झारखण्ड सरकार के प्रयासों के कारण राज्य में एक तरफ ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है तो दूसरी तरफ 100 यूनिट से कम खपत वाले उपभोक्ता परिवारों को मुफ्त बिजली प्राप्त हो रहा है.
रांची : 21वीं सदी की जीवन रेखा ऊर्जा के बिना पूरी नहीं हो सकती है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि झारखण्ड के पूर्व के शासनों में ऊर्जा के क्षेत्र में कोई ठोस काम नहीं हुए. जबकि झारखण्ड के खनिज का लाभ पूरा देश उठाता रहा है. यह पहला मौक़ा है जब सीएम हेमन्त सोरेन के शासन में झारखण्ड ऊर्जा भविष्य को लेकर गंभीर दिखा है. और सरकार व उसके तंत्र ऊर्जा के संभावनाओं आंकलन करते हुए नीतियां बना रहे हैं.
ज्ञात हो, देश-दुनिया के साथ चलने हेतु हेमन्त शासन में ऊर्जा नीति पर गंभीर कार्य हो रहे हैं. यह राज्य में पहला मौक़ा है जबी किसी सीएम ने ऊर्जा क्षेत्र में दूरदर्शी दृष्टि डाली है. वर्तमान में सभी प्रकार के ऊर्जा स्रोतों के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है. सौर ऊर्जा नीति 2022 भी इसी का हिस्सा है. राज्य में ऊर्जा उत्पादन हेतु निवेशकों को सुविधा एवं माहौल देने का प्रयास हो रहा है. और सरकार अपने स्तर पर भी कार्य कर रही है.
द्विपथ लिलो संचरण लाइन का उद्घाटन इसी सच का हिस्सा
सरकार के इन्हीं प्रयासों के कारण राज्य में एक तरफ ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है तो दूसरी तरफ 100 यूनिट से कम खपत वाले उपभोक्ता परिवारों को मुफ्त बिजली प्राप्त हो रहा है. 3 जुलाई 2023 को 132/33 के०वी० (2 x 50 MVA) ग्रिड सब-स्टेशन, जरमुण्डी एवं द्विपथ लिलो संचरण लाईन का ऊर्जान्वयन सीएम के द्वारा किया गया. इस ग्रिड सब-स्टेशन से दुमका एवं देवघर जिले के दुरस्त इलाकों में बिजली की पहुंच संभव हुई है.
सीएम हेमन्त के द्वारा कहा गया कि उनकी सरकार राज्य के हर परिवार तक निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने को कृतसंकल्प है. क्योंकि बिना बिजली के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. साथ ही झारखण्ड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एवं झारखण्ड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के पदाधिकारियों, कर्मचारियों के सकारात्मक कार्यों के लिए उनकी पीठ थपथपाई. और प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं नागरिकों को कार्य के सफल संपादन में सहयोग हेतु धन्यवाद दिया.