियों का प्रशिक्षण लिए देश के बेहतर कोचिंग दिलाने दिला रही है. देश में पहली बार है हॉकी इण्डिया एवं राज्य सरकार द्वारा झारखण्ड विमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी – 2023″ का आयोजन 27 अक्टूबर से 05 नवम्बर 2023 तक होने जा रहा है. इसमें एशिया के 06 देश भाग लेंगे. झारखण्ड की बेटियाँ भी यह टूर्नामेंट खेलेंगी. यह पहला मौका है जब झारखण्ड बड़े प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है.
झारखण्ड खेल विभाग के द्वारा जोहार खिलाड़ी पोर्टल की शुरुआत की गयी है. यह पोर्टल देश का पहला ऐसा पोर्टल है जिसके माध्यम से खेल और खिलाड़ियों का डेटा एकत्रित कर उन्हें हर सम्भव मदद करने का प्रयास करेगा इस पोर्टल में खिलाड़ी और प्रशिक्षकों का पूर्ण विवरण होगा. मसलन कहा जा सकता है सीएम हेमन्त सोरेन का यह दूरदर्शी सोच झारखण्ड में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मायने लिए हुए है. जो राज्य को नई दिशा देने में कारगर साबित होगी.