झारखण्ड : मनरेगा योजनाओं की समीक्षा. उपायुक्तों को बढ़ी जिम्मेदारी. बढ़ेगा पानी की स्टोरेज क्षमता. ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में मनरेगा को प्राथमिकता. किसान व मजदूरों के आर्थिक विकास पर जोर.
रांची : सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृव वाली गठबंधन सरकार में, झारखण्ड के गरीब किसान व मजदूरों की आर्थिक विकास में कोरोना काल से ही निर्णायक कार्य हो रहे हैं. मनरेगा को माध्यम बना कई योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है. जिससे लक्षित मानव दिवस का श्रृजन हुआ है . मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा व आधुनिक सोच के कारण ग्रामीण अर्थवयवस्था मजबूतीकरण के अक्स में राज्य के किसान व मजदूरों के आर्थिक विकास संभव हो पा रहा है.
06,जुलाई 2023, दिन गुरूवार को सीएम हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखण्ड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की समीक्षा बैठक संपन्न हुई. बैठक में उपाध्यक्ष एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और सदस्य के तौर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख समेत अन्य सदस्यगण की उपस्थिति रही. बैठक में सीएम हेमन्त के द्वारा झारखण्ड के ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण की दिशा में कई अहम निर्देश दिए गए.
ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की समीक्षा बैठक में दिए गए अहम निर्देश व निर्णय
- मनरेगा के तहत जिला कार्यक्रम समन्वयक की जिम्मेदारी जिलों उपायुक्तों को देने के प्रस्ताव पर सीएम ने सहमति दी.
- चुआं व झरने के मैपिंग कर पानी की स्टोरेज कैपेसिटी को बढ़ाने और उसके समुचित इस्तेमाल के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया.
- झारखण्ड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की हर तीन माह में बैठक होगी.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में मनरेगा को प्राथमिकता दिया गया.
- सभी वर्ग के किसान व मजदूरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव को प्राथमिकता दी गई.
- मनरेगा योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मजबूत निगरानी के निर्देश.
- मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने हेतु लाभुकों की अकाउंटेबिलिटी तय करने के निर्देश.
- ग्रामीणों को मनरेगा योजनाओं से जोड़ने को लेकर अधिकारियों को पहल करने को कहा गया.
- मनरेगा श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए.
- मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ी और लापरवाही पर अंकुश लगाने के लिए सोशल ऑडिट को नियमित कराने का निर्देश दिया गया.
- खेल मैदानों के चारों ओर वृक्षारोपण कराने के निर्देश.
- योग्य लाभुकों को वन पट्टा देने की दिशा में मिशन मोड में कार्य करने का निर्देश.
- बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत खाली जमीनों पर फलदार पेड़ लगाने की मुहिम को तेज करनेका निर्देश.
- सीएम ने सम्बंधित विषय पर मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधियों से स्वयं बात की.
झारखण्ड में मनरेगा योजना से जुड़े अहम तथ्य
- चालू वित्तीय वर्ष (2023 -24) में 900 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है. जून माह के अंत तक 360.32 लाख मानव दिवस सृजित हो चुका है.
- वित्तीय वर्ष 2023- 24 में जून माह तक सक्रिय जॉब कार्डो की संख्या 34.28 लाख और सक्रिय मजदूरों की संख्या 42.93 लाख है.
- मनरेगा में ससमय मजदुरी भुगतान की उपलब्धि लगभग शत प्रतिशत है.
- वित्तीय वर्ष 2023- 24 में अब तक सृजित परिसंपत्तियों (पूर्ण योजनाएं) 275565 है.
- नीलाम्बर- पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत 403817 योजनाएं ली गयी हैँ, जिनमे 333123 पूर्ण कर ली गई हैं.
- बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 105419 एकड़ में फलदार वृक्ष लगाएं जा रहे हैं.
- वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत ली गयी 4776 योजनाओं में 3537 पूर्ण हो चुकी है.
- दीदी बाड़ी योजना के तहत ली गयी 298690 योजनाओं में 162372 पूर्ण हो चुकी है.
- दीदी बगिया योजना के तहत 394 योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है.
- बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना के तहत 23958 कूपों का निर्माण कार्य जारी है.
- वर्तमान में 16 जिलों में लोकपाल कार्य कर रहे हैं और 5 जिलों में लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
- मनरेगा की सोशल ऑडिट में वित्तीय अनियमितता, वित्तीय विचलन, प्रक्रिया उल्लंघन और शिकायत के 1234956 मामले सामने आएं हैं, जिसमे 87092 मामलों में एटीआर अपलोड हो चुका है और 63819 मामले निष्पादित हो चुके हैं.
- मनरेगा श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी प्रावधान है. इसके अंतर्गत दुर्घटना में मौत अथवा विकलांग होने पर दो लाख रुपए और सामान्य मौत पर एक लाख रुपए तथा मनरेगा के अंतर्गत निर्मित डोभा में डूबकर मौत पर एक लाख रुपये उसके आश्रित को अनुदान के रूप में दिया जाता है.
- एरिया ऑफिसर एप्प के माध्यम से मनरेगा की योजनाएं के निरीक्षण में झारखंड देश में पहले स्थान पर है.