झारखण्ड : एक्स्सिलेंस स्कूल, परीक्षा तैयारी, स्कॉलरशिप, एम्बुलेंस, सीएम गंभीर उपचार योजना, पंचायती दवा दूकान, नियुक्ति, स्वरोजगार, राशनकार्ड, धोती-साड़ी-लुंगी, और अब अबुआ मकान.
रांची : झारखण्ड की हेमन्त सरकार संविधान मूल-भूत अधिकारों को न केवल जनपक्ष में सुनिश्चित करती दिखती है. हेमन्त सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के समीक्षा से मालूम पड़ता है वह सभी लोकतांत्रिक आयामों को धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है. ज्ञात हो, हेमन्त सरकार में एक्सीलेंस स्कूल, प्रतियोगिता तैयारी, गुरूजी क्रेडिट कार्ड, विदेश में पढाई के लिए स्कॉलरशिप, अनुसूचित जाति होस्टल जैसे कई क्रांतिकारी कदम उठाये गए है.
साथ ही, सभी मार्गों पर एम्बुलेंस, पंचायती दवा दूकान, सदर अस्पताल सुदृढ़ीकरण, सीएम गंभीर बीमारी योजना जैसे कई निर्णायक कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए गए हैं. जिसके आसरे झारखण्ड ने अल्प संसाधन में भी कोरोना संक्रमण से निर्णायक लड़ाई लड़ी. दूसरी तरफ यह सरकार ने राज्य में अरसे से पड़े सरकारी रिक्त पदों पर विपक्षी षड्यंत्रों के बावजूद नियुक्तियां कर रही है. साथ ही राज्य के सभी वर्ग के लिए बैंकों के पक्षपात के बावजूद स्वरोजगार के रास्ते खोल रही है.
राशनकार्ड के जरिये रोटी-कपडा हो रहा उपलब्ध
हेमन्त शासन में 15 नवंबर 2020 से ग्रीन राशन कार्ड के माध्यम से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबों को सस्ता राशन दिया जा रहा है. झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों को 5 किलो अनाज 1 रूपये प्रति किलोग्राम के दर पर उपलब्ध हो रहा है. पूर्व सरकार में भूख से मरने वाले राज्य में हेमन्त सरकार में सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना पुन: शुरू हुई. जिसके अक्स में राज्य के माँ-बहन व बुजुर्गों के इज्जत को ढकने का मानवीय प्रयास हुआ है.
झारखण्ड की जनता को हेमन्त शासन में मिलेगा अबुआ मकान
केंद्र सरकार के द्वारा झारखण्ड राज्य के गरीबों के आठ लाख से अधिक आवास की स्वीकृति नहीं हुए. नतीजतन, हेमन्त कैबिनेट में राज्य संपोषित अबुआ आवास योजना को स्वीकृति दी गई. योजना के तहत सरकार 8 लाख गरीबों को पक्का मकान मुहैया करायेगी. प्रथम चरण वित्तीय वर्ष 2023-24 में 02 लाख, 2024-25 में 03 लाख 50 हजार एवं 2025-26 में 02 लाख 50 हजार मकान निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. कुल 16 हजार 320 करोड़ रुपए की लागत यह आवास निर्मित होंगे.
लाभिकों को रसोई घर के साथ तीन कमरों का मिलेगा मकान
यह अबुआ आवास तीन कमरों का होगा, जिसका क्षेत्रफल 31 वर्गमीटर होगा. योजना अंतर्गत स्वच्छ रसोई घर का भी प्रावधान है. योग्य लाभुकों के लिए योजना के तहत आवास निर्माण के लिए सहयोग राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रावधान हुआ है. साथ ही, लाभार्थी को मनरेगा अंतर्गत अपने आवास के निर्माण के लिए वर्तमान मजदूरी (समय समय पर संशोधित) दर पर अधिकतम 95 अकुशल मानव दिवस के समतुल्य आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण हेतु प्राप्त होगा.
सरकारी लाभों से वंचित गरीबी को मिलेगा यह अबुआ आवास
योजना का लाभ कच्चे घरों में रहने वाले परिवार, आवासविहीन एवं निराश्रित परिवार, विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह ( PVTG) के परिवार, प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर एवं जिन्हें राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना यथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण / बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना / बिरसा आवास योजना / इंदिरा आवास योजना इत्यादि का लाभ न मिला हो.