झारखण्ड : हेमन्त शासन मीडिया की स्वतंत्रता. महिला सशक्तिकरण. गरीबी उन्मूलन. शिक्षा. योजनाओं का क्रियान्वयन. जन अधिकार संरक्षण. ग्रामीण अर्थवयवस्था सुदृढ़ीकरण. SC, ST, OBC अधिकार संरक्षण. प्राकृतिक संरक्षण सभी कसौटी पर उतर रहा खरा.
रांची : झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम का पहला पग गढ़वा जिला में रखा गया है. मुख्यमंत्री के जिला परिभ्रमण में आम जनता से मुलाकात हो रही है, उनकी समस्याओं से अवगत हो रहे हैं. और समस्याओं के निराकरण का निर्देश सम्बंधित पदाधिकारियों को दिया जा रहा है. सीएम की यह अदा राज्यवासियों को भा रही है. इसकी स्पष्ट तस्वीर गढ़वा जिला में सीएम का भव्य स्वागत करती है.
सीएम हेमन्त सोरेन संविधानिक मूल्यों की सुनिश्चितता के प्रति गंभीर
किसी भी शासन का आंकलन कई परिस्थतियों से किया जाता है. जैसे – मीडिया की स्वतंत्रता. महिला सशक्तिकरण. गरीबी उन्मूलन. मुखिया तक जनता की आसान पहुँच. शिक्षा मजबूतीकरण. जन कल्याणकारी योजनायें व उसका क्रियान्वयन. नीतियों के अक्स में जन अधिकार संरक्षण. ग्रामीण अर्थवयवस्था सुदृढ़ीकरण. अनूसूचित जातियों, जन जातियों व पिछड़ों के अधिकार संरक्षण. प्राकृतिक संरक्षण जैसे कसौटी पर वह शासन कितना खरा उतरता है.
ज्ञात हो, किसी भी देश या राज्य में विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. क्योंकि सरकार कि नीतियों व योजनाओं की क्रियान्वयन की गति वहां की जनता, पदाधिकारी व भगौलिक संरचना पर भी निर्भर करता है. झारखण्ड के मौजूदा शासन की कार्य प्रणाली, नीतियों व योजनाओं की पृष्ठभूमि में सीएम हेमन्त सोरेन उपरोक्त सभी अहर्ताओं को न केवल स्पष्ट रूप से पूरा करते दिखते हैं. संविधानिक मूल्यों की सुनिश्चितता के प्रति गंभीर भी दिखते हैं.
हेमन्त शासन में मीडिया पूरी तरह से स्वतंत्र
- सीएम हेमन्त के नेतृत्व में मीडिया स्वतंत्र है. इस प्रदेश में हर प्रकार का मीडिया स्वतंत्र रूप से अपनी सूचना प्रसारित कर पा रहा है.
- महिला सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन की दिशा में नीतियां व कई जन कल्याणकारी योजनाएं न केवल लागू की गयी है, इसके क्रियान्वयन पर सीएम सोरेन स्वयं निगरानी रखते हैं.
- सीएम सोरेन तक झारखंडी जनता की पहुँच न केवल आसान है बल्कि सीएम स्वयं जनता के बीच पहुँच उनकी समस्या सुनते देखे जाते हैं.
- नीतियों के अक्स में कर्मचारी समेत हर वर्ग की जनता के अधिकार सुनिश्चित हुए हैं.
- हेमन्त शासन में राज्य की अर्थवयवस्था के मद्देनजर उद्यौगिकीकरण, पर्यटन, खेल समेत ग्रामीण अर्तव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर गंभीरता से कार्य हो रहे हैं.
झारखण्ड के इतिहास में पहली बार शिक्षा के मजबूतीकरण में बुनियादी बदलाव
शिक्षा के मजबूतीकरण में झारखण्ड के इतिहास में पहली बार बुनियादी बदलाव देखे जा रहे हैं. अनूसूचित जातियों, जन जातियों व पिछड़ों के छात्रवासों को दुरुस्त किया जा रहा है और सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. राज्य में सीबीएसई स्कूलों के तर्ज पर मॉडल स्कूल व शिक्षक तैयार किये जा रहे हैं. शत प्रतिशत सरकारी अनुदान पर एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का मौक़ा दिया जा रहा है.
एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के छात्रों की शिक्षा के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है. राज्य की बेटियों के लिए सावित्रीबाई फूले किशोरी योजना की शुरुआत की गयी है. किशोरियों की पढाई का जिम्मा सरकार द्वारा उठाने का सराहनीय प्रयास हुआ है. राज्य के युवाओं को सरकार द्वारा मुफ्त प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. राज्य में कई नई कॉलेज व युनिवेर्सिटी की नीव राखी गयी है.